गांधीनगर (गुजरात): डिफेंस एक्सपो 2022 गांधीनगर में डीआरडीओ ने जो फूड इनोवेशन दिखाया, उससे लोगों की आंखें भर आई हैं. भारत की उत्तरी सीमा के ठंडे क्षेत्रों में सुरक्षा गार्ड्स के लिए एक विशेष भोजन पूरक तैयार किया गया है. इससे जवानों की भूख के अलावा उनकी अन्य समस्याएं भी दूर होंगी. भारतीय सैनिकों को अपने राष्ट्र की रक्षा के लिए ठंड में महीनों बाहर बिताने की कठिनाई का सामना करना पड़ता है.
जम्मू-कश्मीर, लेह लद्दाख और ग्लेशियर चीन जैसी सीमाओं पर, भारतीय बलों को सीमा सुरक्षा का महत्वपूर्ण कर्तव्य सौंपा गया है. यहां मौसम में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ खाने-पीने की भी किल्लत होती है. जवान आगे कई बीमारियों से लड़ते हैं. फिर, सेना के जवानों के अनुरोधों पर डीआरडीओ (DRDO) ने एक विशिष्ट अध्ययन किया. इसी के अनुरूप DRDO के वैज्ञानिकों की टीम ने एक ऐसा फूड टॉनिक विकसित किया है, जो सिर्फ एक या दो खुराक से एक सैनिक को तीन से चार दिनों तक भूख का अहसास नहीं होने देगा.
इससे दूसरा कोई गंभीर रोग नहीं हो सकता. ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनोज पटेल ने कहा कि ग्लेशियर चीन, लेह, लद्दाख और कश्मीर जाने के लिए इसे अपना मिशन बना रहे हैं. उस समय बर्फ़ और ठंड के कारण, उच्च रक्तचाप या स्मृति हानि जैसी बड़ी बीमारियों के विकसित होने की संभावना कम थी. जब सेना इस मुद्दे को डीआरडीओ के पास लेकर आई. जिसकी डीआरडीओ ने सावधानीपूर्वक जांच कर एक टॉनिक बनाया है.
इसके अलावा, हर्बल चाय और जूस बनाया गया है. ईटीवी भारत के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनोज पटेल ने कहा कि जो टॉनिक बनाया गया है वह हर किसी के शरीर के तापमान को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जब वे बर्फीले स्थान पर जाने के लिए मजबूर होंगे. इसके अतिरिक्त, स्मृति हानि और बीपी की समस्याएं जो जवानों को प्रभावित करती थीं, अब मौजूद नहीं रहेंगी.
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जब किसी कारण से जवानों को भोजन नहीं दिया जा सकेगा तो इस टॉनिक को लेने वालों को तीन, सात या पंद्रह दिन तक भूख नहीं लगती. इस टॉनिक से शरीर को विटामिन और खनिजों की नियमित खुराक प्राप्त होगी. गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो 2022 में मनोज पटेल के अनुसार, रूसी सेना और चीनी सेना अब लाल रंग के टॉनिक का उपयोग कर रही है.
भारतीय सैनिक भी जल्द ही इसका इस्तेमाल करेंगे. यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पुराने सैन्य कर्मियों ने टॉनिक या दवाओं का उपयोग किया जो रासायनिक रूप से बनाए गए थे. साथ ही शरीर को नुकसान पहुंचने की भी संभावना रहती है. डीआरडीओ ने इस टॉनिक को आयुर्वेदिक तरीके से बनाया है और जल्द ही इसका इस्तेमाल किया जाएगा.