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बेलगाम मुफ्त सौगात को हतोत्साहित किया जाना चाहिए : संजीव सान्याल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल के दिनों में मुफ्त सौगात देने के लोकलुभावनवाद पर प्रहार किया था और कहा था कि ये न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है, बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान को बाधित कर सकती है.

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Published : Oct 11, 2022, 11:47 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि बेलगाम मुफ्त सौगात को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे के निर्माण या स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जा सकता है. सान्याल ने हालांकि कहा कि लक्षित सब्सिडी जरूरी है, क्योंकि इससे गरीबों को जरूरत के समय में मदद मिलती है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ था.

उन्होंने कहा, 'हमें पूरी तरह गरीबी को लक्षित करने की जरूरत है, लेकिन बेलगाम मुफ्त सौगात को निश्चित रूप से हमें प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए.' सान्याल ने कहा कि बेलगाम सब्सिडी, जैसे मुफ्त बिजली या कुछ ऐसा जो ठीक से लक्षित नहीं है, की कीमत आखिरकार चुकानी ही पड़ेगी. उन्होंने कहा, 'जो धनराशि बेलगाम मुफ्त सौगात पर खर्च की जाती है, उसे कुछ अन्य कार्यों पर खर्च किया जा सकता है, जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण या स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश.'

चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते राजनीतिक दलों से उनके चुनावी वादों की वित्तीय व्यवहार्यता का आकलन करने और मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी देने के लिए सुझाव मांगे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल के दिनों में मुफ्त सौगात देने के लोकलुभावनवाद पर प्रहार किया था और कहा था कि ये न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है, बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान को बाधित कर सकती है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के सदस्य संजीव सान्याल ने कहा है कि बेलगाम मुफ्त सौगात को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस राशि का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे के निर्माण या स्वास्थ्य क्षेत्र में किया जा सकता है. सान्याल ने हालांकि कहा कि लक्षित सब्सिडी जरूरी है, क्योंकि इससे गरीबों को जरूरत के समय में मदद मिलती है, जैसा कि कोविड-19 महामारी के दौरान हुआ था.

उन्होंने कहा, 'हमें पूरी तरह गरीबी को लक्षित करने की जरूरत है, लेकिन बेलगाम मुफ्त सौगात को निश्चित रूप से हमें प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए.' सान्याल ने कहा कि बेलगाम सब्सिडी, जैसे मुफ्त बिजली या कुछ ऐसा जो ठीक से लक्षित नहीं है, की कीमत आखिरकार चुकानी ही पड़ेगी. उन्होंने कहा, 'जो धनराशि बेलगाम मुफ्त सौगात पर खर्च की जाती है, उसे कुछ अन्य कार्यों पर खर्च किया जा सकता है, जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण या स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश.'

चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते राजनीतिक दलों से उनके चुनावी वादों की वित्तीय व्यवहार्यता का आकलन करने और मतदाताओं को प्रामाणिक जानकारी देने के लिए सुझाव मांगे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल के दिनों में मुफ्त सौगात देने के लोकलुभावनवाद पर प्रहार किया था और कहा था कि ये न केवल करदाताओं के पैसे की बर्बादी है, बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान को बाधित कर सकती है.

(पीटीआई-भाषा)

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