हैदराबाद: तेलंगाना के मादिनागुडा में रिटायर्ड कर्मचारी सत्यनारायण का एकलौता बेटा सतीश पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर है. दस साल पहले उसने सॉफ्टवेयर इंजीनियर से शादी की थी. दोनों की 8 साल की एक बेटी भी है.
बता दें, खेती में सतीश की काफी रुचि है. एक दिन उसने अपने माता-पिता से कहा कि वह नौकरी छोड़कर खेती करना चाहता है. उसकी इस बात से उसके माता-पिता सहमत नहीं थे. इसी वजह से उसने 9 दिसंबर 2017 को अपना घर छोड़ दिया. बेटे के घर छोड़कर जाने से सतीश के माता-पिता काफी दुखी हो गए. उन्होंने केपीएचबी पुलिस स्टेशन में इसको लेकर गुमशुदगी की रिपोर्ट भा दर्ज कराई थी.
कोरोना काल में पुलिस उन बाइकसवारों की धरपकड़ कर रही थी जो फेसमास्क नहीं लगाए थे. पुलिस ने ऐसे सभी लोगों पर जुर्माना भी लगाया था. इसी अभियान में 23 अगस्त को एसआई वेंकटेश ने भवानी मंदिर के पास बिना मास्क और हेलमेट लगाकर बाइक चला रहे सतीश को पकड़ लिया. मौके पर मौजूद कांस्टेबल हनीफ ने सतीश की फोटो खींची और उसका ई-चालान काट दिया.
वहीं, गुमशुदा बेटे सतीश की तलाश कर रहे सत्यनारायण और उसकी माता ने पुलिस से संपर्क किया. पुलिस स्टेशन में उन्होंने सतीश की बाइक को पहचान लिया और उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. सतीश के माता-पिता ने पुलिस को सारा घटनाक्रम बताया. उसके बाद पुलिस ने सतीश की बाइक को ट्रेस किया.
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बता दें, पुलिस ने सतीश को ई-चालान का शुल्क भरने के लिए पुलिस स्टेशन बुलाया. जब सतीश वहां आया तो उसको देखकर उसके माता-पिता खुशी से उछल पड़े. 3 साल बाद बेटे को देखने से दोनों की आंखों में आंसू आ गए.