वाराणसी : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू साेमवार काे अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचीं. दोपहर लगभग 3 बजे राष्ट्रपति वायुसेना के विशेष विमान से वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं. यहां पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल समेत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया. कई कैबिनेट मंत्री भी एयरपोर्ट पर मौजूद रहे. यहां से राष्ट्रपति का काफिला सीधे वाराणसी में काल भैरव मंदिर पहुंचा. यहां राष्ट्रपति ने बाबा काल भैरव की विशेष पूजा की. राष्ट्रपति के साथ उनकी बेटी भी हैं.
राष्ट्रपति इस वक्त श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मौजूद हैं. वह पूजन कर रहीं हैं. यहां से पहले वह श्री काल भैरव मंदिर गईं थीं. काल भैरव मंदिर में राष्ट्रपति ने विशेष पूजन के साथ आरती भी की. यहां से राष्ट्रपति का काफिला श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा. वहां उन्हाेंने दर्शन पूजन किया. राष्ट्रपति काशी विश्वनाथ धाम का निरीक्षण भी करेंगी. दर्शन पूजन के बाद वह सीधे गंगा आरती में शामिल होने के लिए वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पहुंचेंगी. वहां पर वह गंगा सेवा निधि की तरफ से होने वाली नियमित गंगा आरती में हिस्सा लेंगी. देव दीपावली की तर्ज पर वाराणसी दशाश्वमेध घाट को सजाया गया है. फूल मालाओं के साथ रेड कारपेट भी बिछाए गए हैं. 8 अर्चक आज आरती करेंगे.
राष्ट्रपति की सुरक्षा में 8 आईपीएस अफसराें की तैनाती की गई है. दशाश्वमेध घाट जाने वाले रास्ते को आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. दशाश्वमेध घाट पर आरती के दौरान नौसेना, जल पुलिस, पीएसी, बाढ़ राहत दल और एनडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे. वहीं शहर में राष्ट्रपति के आगमन के कारण कई रूटाे में भी बदलाव किया गया है. वाहनाें काे बदले मार्ग से गुजारा जा रहा है. हरहुआ पंचक्रोशी तिराहे से पंचक्रोशी चौराहा रिंग रोड की तरफ किसी भी वाहन काे नहीं जाने दिया जा रहा है. इसी तरह गिलट बाजार तिराहा से भोजूबीर तिराहे की ओर जाने वाले वाहनाें काे भी राेका जा रहा है. गोलघर कचहरी से सर्किट हाउस की तरफ भी वाहन नहीं आ-जा पा रहे हैं. ताड़ीखाना तिराहा से चौकाघाट चौराहा, तेलियाबाग तिराहे से चौकाघाट चौराहे की तरफ भी वाहनाें के जाने पर प्रतिबंध है. वहीं दूसरी ओर मैदागिन चौराहे से गोदौलिया चौराहा, गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध घाट की तरफ भी वाहन आज नहीं आ-जा सकेंगे. इसी तरह चेतगंज चौराहा से लहुराबीर चौराहे की ओर भी वाहनों के आने-जाने पर राेक लगाई गई है.
काशी कोतवाल के दरबार में बंद लिफाफे में राष्ट्रपति ने किया गुप्त दान
कहते हैं किसी भी धार्मिक यात्रा को पूर्ण करने के लिए दान पुण्य बेहद आवश्यक होता है, क्योंकि बिना दान के उस यात्रा का लाभ नहीं प्राप्त होता है. शायद यही वजह है कि आज वाराणसी में धार्मिक यात्रा पर पहुंचे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए काशी कोतवाल यानी बाबा काल भैरव के दरबार में गुप्त दान कर गई हैं. राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के इस गुप्त दान का वीडियो ईटीवी भारत के पास मौजूद है. जिसमें मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय और नवीन गिरी दर्शन पूजन के बाद राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भेंट कर रहे हैं. इससे स्मृति चिन्ह देने के दौरान सुरक्षा कारणों से लोगों को हटाते बढ़ाते सुरक्षाकर्मी जब सुरक्षा घेरा मजबूत कर रहे थे. उसी वक्त राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने पास से एक लिफाफा निकाला और मंदिर के दानपात्र की तरफ बढ़ने लगी लेकिन बाद में उनके सिक्योरिटी में शामिल जवान ने उनके हाथों से वह लिफाफा लिया और जाकर स्वयं उसे दानपात्र में अर्पित कर दिया.
इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी अपने हाथों से लिफाफा सिक्योरिटी कर्मी को दिया और उनका लिफाफा भी उसने दानपात्र में अर्पित किया. फिलहाल इस बारे में जब काल भैरव मंदिर के महंत सुमित उपाध्याय से बातचीत की गई तो उनका कहना था यह उनका गुप्त दान था. उन्होंने खुद उसे दानपात्र में अर्पित किया है. अब उसमें क्या है, क्या नहीं है यह दानपात्र खुलने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा. वैसे भी दान हमेशा गुप्त होता है, जिससे दान करने वाले को पुण्य फल की प्राप्ति हो. बताकर किया गया दान, दान की श्रेणी में नहीं आता.
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