हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में आदमखोर बने कुत्तों के एक झुंड ने 3 साल की मासूम किरण को घर के आंगन से ही उठाकर मौत के घाट उतार डाला. बताया जा रहा है कि इससे पहले भी कई दफा यहां पर रहने वाले बच्चों पर यह आवारा कुत्ते हमला कर चुके हैं. कुत्तों के हमलों में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले कई बच्चे पहले भी घायल हो चुके हैं. वहीं, वीरवार देर शाम को 3 साल की बच्ची किरण को भी आदमखोर कुत्तों ने नोच-नोच कर मार डाला. वहीं, बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि आदमखोर कुत्तों के हमले से तीन साल की मासूम किरन ने दो मिनट में ही दम तोड़ दिया था.
सफाई कर्मचारी की यह बेटी अपने झुग्गी से पिछली तरफ शौच के लिए गई थी. बच्ची के परिजन भी झुग्गी में ही मौजूद थे. इसी दौरान अचानक कुत्तों ने हमला किया. परिजनों की आंखों के सामने चार से पांच कुत्तों का झुंड बच्ची को उठाकर घर से लगभग 100 मीटर दूर झाड़ियों में ले गया और यहां पर उसे बुरी तरह से नोच डाला. ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर यहां पर स्थानीय लोगों से भी बातचीत की. इस दौरान यह खुलासा हुआ कि यहां पर पहली दफा कुत्तों ने बच्चे पर हमला नहीं किया है, जबकि इससे पहले भी कई बच्चे आवारा कुत्तों के हमले में घायल हो चुके हैं. इतना ही नहीं बच्चों के साथ बड़ों पर भी यह कुत्ते कई दफा हमला कर चुके हैं.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम भी मौके पर पहुंची और बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में लाया गया है. बता दें कि होशियारपुर निवासी माखन लाल, हमीरपुर शहर में सफाई का कार्य करता है. उसके एक बेटा और बेटी है. वह नगर परिषद हमीरपुर के वार्ड नं. 8 नया नगर, हमीर हॉस्पिटल के सामने एक झुग्गी-झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रह रहा है. वीरवार को माखनलाल की 3 साल की बेटी अपनी झुग्गी झोपड़ी के पिछले तरफ शौचालय के लिए निकली थी. इसी दौरान उसे आवारा कुत्तों के झुंड ने झपट लिया और झोपड़ी से कुछ दूरी पर उसे बुरी तरह से नोच दिया.
परिजनों के सामने जब बच्ची को कुत्तों ने उठा लिया तो वह उसे बचाने के लिए पीछे दौड़े. मासूम किरण की दादी का कहना है कि उन्होंने शोर मचाया और इसके बाद लोग इकट्ठा हुए और बच्ची को बचाने के लिए दौड़े. जब उन्होंने बच्ची को देखा तो उसका कान, पीठ, चेहरा और शरीर का काफी हिस्सा कुत्तों ने नोच खाया था और टांग की हड्डी तक निकाल दी थी. बच्ची का एक तिहाई शरीर आदमखोर कुत्तों ने नोच डाला था. यहां पर स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से मामले में कार्रवाई करते हुए समस्या के समाधान की मांग उठाई है.
इस एरिया में इससे पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी है, हालांकि पूर्व में हुए कुत्तों के जानलेवा हमलों में बच्चों की जान बच गई थी. लेकिन प्रशासन ने इससे कोई सबक नहीं लिया, इस वजह से एक मासूम बच्ची को आखिरकार जान से हाथ धोना पड़ा. (stray dog attack case in hamirpur) (Terror of man eating dogs in Hamirpur).
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