ETV Bharat / bharat

पंजाब : ड्रोन गतिविधियों को लेकर भारत-पाक सीमा के निवासी अलर्ट, सेना की बने 'आंख'

पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ महीनों में पंजाब के पठानकोट और बामियान सेक्टरों में ड्रोन गतिविधियों को देखा गया है. वहीं भारत-पाक सीमा से लगे गांवों के लोग हर समय पाकिस्तान की गतिविधियों पर पैनी नजर रख रहे हैं. अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत की तरफ कोई हलचल होती है, तो इसकी सूचना ग्रामीण बीएसएफ और पुलिस को देते हैं.

इंडो-पाक सरहद के किनारे बसे गाँवों के लोग
इंडो-पाक सरहद के किनारे बसे गाँवों के लोग
author img

By

Published : Jul 17, 2021, 8:45 PM IST

पठानकोट : भारत-पाक सीमा से लगे गांवों के लोग हर समय पाकिस्तान की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं. अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत की तरफ कोई हलचल होती है तो इसकी सूचना तुरंत बीएसएफ और पुलिस को दी जाती है. यहां के लोग किसी डर में नहीं, बल्कि निडर होकर अपना जीवन जी रहे हैं. हालांकि, अगर पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की ओर से की गई गतिविधियों की बात करें, तो पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ महीनों में पठानकोट और बामियान सेक्टरों में ड्रोन गतिविधियों को देखा गया है.

ग्रामीण कर रहे सहयोग

ये दोनों गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों के मन में कुछ आशंका है, लेकिन लोग हमेशा की तरह जागरूक रहते हैं. हालांकि, जब कभी जम्मू से सटे गांवों की तरफ पाकिस्तान की ओर से कोई गतिविधि होती है, तो ग्रामीण निडर होकर पुलिस और बीएसएफ का सहयोग करते हैं.

ड्रोन गतिविधियों को लेकर भारत-पाक सीमा के निवासी अलर्ट.

पंजाब पुलिस और बीएसएफ अलर्ट

पाकिस्तान से लगी सीमा पर स्थित विभिन्न सेक्टरों से पाकिस्तान द्वारा ड्रोन भेजने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. वहीं पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की आवाज आने पर गुरदासपुर सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान फायर भी करते हैं. जम्मू में मिली धमकियों के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर करीब एक महीने पहले पंजाब पुलिस प्रमुख और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक अहम बैठक भी गुरदासपुर में हुई थी. गुरदासपुर में 29 जून को पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों और बीएसएफ अधिकारियों के बीच तालमेल बनाकर सहयोग करने की बात कही थी.

ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी : पंजाब डीजीपी

पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने 27 जून को जम्मू में वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर और पठानकोट में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा था कि सितंबर 2019 में पहली बार अमृतसर में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था.

पढ़ें : ड्रोन फेडरेशन ने Draft Drone Rules 2021 का किया स्वागत, 'उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण'

उन्होंने बताया तब से ड्रोन का इस्तेमाल ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता है. जम्मू में ड्रोन के इस्तेमाल ने एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ, पंजाब पुलिस और राज्य के लोगों ने पिछले 20 महीनों में 60 से अधिक ड्रोन को उड़ते देखा है.

पठानकोट : भारत-पाक सीमा से लगे गांवों के लोग हर समय पाकिस्तान की गतिविधियों पर पैनी नजर रखते हैं. अगर पाकिस्तान की तरफ से भारत की तरफ कोई हलचल होती है तो इसकी सूचना तुरंत बीएसएफ और पुलिस को दी जाती है. यहां के लोग किसी डर में नहीं, बल्कि निडर होकर अपना जीवन जी रहे हैं. हालांकि, अगर पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान की ओर से की गई गतिविधियों की बात करें, तो पाकिस्तान की ओर से पिछले कुछ महीनों में पठानकोट और बामियान सेक्टरों में ड्रोन गतिविधियों को देखा गया है.

ग्रामीण कर रहे सहयोग

ये दोनों गतिविधियां हाल के दिनों में बढ़ी हैं. इसको लेकर स्थानीय लोगों के मन में कुछ आशंका है, लेकिन लोग हमेशा की तरह जागरूक रहते हैं. हालांकि, जब कभी जम्मू से सटे गांवों की तरफ पाकिस्तान की ओर से कोई गतिविधि होती है, तो ग्रामीण निडर होकर पुलिस और बीएसएफ का सहयोग करते हैं.

ड्रोन गतिविधियों को लेकर भारत-पाक सीमा के निवासी अलर्ट.

पंजाब पुलिस और बीएसएफ अलर्ट

पाकिस्तान से लगी सीमा पर स्थित विभिन्न सेक्टरों से पाकिस्तान द्वारा ड्रोन भेजने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं. वहीं पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन की आवाज आने पर गुरदासपुर सीमा पर तैनात बीएसएफ जवान फायर भी करते हैं. जम्मू में मिली धमकियों के बाद, राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर करीब एक महीने पहले पंजाब पुलिस प्रमुख और बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारियों की एक अहम बैठक भी गुरदासपुर में हुई थी. गुरदासपुर में 29 जून को पंजाब पुलिस के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने पुलिस अधिकारियों और बीएसएफ अधिकारियों के बीच तालमेल बनाकर सहयोग करने की बात कही थी.

ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी : पंजाब डीजीपी

पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने 27 जून को जम्मू में वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद सीमावर्ती जिलों गुरदासपुर और पठानकोट में एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद कहा था कि सितंबर 2019 में पहली बार अमृतसर में ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था.

पढ़ें : ड्रोन फेडरेशन ने Draft Drone Rules 2021 का किया स्वागत, 'उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण'

उन्होंने बताया तब से ड्रोन का इस्तेमाल ड्रग्स और हथियारों की तस्करी के लिए किया जाता है. जम्मू में ड्रोन के इस्तेमाल ने एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीएसएफ, पंजाब पुलिस और राज्य के लोगों ने पिछले 20 महीनों में 60 से अधिक ड्रोन को उड़ते देखा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.