मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल को लगता है कि कथित धन शोधन मामले में उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच उचित नहीं है और इसलिए वह तफ्तीश में नहीं जा रहे हैं. देशमुख के वकील कमलेश घुमरे ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि, ईडी की जांच वास्तविक जांच के बजाय उत्पीड़न की तरह ज्यादा दिखाई दे रही है.
प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख को कई समन जारी कर बयान दर्ज करने को कहा था. लेकिन राकांपा नेता देशमुख (72) ने कोविड-19 को लेकर संवेदनशील होने का हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था. इसके बजाय उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की पेशकश की थी.
देशमुख ने मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचाव की अपील करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. इस साल की शुरुआत में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई और ईडी ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था. पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अपनी शिकायत में देशमुख पर कम से कम ₹100 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
वकील घुमरे ने कहा, देशमुख को लगता है कि, यह जांच उचित नहीं है. इसलिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं. देशमुख के वकील ने कहा ईडी को कम से कम हमें बताना तो चाहिए, जांच एजेंसी कौन-कौन से दस्तावेज चाहती है.
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पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील ने कहा डिजिटल प्लेटफॉर्म और अन्य तरीकों के जरिए देशमुख को सीधे पूछताछ के लिए कहा जा रहा है. वकील घुमरे ने आरोप लगाया, ईडी की जांच वास्तविक जांच नहीं बल्कि उत्पीड़न की तरह लग रही है.
(पीटीआई-भाषा)