जम्मू: जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद दिसंबर 1989 में अपने अपहरण के मामले में गवाह के तौर पर आज जम्मू की सीबीआई अदालत में पेश हुईं. जम्मू में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कोर्ट ने इस मामले के सिलसिले में रूबिया सईद को इस साल 28 मई को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी गया किया था. रूबिया ने अपना बयान दर्ज कराने के साथ ही यासीन मलिक सहित चार आरोपियों की पहचान की है. मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
इस बारे में सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने बताया कि 1989 में अपने अपहरण के मामले में गवाह रूबिया सईद (पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बहन) का बयान आज अदालत में दर्ज किया गया. उसने फोटो के आधार पर (यासीन मलिक) के साथ ही कुल चार आरोपियों की पहचान की है. उन्होंने बताया कि मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
इसी क्रम में रूबिया सईद के वकील अनिल सेठी ने कहा कि यासीन मलिक कह रहा था कि उसे जिरह के लिए अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से जम्मू लाया जाए. लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि उसे अगली तारीख पर जम्मू लाया जाएगा या नहीं.
कश्मीरी अलगाववादी नेता एवं जम्मू कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट के सरगना यासीन मलिक पर अपने साथियों संग मिलकर आठ दिसंबर 1989 को रूबिया सईद का अपहरण करने का आरोप है. सीबीआई अदालत ने 28 मई, 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद को 15 जुलाई को पेशी के लिए समन जारी किया था. 31 साल पुराने रूबिया सईद अपहरण केस में टाडा कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) प्रमुख यासीन मलिक पर आरोप तय किए हैं.
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यासीन मलिक व अन्य के खिलाफ टाडा अदालत के विशेष न्यायाधीश ने कानून की धारा 364, 368, 120-बी, टाडा अधिनियम, 1987 की धारा 3/4 और भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 7/27 के तहत आरोप तय किए. यह पहली बार है जब रूबिया सईद को मामले में पेश होने के लिए कहा गया. बदले में पांच आतंकवादियों को रिहा करने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया गया था. रूबिया सईद तमिलनाडु में रहती हैं. सीबीआई ने उन्हें अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में सूचीबद्ध किया है. सीबीआई ने 1990 की शुरुआत में मामले की जांच अपने हाथ में ली थी.