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Supersonic Missile Assisted Torpedo का सफल परीक्षण, नौसेना की बढ़ी ताकत - DRDO successfully tests

DRDO ने बताया कि सिस्टम को टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक एंटी-सब मरीन वारफेयर (Anti-Submarine Warfare - ASW) क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह प्रक्षेपण और प्रदर्शन एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमताओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण हैं.

टॉरपीडो
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Published : Dec 14, 2021, 10:41 AM IST

Updated : Dec 14, 2021, 1:51 PM IST

बालेश्वर : भारत ने ओडिशा के बालेश्वर में लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (Supersonic Missile Assisted Torpedo- SMART) का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation -DRDO) की ओर से भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए हथियार प्रणाली विकसित की जा रही है.

DRDO ने बताया कि सिस्टम को टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक एंटी-सब मरीन वारफेयर (Anti-Submarine Warfare - ASW) क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह प्रक्षेपण और प्रदर्शन एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमताओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण हैं. DRDL, RCI हैदराबाद, ADRDE आगरा, NSTL विशाखापत्तनम सहित कई DRDO प्रयोगशालाओं ने स्मार्ट के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया है.

Supersonic Missile Assisted Torpedo का सफल परीक्षण

स्मार्ट टॉरपीडो रेंज से काफी दूर एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) संचालन के लिए हल्के एंटी-सबमरीन टॉरपीडो सिस्टम की मिसाइल असिस्टेड रिलीज है.

यह प्रणाली अगली पीढ़ी की मिसाइल आधारित स्टैंडऑफ टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम है. परीक्षण के दौरान मिसाइल की पूरी रेंज क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया. इस प्रणाली को टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.

पढ़ें : ओडिशा: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण

यह एक टेक्टबुक लॉन्च था, जहां इलेक्ट्रो-ऑप्टिक टेलीमेट्री सिस्टम (electro optic telemetry system), डाउनरेंज इंस्ट्रूमेंटेशन (down range instrumentation) और डाउनरेंज शिप्स (down range ships) सहित विभिन्न रेंज रडार (various range radars) द्वारा पूरे ट्रेजेक्टरी की निगरानी की गई. मिसाइल में एक टॉरपीडो, पैराशूट डिलीवरी सिस्टम और रिलीज मैकेनिज्म था. DRDO ने पिछले परीक्षण के दौरान कहा था कि पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में प्रदर्शन महत्वपूर्ण है.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण

बालेश्वर जिला स्थित चांदीपुर में आठ दिसम्बर को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था. DRDO की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से किया गया. उन्होंने कहा कि यह परीक्षण ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है. यह देश के भीतर वायु-संस्करण ब्रह्मोस मिसाइलों के सिरियल उत्पादन की प्रणाली को स्वीकृति देता है. उन्होंने कहा कि रामजेट इंजन के कई पार्ट्स स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं.

बालेश्वर : भारत ने ओडिशा के बालेश्वर में लंबी दूरी की सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (Supersonic Missile Assisted Torpedo- SMART) का सफल परीक्षण किया. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (Defence Research and Development Organisation -DRDO) की ओर से भारतीय नौसेना (Indian Navy) के लिए हथियार प्रणाली विकसित की जा रही है.

DRDO ने बताया कि सिस्टम को टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक एंटी-सब मरीन वारफेयर (Anti-Submarine Warfare - ASW) क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है. यह प्रक्षेपण और प्रदर्शन एंटी-सबमरीन वारफेयर क्षमताओं को स्थापित करने में महत्वपूर्ण हैं. DRDL, RCI हैदराबाद, ADRDE आगरा, NSTL विशाखापत्तनम सहित कई DRDO प्रयोगशालाओं ने स्मार्ट के लिए आवश्यक तकनीकों का विकास किया है.

Supersonic Missile Assisted Torpedo का सफल परीक्षण

स्मार्ट टॉरपीडो रेंज से काफी दूर एंटी-सबमरीन वारफेयर (एएसडब्ल्यू) संचालन के लिए हल्के एंटी-सबमरीन टॉरपीडो सिस्टम की मिसाइल असिस्टेड रिलीज है.

यह प्रणाली अगली पीढ़ी की मिसाइल आधारित स्टैंडऑफ टॉरपीडो डिलीवरी सिस्टम है. परीक्षण के दौरान मिसाइल की पूरी रेंज क्षमता का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया गया. इस प्रणाली को टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.

पढ़ें : ओडिशा: ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण

यह एक टेक्टबुक लॉन्च था, जहां इलेक्ट्रो-ऑप्टिक टेलीमेट्री सिस्टम (electro optic telemetry system), डाउनरेंज इंस्ट्रूमेंटेशन (down range instrumentation) और डाउनरेंज शिप्स (down range ships) सहित विभिन्न रेंज रडार (various range radars) द्वारा पूरे ट्रेजेक्टरी की निगरानी की गई. मिसाइल में एक टॉरपीडो, पैराशूट डिलीवरी सिस्टम और रिलीज मैकेनिज्म था. DRDO ने पिछले परीक्षण के दौरान कहा था कि पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता स्थापित करने में प्रदर्शन महत्वपूर्ण है.

ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण

बालेश्वर जिला स्थित चांदीपुर में आठ दिसम्बर को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के वायु संस्करण का सफल परीक्षण किया गया था. DRDO की ओर से जारी बयान के मुताबिक, यह परीक्षण एकीकृत परीक्षण रेंज, सुपरसोनिक लड़ाकू विमान सुखोई 30 एमके-आई से किया गया. उन्होंने कहा कि यह परीक्षण ब्रह्मोस के विकास में एक प्रमुख मील का पत्थर है. यह देश के भीतर वायु-संस्करण ब्रह्मोस मिसाइलों के सिरियल उत्पादन की प्रणाली को स्वीकृति देता है. उन्होंने कहा कि रामजेट इंजन के कई पार्ट्स स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं.

Last Updated : Dec 14, 2021, 1:51 PM IST
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