प्रयागराज : लाखों लोग कोन से आइसक्रीम खाने के बाद कोन को चबाते हैं. उसी प्रकार उत्तर प्रदेश में देवरिया स्थित किसानों का एक समूह अब बाजरा से बने 'कुल्हड़' लेकर आया है, इसका उपयोग चाय पीने के लिए और नाश्ते के रूप में खाने के लिए किया जा सकता है. दिलचस्प बात यह है कि ये ' Kulhad Cup ' ऐसे समय में आए हैं जब 2019 में भारत के प्रस्ताव के बाद संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष ( International Millets Year , United Nations ) वर्ष घोषित किया गया है.
प्रयागराज में चल रहे माघ मेले ( Magh mela Pryagraj UP )में रागी और मक्के के मोटे दाने से बने इन पौष्टिक कुल्हड़ों को ' चाय पियो और कुल्हड़ खाओ ' ( Chai pio aur kulhad khao ) नाम दिया गया है. समूह के एक सदस्य अंकित राय ( Ankit rai millets kulhad group member )ने कहा कि इन 'कुल्हड़ों' की मांग पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई गुना बढ़ रही है. उन्होंने कहा, बाजरा के फायदों को बढ़ावा देने के लिए हमने लगभग दो साल पहले बाजरा से बने Kulhad बनाए. हमारे पास एक विशेष सांचा है, इसमें हम एक बार में 24 Kulhad Cup बना सकते हैं.
![Chai pio aur kulhad khao](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17740677_92375dl.jpg)
शुरुआत में, हम देवरिया, गोरखपुर, सिद्धार्थ नगर और कुशीनगर सहित पूर्वी यूपी के छोटे गांवों में चाय विक्रेताओं से जुड़े, लेकिन हम अन्य हिस्सों में भी दिल जीतने में कामयाब रहे. अब, प्रयागराज, वाराणसी, लखनऊ और अन्य जिलों तक तक इस Kulhar cup की मांग बढ़ गई है. इन कुल्हड़ों की कीमत के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'ऐसे कुल्हड़ों को आकार देने में 5 रुपये लगते हैं और जब इसमें चाय परोसी जाती है तो इसकी कीमत 10 रुपये होती है. कुल्हड़ इको-फ्रेंडली ( Kulhad eco friendly ) हैं.
(आईएएनएस)
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