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ईडी ने एचएएल के पूर्व महाप्रबंधक, पांच अन्य की संपत्ति कुर्क की

ईडी (ED) ने धन की हेराफेरी के मामले में एचएएल के पूर्व जीएम के अलावा पांच लोगों को संपत्ति को कुर्क कर लिया. कुर्क संपत्ति की कुल कीमत 2,39,38,681 रुपये है.

Enforcement Directorate
प्रवर्तन निदेशालय
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Published : Jul 30, 2022, 6:15 PM IST

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन की कथित हेराफेरी से जुड़ी जांच के क्रम में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एक पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) और पांच अन्य लोगों की 2.39 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को धनशोधन कानून के तहत कुर्क कर लिया है.

केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि एचएएल के महाप्रबंधक (वित्त) रह चुके भाबेन मैत्रा और बिपरा चरण महाराणा, सदानंद नायक, जीसूदन खोसला, जयराम गरड़ा जगन्नाथ आपट और दिवंगत उरधाबा खोसला की चल-अचल संपत्ति धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है. बयान में कहा गया कि संपत्ति की कुल कीमत 2,39,38,681 रुपये है.

ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की भुवनेश्वर शाखा (ACB) द्वारा दर्ज की गईं छह प्राथमिकियों का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि 2013-18 के बीच 'दस्तावेज़ों में फर्जीवाड़ा कर एचएएल की 18.75 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया गया.' एजेंसी ने आरोप लगाया कि मैत्रा और अन्य ने 'अपराध के माध्यम से धन अर्जित किया और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे. अपराध से अर्जित आय के स्रोत को छिपाने के लिए विभिन्न संपत्तियां हासिल कीं और उन्हें बेदाग के रूप में पेश किया.'

नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने धन की कथित हेराफेरी से जुड़ी जांच के क्रम में हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के एक पूर्व महाप्रबंधक (वित्त) और पांच अन्य लोगों की 2.39 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को धनशोधन कानून के तहत कुर्क कर लिया है.

केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में कहा कि एचएएल के महाप्रबंधक (वित्त) रह चुके भाबेन मैत्रा और बिपरा चरण महाराणा, सदानंद नायक, जीसूदन खोसला, जयराम गरड़ा जगन्नाथ आपट और दिवंगत उरधाबा खोसला की चल-अचल संपत्ति धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है. बयान में कहा गया कि संपत्ति की कुल कीमत 2,39,38,681 रुपये है.

ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की भुवनेश्वर शाखा (ACB) द्वारा दर्ज की गईं छह प्राथमिकियों का संज्ञान लेने के बाद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि 2013-18 के बीच 'दस्तावेज़ों में फर्जीवाड़ा कर एचएएल की 18.75 करोड़ रुपये की राशि का गबन किया गया.' एजेंसी ने आरोप लगाया कि मैत्रा और अन्य ने 'अपराध के माध्यम से धन अर्जित किया और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे. अपराध से अर्जित आय के स्रोत को छिपाने के लिए विभिन्न संपत्तियां हासिल कीं और उन्हें बेदाग के रूप में पेश किया.'

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(पीटीआई-भाषा)

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