मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री (former Maharashtra home minister) अनिल देशमुख (Anil Deshmukh ) और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में करीब चार करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act) के तहत एक अस्थायी कुर्की आदेश जारी किया गया है.
72 वर्षीय देशमुख पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कम से कम तीन समन में शामिल नहीं हुए हैं.
उनके बेटे हृषिकेश (Hrishikesh ) और पत्नी को भी संघीय जांच एजेंसी ने तलब किया था लेकिन उन्होंने भी गवाही देने से इनकार कर दिया.
समन महाराष्ट्र पुलिस प्रतिष्ठान में कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये के रिश्वत-सह-जबरन वसूली रैकेट से संबंधित PMLA के तहत दर्ज आपराधिक मामले के संबंध में जारी किए गए थे, जिसके कारण इस साल अप्रैल में देशमुख का इस्तीफा हुआ था.
एनसीपी नेता देशमुख ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है, उनके वकीलों ने उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अनुचित बताया है, और पूर्व मंत्री ने हाल ही में ईडी द्वारा किसी भी कठोर कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करने वाली याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
ईडी ने इससे पहले देशमुख को कई समन जारी कर बयान दर्ज करने को कहा था. हालांकि, राकांपा नेता देशमुख (72) ने कोविड-19 को लेकर 'संवेदनशील' होने का हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था. इसके बजाय उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की पेशकश की है. देशमुख ने मामले में किसी भी दंडात्मक कार्रवाई से बचाव की अपील करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया.
इस साल की शुरुआत में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई और ईडी ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया था.. सिंह ने अपनी शिकायत में देशमुख पर कम से कम 100 करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
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वकील घुमरे ने कहा, 'देशमुख को लगता है कि यह जांच उचित नहीं है, इसलिए वह जांच में शामिल नहीं हो रहे हैं..जांच एजेंसी जो भी दस्तावेज चाहती है, उसे कम से कम हमें बताना तो चाहिए.'
हालांकि उन्होंने कहा डिजिटल प्लेटफॉर्म और अन्य तरीकों के जरिये देशमुख को सीधे पूछताछ के लिए कहा जा रहा है.
घुमरे ने आरोप लगाया, 'ईडी की जांच वास्तविक जांच नहीं बल्कि उत्पीड़न की तरह लग रही है.'