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CBI ने दोबारा शुरू की DSP जियाउल हक हत्याकांड की जांच, राजा भैया की मुश्किलें बढ़ीं

यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja bhaiya) की मुसीबत एक बार फिर बढ़ सकती है. सीओ जियाउल हक हत्याकांड (dsp Ziaul Haq murder case) में सीबीआई ने फिर से जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने ये जांच हाईकोर्ट की ओर से क्लोजर रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद शुरू की है.

dsp Ziaul Haq murder case
राजा भैया की मुसीबतें
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Published : Dec 18, 2021, 3:40 PM IST

लखनऊ : यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja bhaiya) की मुसीबत एक बार फिर बढ़ सकती है. सीओ जियाउल हक हत्याकांड (dsp Ziaul Haq murder case) में सीबीआई ने फिर से जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने ये जांच हाईकोर्ट की ओर से उसकी क्लोजर रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद शुरू की है, जिसमें सीबीआई ने जियाउल हक हत्याकांड मामले में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी.

दिवंगत जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

बढ़ी राजा भैया की मुश्किलें

दरअसल, जियाउल हक मर्डर केस के आरोपियों में शामिल जेल में बंद पवन यादव ने सीओ की पत्नी परवीन आजाद को पत्र लिखा था. पवन ने पत्र में कहा था कि तत्कालीन कुंडा सीओ का मर्डर राजा भैया के इशारे पर किया गया था. इसी पत्र को आधार बनाकर परवीन ने सीबीआई की उस क्लोजर रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें राजा भैया को क्लीन चिट दी गई थी.

हाईकोर्ट से क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद अब सीबीआई ने दोबारा इस हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है. जिसके लिए सीबीआई की प्रयागराज टीम ने कुंडा के बलीपुर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. जिससे ये माना जा रहा है कि एक बार फिर से रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया को जांच का सामना करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च, 2013 की तकरीबन शाम 7:30 बजे प्रधान नन्हे सिंह यादव की उस समय हत्या कर दी गई, जब वह विवादित जमीन के सामने बनी एक झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे. हत्यारे दो बाइक पर सवार थे. घटना की जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान नन्हे यादव के समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी थी. जिसके बाद तत्कालीन कुंडा सीओ डीएसपी जियाउल हक अपनी टीम के साथ बलीपुर गांव पहुंचे थे.

वे फोर्स के साथ पीछे के रास्ते से गांव में मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर की तरफ बढ़े, तभी ग्रामीणों ने फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग होते ही सीओ जियाउल के साथ मौजूद गनर इमरान और कुंडा एसएसआई विनय कुमार सिंह डरकर खेत में छिप गए थे. रात तकरीन 8:30 बजे प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गई. देर रात भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा और सीओ जियाउल की तलाश शुरू की गई, जिसके बाद जियाउल हक का शव मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर के पीछे सड़क पर पड़ा मिला था.

ये भी पढ़ें: तेलंगाना : भाजपा विधायक ने की सलमान खुर्शीद की किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग

सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीओ की पत्‍‌नी परवीन आजाद की तहरीर पर नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, चालक राजा भैया गुड्डूं सिंह के खिलाफ हत्या व राजा भैया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. राजा भैया उस वक्त अखिलेश सरकार में जेल मंत्री थे.

ये भी पढ़ें: 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी: राजा भैया

लखनऊ : यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja bhaiya) की मुसीबत एक बार फिर बढ़ सकती है. सीओ जियाउल हक हत्याकांड (dsp Ziaul Haq murder case) में सीबीआई ने फिर से जांच शुरू कर दी है. सीबीआई ने ये जांच हाईकोर्ट की ओर से उसकी क्लोजर रिपोर्ट खारिज किए जाने के बाद शुरू की है, जिसमें सीबीआई ने जियाउल हक हत्याकांड मामले में राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी.

दिवंगत जियाउल हक की पत्नी परवीन आजाद की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था.

बढ़ी राजा भैया की मुश्किलें

दरअसल, जियाउल हक मर्डर केस के आरोपियों में शामिल जेल में बंद पवन यादव ने सीओ की पत्नी परवीन आजाद को पत्र लिखा था. पवन ने पत्र में कहा था कि तत्कालीन कुंडा सीओ का मर्डर राजा भैया के इशारे पर किया गया था. इसी पत्र को आधार बनाकर परवीन ने सीबीआई की उस क्लोजर रिपोर्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें राजा भैया को क्लीन चिट दी गई थी.

हाईकोर्ट से क्लोजर रिपोर्ट खारिज होने के बाद अब सीबीआई ने दोबारा इस हत्याकांड की जांच शुरू कर दी है. जिसके लिए सीबीआई की प्रयागराज टीम ने कुंडा के बलीपुर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है. जिससे ये माना जा रहा है कि एक बार फिर से रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया को जांच का सामना करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि कुंडा के बलीपुर गांव में 2 मार्च, 2013 की तकरीबन शाम 7:30 बजे प्रधान नन्हे सिंह यादव की उस समय हत्या कर दी गई, जब वह विवादित जमीन के सामने बनी एक झोपड़ी में मजदूरों से बात कर रहे थे. हत्यारे दो बाइक पर सवार थे. घटना की जानकारी मिलने पर ग्राम प्रधान नन्हे यादव के समर्थकों ने कामता पाल के घर में आग लगा दी थी. जिसके बाद तत्कालीन कुंडा सीओ डीएसपी जियाउल हक अपनी टीम के साथ बलीपुर गांव पहुंचे थे.

वे फोर्स के साथ पीछे के रास्ते से गांव में मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर की तरफ बढ़े, तभी ग्रामीणों ने फायरिंग शुरू कर दी. फायरिंग होते ही सीओ जियाउल के साथ मौजूद गनर इमरान और कुंडा एसएसआई विनय कुमार सिंह डरकर खेत में छिप गए थे. रात तकरीन 8:30 बजे प्रधान नन्हे यादव के छोटे भाई सुरेश यादव की भी हत्या कर दी गई. देर रात भारी पुलिस बल बलीपुर गांव पहुंचा और सीओ जियाउल की तलाश शुरू की गई, जिसके बाद जियाउल हक का शव मृतक प्रधान नन्हे यादव के घर के पीछे सड़क पर पड़ा मिला था.

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सीओ जियाउल हक हत्याकांड में सीओ की पत्‍‌नी परवीन आजाद की तहरीर पर नगर पंचायत अध्यक्ष गुलशन यादव, राजा भैया के प्रतिनिधि हरिओम श्रीवास्तव, चालक राजा भैया गुड्डूं सिंह के खिलाफ हत्या व राजा भैया के खिलाफ हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसके बाद राजा भैया ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. राजा भैया उस वक्त अखिलेश सरकार में जेल मंत्री थे.

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