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जानें कहां मिली 'राजा भोज के समय' की झील ! - Kolhapur historic

कोल्हापुर में सौर ऊर्जा परियोजना के लिए चल रही खुदाई के दौरान 1 एकड़ में क्षेत्रफल में फैली एक प्राचीन झील मिली है. आस-पास के लाेगाें का कहना है कि यह झील राजा भोज के शासनकाल के समय की हाे सकती है. क्या है सच्चाई, पढ़ें पूरी रिपाेर्ट.

कोल्हापुर
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Published : May 19, 2021, 9:34 PM IST

Updated : May 19, 2021, 10:34 PM IST

कोल्हापुर : खुदाई के दौरान अवशेषाें, पुराने औजारों और सिक्कों की खोज के बारे में ताे आपने पढ़ा और सुना हाेगा. लेकिन खुदाई के दाैरान एक एकड़ क्षेत्रफल में फैली प्राचीन झील का मिलना निश्चित ताैर पर हैरान करने वाला है.

यह झील काेल्हापुर के करवीर तालुका (Karveer Taluka) के वाकारे गांव (Wakare village) में मिली है.

बता दें कि सौर ऊर्जा परियोजना के लिए खुदाई की प्रक्रिया चल रही थी, इसी दाैरान इस प्राचीन झील के बारे में पता चला. खोज से पहले यह स्थान अनगिनत वर्षों से दलदली भूमि से आच्छादित था. इससे वहां आस-पास के लाेगाें काे हैरानी हुई. इसके अलावा यहां कुछ पुरानी प्राचीन वस्तुएं भी मिली हैं.

लोगों का अनुमान है कि झील 12वीं शताब्दी की है

कोल्हापुर शहर से महज 14 किमी की दूरी पर करवीर तालुका के वाकारे गांव में सांसद संजय मांडलिक के फंड से एक सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना करने की याेजना बनाई गई थी. इसके संबंध में गांव के दलदली क्षेत्र में खुदाई कर वहां सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने का काम शुरू किया गया.

हालांकि, गहराई तक खुदाई के दाैरान बैंगनी रंग की चट्टानों की सीढ़ियां मिलीं, तब यह पता चला कि नीचे एक विशाल ऐतिहासिक झील है.

25 फीसदी हुआ काम

खुदाई शुरू होने के बाद स्पष्ट हुआ कि यहां तालाब प्राचीन है, पुरातत्व विभाग ने भी निर्देश दिया कि जेसीबी की मदद से खुदाई न की जाए. अब तक लगभग 18,000 से 20,000 ट्रॉली मिट्टी को हटाया जा चुका है और अभी तक केवल 25 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है.

ग्राम सरपंच वसंत टोडकर ने कहा कि अभी 75 प्रतिशत काम बाकी है. ग्रामीणों के अनुसार तालाब में मंदिर होने की संभावना है.

झील की संरचना कुछ प्रसिद्ध मंदिर के समान है

कुछ दिन पहले कोल्हापुर के अंबाबाई मंदिर के आस-पास के मणिकर्णिका कुंड में भी खुदाई के बाद एक बड़ी झील मिली थी. कई लोगों ने कहा है कि वाकारे में मिली यह झील राजा भोज के शासन काल की हाे सकती है.

इसे भी पढ़ें : कोरोना काल में ठीक नहीं है गांवों की स्थिति, देखिए रिपोर्ट

इसकी सीढ़ियां बैंगनी चट्टानों से बनी हैं, इसलिए यह झील किस अवधि की है इसे लेकर लाेगाें के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.

कोल्हापुर : खुदाई के दौरान अवशेषाें, पुराने औजारों और सिक्कों की खोज के बारे में ताे आपने पढ़ा और सुना हाेगा. लेकिन खुदाई के दाैरान एक एकड़ क्षेत्रफल में फैली प्राचीन झील का मिलना निश्चित ताैर पर हैरान करने वाला है.

यह झील काेल्हापुर के करवीर तालुका (Karveer Taluka) के वाकारे गांव (Wakare village) में मिली है.

बता दें कि सौर ऊर्जा परियोजना के लिए खुदाई की प्रक्रिया चल रही थी, इसी दाैरान इस प्राचीन झील के बारे में पता चला. खोज से पहले यह स्थान अनगिनत वर्षों से दलदली भूमि से आच्छादित था. इससे वहां आस-पास के लाेगाें काे हैरानी हुई. इसके अलावा यहां कुछ पुरानी प्राचीन वस्तुएं भी मिली हैं.

लोगों का अनुमान है कि झील 12वीं शताब्दी की है

कोल्हापुर शहर से महज 14 किमी की दूरी पर करवीर तालुका के वाकारे गांव में सांसद संजय मांडलिक के फंड से एक सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना करने की याेजना बनाई गई थी. इसके संबंध में गांव के दलदली क्षेत्र में खुदाई कर वहां सौर ऊर्जा परियोजना स्थापित करने का काम शुरू किया गया.

हालांकि, गहराई तक खुदाई के दाैरान बैंगनी रंग की चट्टानों की सीढ़ियां मिलीं, तब यह पता चला कि नीचे एक विशाल ऐतिहासिक झील है.

25 फीसदी हुआ काम

खुदाई शुरू होने के बाद स्पष्ट हुआ कि यहां तालाब प्राचीन है, पुरातत्व विभाग ने भी निर्देश दिया कि जेसीबी की मदद से खुदाई न की जाए. अब तक लगभग 18,000 से 20,000 ट्रॉली मिट्टी को हटाया जा चुका है और अभी तक केवल 25 प्रतिशत काम ही पूरा हो पाया है.

ग्राम सरपंच वसंत टोडकर ने कहा कि अभी 75 प्रतिशत काम बाकी है. ग्रामीणों के अनुसार तालाब में मंदिर होने की संभावना है.

झील की संरचना कुछ प्रसिद्ध मंदिर के समान है

कुछ दिन पहले कोल्हापुर के अंबाबाई मंदिर के आस-पास के मणिकर्णिका कुंड में भी खुदाई के बाद एक बड़ी झील मिली थी. कई लोगों ने कहा है कि वाकारे में मिली यह झील राजा भोज के शासन काल की हाे सकती है.

इसे भी पढ़ें : कोरोना काल में ठीक नहीं है गांवों की स्थिति, देखिए रिपोर्ट

इसकी सीढ़ियां बैंगनी चट्टानों से बनी हैं, इसलिए यह झील किस अवधि की है इसे लेकर लाेगाें के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.

Last Updated : May 19, 2021, 10:34 PM IST
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