तिरुवनंतपुरम : कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव (Congress President election) के उम्मीदवार शशि थरूर ने मंगलवार को दावा किया कि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से कुछ नेताओं ने आग्रह किया था कि वह उनसे (थरूर से) नामांकन वापस लेने के लिए कहें. चुनाव प्रचार के लिए केरल पहुंचे थरूर ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि राहुल गांधी ने ऐसा आग्रह करने वाले नेताओं से कहा कि वह नामांकन वापस लेने के लिए नहीं कहेंगे क्योंकि चुनावी मुकाबले से पार्टी को फायदा होगा.
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Kerala | Bigwigs in party are largely not with me...I never challenged Mr Kharge, we've no ideological differences, we're both committed to core Congress ideology, the differences are on how to take party forward & mount a credible challenge to BJP in 2024: Cong MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/ilVaNL2e40
— ANI (@ANI) October 4, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य ने कहा, 'उन्होंने (राहुल ने) मुझे याद दिलाया कि वह पिछले 10 वर्षों से कह रहे हैं कि पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होना चाहिए.'
थरूर ने दावा किया, 'उन्होंने (राहुल ने) मुझे यह भी बताया कि कुछ लोगों ने उनसे आग्रह किया था कि वह मुझसे नामांकन वापस लेने के लिए कहें. उन्होंने मुझे बताया कि वह ऐसा नहीं करेंगे. राहुल गांधी ने कहा कि मुझे नामांकन वापस नहीं लेना चाहिए और मुकाबले में बने रहना चाहिए.' इससे पहले, थरूर ने कहा कि उन्होंने कभी भी पार्टी के बड़े नेताओं से समर्थन की उम्मीद नहीं की थी और अब भी नहीं करते हैं, लेकिन उन्हें सभी लोगों के साथ की जरूरत है.
थरूर ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने सार्वजनिक रूप से यह घोषणा की है कि वह थरूर के प्रतिद्वंद्वी मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करेंगे. तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सदस्य थरूर ने संवाददाताओं से कहा कि वह चुनाव से पीछे हटकर उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहते जो अब तक उनका समर्थन करते आ रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मैं पार्टी के बड़े नेताओं से किसी तरह के समर्थन की उम्मीद नहीं कर रहा था और अब भी नहीं कर रहा हूं. वास्तव में, पिछले दिनों मैंने नागपुर, वर्धा और हैदराबाद में पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की थी. कार्यकर्ता मुझसे चुनाव लड़ने और इससे पीछे नहीं हटने के लिए कह रहे हैं.'
थरूर का कहना था, 'मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि मैं पीछे नहीं हटूंगा. मैं उन लोगों के साथ विश्वासघात नहीं करूंगा जिन्होंने अब तक मेरा समर्थन किया है. मुझ पर उनका जो विश्वास है वही मुझे आगे बढ़ने की ताकत देता है.'
कांग्रेस सांसद के अनुसार, उनके ज्यादातर समर्थक युवा नेता हैं और पार्टी कार्यकर्ता हैं, हालांकि उन्हें हर किसी के समर्थन की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि क्या सुधाकरन की टिप्पणी उन लोगों को हतोत्साहित करने के लिए है जो उनका समर्थन कर रहे हैं, तो थरूर ने कहा, 'हो सकता है. लेकिन मैं ऐसा नहीं कर रहा हूं. मैं यह नहीं बता सकता कि लोगों के दिमाग में क्या चल रहा है. मैं सिर्फ एक चीज कहूंगा कि चाहे कोई कुछ गुप्त रूप से कहे या सार्वजनिक रूप से कहे, मतदान गोपनीय है.'
'कोई नहीं जान पाएगा कि किसने किसे वोट दिया' : उन्होंने कहा, 'कोई नहीं जान पाएगा कि किसने किसे वोट दिया. लोग अपनी मर्जी और विश्वास के अनुसार मतदान कर सकते हैं. वे फैसला कर सकते हैं कि वे पार्टी को मजबूत करने और भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने की खातिर इसे तैयार करने के लिए किसे चुनना चाहते हैं.'
थरूर का यह भी कहना था कि सुधाकरन ने संभवत: अपने निजी फैसले और प्राथमिकता के बारे में बताया है और इसमें कुछ गलत भी नहीं है. उनके अनुसार, सुधाकरन किसी को निर्देशित नहीं कर सकते क्योंकि पार्टी की ओर से जारी दिशानिर्देश में स्पष्ट किया गया है कि कोई पदाधिकारी किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं करेगा.
कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने सोमवार को जारी दिशानिर्देश में कहा था कि अध्यक्ष पद के चुनाव में यदि पार्टी का कोई पदाधिकारी किसी उम्मीदवार के पक्ष या विरोध में प्रचार करना चाहता है तो उसे पहले संगठन की जिम्मेदारी छोड़नी होगी.
पढ़ें- Congress President election: खड़गे-थरूर के साथ समान शिष्टाचार के निर्देश
खड़गे और थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार हैं. यदि पार्टी के इन दोनों नेताओं में से कोई भी अपना नामांकन वापस नहीं लेते हैं, तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा, जिसमें 9,000 से अधिक डेलीगेट (निर्वाचक मंडल के सदस्य) मतदान करेंगे. मतगणना 19 अक्टूबर को होगी.
(पीटीआई-भाषा)