हैदराबाद : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने शनिवार को भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) की विशाखापट्टनम यूनिट में आयोजित समारोह में पहले हैवी वेट टॉरपीडो 'वरुणास्त्र' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. अब इसे भारतीय नौसेना को सौंपा जाएगा.
समारोह में नौसेना के वाइस एडमिरल के. श्रीनिवास और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
वरुणास्त्र या हैवी वेट टॉरपीडो को विशाखापट्टनम स्थित नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. बीडीएल, उत्पादन एजेंसी होने के नाते, भारतीय नौसेना के लिए अपनी विशाखापट्टनम इकाई में वरुणास्त्र का निर्माण कर रही है. वरुणास्त्र को निर्यात के लिए भी पेश किया जा रहा है.
बीडीएल अपने विभिन्न मिसाइल कार्यक्रमों के लिए डीआरडीओ के साथ जुड़ा हुआ है.
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डीआरडीओ चेयरमैन डॉ. सतीश रेड्डी ने अपने संबोधन में सभी हितधारकों, विशेष रूप से डिजाइन एजेंसी एनएलटीएल और उत्पादन एजेंसी बीडीएल के बीच पहले वरुणास्त्र के निर्माण में तालमेल की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि बीडीएल को ALWT और EHWT के नए कार्यक्रमों के लिए तैयार होना चाहिए.