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अदालत का सवाल : क्या मुंबई के किसी सरकारी अस्पताल में वधावन के लिए पेसमेकर लगाने की सुविधा है

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Published : Sep 27, 2021, 9:46 PM IST

बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से अदालत को यह जानकारी देने को कहा है कि क्या मुंबई के किसी भी सरकारी अस्पताल में पेसमेकर लगाने की सुविधा है जो व्यवसायी राकेश वधावन को मुहैया करायी जा सके.

बंबई उच्च न्यायालय
बंबई उच्च न्यायालय

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से अदालत को यह जानकारी देने को कहा है कि क्या मुंबई के किसी भी सरकारी अस्पताल में पेसमेकर लगाने की सुविधा है जो व्यवसायी राकेश वधावन को मुहैया करायी जा सके. वधावन पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक धोखाधड़ी मामला में धनशोधन के आरोपी हैं.

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने एक आदेश में राज्य के जेल अधिकारियों को 28 सितंबर तक इसकी सूचना देने को कहा. पीठ ने कहा कि अगर किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है तो वधावन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इस तरह की प्रक्रिया से गुजरने का विकल्प देना होगा और इसका खर्च उन्हें उठाना होगा.

अदालत ने शहर के केईएम अस्पताल और निजी अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा पेश मेडिकल रिपोर्टों पर गौर करने के बाद निर्देश जारी किए. वधावन अभी केईएम अस्पताल में भर्ती हैं और अदालत की अनुमति के बाद निजी अस्पताल के एक डॉक्टर अस्पताल में वधावन को देखने गए थे.

वधावन के वकील अबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि चिकित्सा रिपोर्टों के अनुसार वधावन कई बीमारियों से पीड़ित हैं जिनमें हृदय की बीमारी भी शामिल है. हृदय की स्थिति को देखते हुए वधावन को पेसमेकर लगाने के लिए एंजियोप्लास्टी की जरूरत है.

पढ़ें - दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप की शिकार महिला को 20 हफ्ते का भ्रूण हटाने की अनुमति दी

आदेश के अनुसार, केईएम अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उनके अस्पताल में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं थी. अदालत ने गौर किया कि वधावन के हृदय की स्थिति "गंभीर" है.

प्रवर्तन निदेशालय ने वधावन को 2019 में कथित पीएमसी बैंक घोटाले के सिलसिले में धनशोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. वधावन उसके बाद से ही न्यायिक हिरासत में हैं और अभी केईएम अस्पताल में भर्ती हैं.

(भाषा)

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार से अदालत को यह जानकारी देने को कहा है कि क्या मुंबई के किसी भी सरकारी अस्पताल में पेसमेकर लगाने की सुविधा है जो व्यवसायी राकेश वधावन को मुहैया करायी जा सके. वधावन पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक धोखाधड़ी मामला में धनशोधन के आरोपी हैं.

न्यायमूर्ति भारती डांगरे की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने एक आदेश में राज्य के जेल अधिकारियों को 28 सितंबर तक इसकी सूचना देने को कहा. पीठ ने कहा कि अगर किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है तो वधावन को अपनी पसंद के निजी अस्पताल में इस तरह की प्रक्रिया से गुजरने का विकल्प देना होगा और इसका खर्च उन्हें उठाना होगा.

अदालत ने शहर के केईएम अस्पताल और निजी अस्पताल के एक डॉक्टर द्वारा पेश मेडिकल रिपोर्टों पर गौर करने के बाद निर्देश जारी किए. वधावन अभी केईएम अस्पताल में भर्ती हैं और अदालत की अनुमति के बाद निजी अस्पताल के एक डॉक्टर अस्पताल में वधावन को देखने गए थे.

वधावन के वकील अबाद पोंडा ने अदालत से कहा कि चिकित्सा रिपोर्टों के अनुसार वधावन कई बीमारियों से पीड़ित हैं जिनमें हृदय की बीमारी भी शामिल है. हृदय की स्थिति को देखते हुए वधावन को पेसमेकर लगाने के लिए एंजियोप्लास्टी की जरूरत है.

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आदेश के अनुसार, केईएम अधिकारियों ने अदालत से कहा कि उनके अस्पताल में ऐसी सुविधा उपलब्ध नहीं थी. अदालत ने गौर किया कि वधावन के हृदय की स्थिति "गंभीर" है.

प्रवर्तन निदेशालय ने वधावन को 2019 में कथित पीएमसी बैंक घोटाले के सिलसिले में धनशोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. वधावन उसके बाद से ही न्यायिक हिरासत में हैं और अभी केईएम अस्पताल में भर्ती हैं.

(भाषा)

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