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Bariatric Surgery: डॉक्टरों ने 240 किलो वजन वाले युवक की बेरियाट्रिक सर्जरी की, कम किया 70 किलो

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Published : Feb 22, 2023, 8:50 PM IST

तेलंगाना में हैदराबाद के उस्मानिया अस्पताल के डॉक्टरों ने करीब 240 किलो वजन वाले एक युवक की बेरियाट्रिक सर्जरी की है, जिससे उसका वजन 70 किलो कम हो गया. डॉक्टरों का कहना है कि युवक के शरीर से अभी 80 से 90 किलो वजन और कम किया जा सकता है.

Doctors performed bariatric surgery on the young man
डॉक्टरों ने युवक की बेरियाट्रिक सर्जरी की

हैदराबाद: तेलंगाना में हैदराबाद के उस्मानिया अस्पताल के डॉक्टरों ने करीब 240 किलो वजन के मोटापे से पीड़ित एक युवक का ऑपरेशन किया. डॉक्टरों ने बेरियाट्रिक सर्जरी की मदद से उस युवक का करीब 70 किलो वजन कम किया. डॉक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक तेलंगाना राज्य के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की सर्जरी को किया गया है. बताया गया कि दो महीने पहले युवक का ऑपरेशन किया गया था और युवक का वजन अब कम होकर 170 किलो रह गया है.

डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी दी है कि पीड़ित युवक का करीब 70 किलो वजन कम हुआ है. इसके अलावा 80 से 90 किलो वजन और कम हो सकता है. हैदराबाद के गुड़ीमलकापुर के महेंद्र सिंह बचपन से ही मोटापे से पीड़ित हैं. उम्र के साथ उनका वजन बढ़ता गया, जिससे उनका चलना मुश्किल हो गया. हालांकि, उसके माता-पिता उसकी स्थिति में सुधार करना चाहते थे और उन्होंने एक निजी अस्पताल से संपर्क किया, जहां डॉक्टरों ने युवक की जांच की और सर्जरी का सुझाव दिया, जिसमें लगभग 12 लाख रुपये खर्च होंगे.

युवक के माता-पिता इतनी रकम देने में असमर्थ थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी समस्या के बारे में उस्मानिया अस्पताल में डॉक्टरों से बात की. इस केस को लेकर करीब 15 डॉक्टरों ने एक कमेटी का गठन किया गया और काफी चर्चा के बाद डॉक्टरों ने उस युवक की बेरियाट्रिक सर्जरी करने का फैसला किया. डॉक्टरों ने इस सर्जरी के बारे में बताते हुए कहा कि बेरिएट्रिक सर्जरी में, गैस्ट्रिक बाइपास के माध्यम से पेट के आकार को कम किया जाता है, इसके अलावा पेट की छोटी आंतों को भी कुछ हद तक छोटा किया जाता है.

इससे व्यक्ति पेट में भोजन का भंडारण कम होता है. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ है और उसे आगे का उपचार दिया जा रहा है. अब जब युवक के पेट में खाने की मात्रा कम जाएगी, तो उसके वजन पर भी असर पड़ेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी अस्पतालों में बेरियाट्रिक सर्जरी बहुत कम की जाती है. पीड़ित युवक के घुटनों पर अत्यधिक वजन था, मोटापे के चलते उसे डायबिटीज, हाई बीपी और अन्य शारीरिक व मानसिक बीमारियां भी है.

पढ़ें: Raipur couple death mystery : रायपुर दूल्हा दुल्हन मर्डर मिस्ट्री , एक दिन पहले सुसाइड करने वाला था दूल्हा

इन सब की वजह से उस्मानिया अस्पताल के डॉक्टरों ने मानवता की एक मिसाल देते हुए युवक का इलाज किया और उसे एक नया जीवन दिया. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. युवक का वजन तकरीबन 240 किलो था, इसलिए सर्जरी के दौरान उनके लिए सिंगल बेड पर लेटना मुश्किल था. शरीर के अगल-बगल अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई थी और इससे इस समस्या को दूर किया गया. इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री हरीश राव ने डॉक्टरों को बधाई दी.

हैदराबाद: तेलंगाना में हैदराबाद के उस्मानिया अस्पताल के डॉक्टरों ने करीब 240 किलो वजन के मोटापे से पीड़ित एक युवक का ऑपरेशन किया. डॉक्टरों ने बेरियाट्रिक सर्जरी की मदद से उस युवक का करीब 70 किलो वजन कम किया. डॉक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक तेलंगाना राज्य के किसी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की सर्जरी को किया गया है. बताया गया कि दो महीने पहले युवक का ऑपरेशन किया गया था और युवक का वजन अब कम होकर 170 किलो रह गया है.

डॉक्टरों ने इस बात की जानकारी दी है कि पीड़ित युवक का करीब 70 किलो वजन कम हुआ है. इसके अलावा 80 से 90 किलो वजन और कम हो सकता है. हैदराबाद के गुड़ीमलकापुर के महेंद्र सिंह बचपन से ही मोटापे से पीड़ित हैं. उम्र के साथ उनका वजन बढ़ता गया, जिससे उनका चलना मुश्किल हो गया. हालांकि, उसके माता-पिता उसकी स्थिति में सुधार करना चाहते थे और उन्होंने एक निजी अस्पताल से संपर्क किया, जहां डॉक्टरों ने युवक की जांच की और सर्जरी का सुझाव दिया, जिसमें लगभग 12 लाख रुपये खर्च होंगे.

युवक के माता-पिता इतनी रकम देने में असमर्थ थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी समस्या के बारे में उस्मानिया अस्पताल में डॉक्टरों से बात की. इस केस को लेकर करीब 15 डॉक्टरों ने एक कमेटी का गठन किया गया और काफी चर्चा के बाद डॉक्टरों ने उस युवक की बेरियाट्रिक सर्जरी करने का फैसला किया. डॉक्टरों ने इस सर्जरी के बारे में बताते हुए कहा कि बेरिएट्रिक सर्जरी में, गैस्ट्रिक बाइपास के माध्यम से पेट के आकार को कम किया जाता है, इसके अलावा पेट की छोटी आंतों को भी कुछ हद तक छोटा किया जाता है.

इससे व्यक्ति पेट में भोजन का भंडारण कम होता है. डॉक्टरों ने बताया कि मरीज का ऑपरेशन सफलतापूर्वक हुआ है और उसे आगे का उपचार दिया जा रहा है. अब जब युवक के पेट में खाने की मात्रा कम जाएगी, तो उसके वजन पर भी असर पड़ेगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सरकारी अस्पतालों में बेरियाट्रिक सर्जरी बहुत कम की जाती है. पीड़ित युवक के घुटनों पर अत्यधिक वजन था, मोटापे के चलते उसे डायबिटीज, हाई बीपी और अन्य शारीरिक व मानसिक बीमारियां भी है.

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इन सब की वजह से उस्मानिया अस्पताल के डॉक्टरों ने मानवता की एक मिसाल देते हुए युवक का इलाज किया और उसे एक नया जीवन दिया. अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि सर्जरी के दौरान उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. युवक का वजन तकरीबन 240 किलो था, इसलिए सर्जरी के दौरान उनके लिए सिंगल बेड पर लेटना मुश्किल था. शरीर के अगल-बगल अतिरिक्त बेड की व्यवस्था की गई थी और इससे इस समस्या को दूर किया गया. इस ऑपरेशन के सफल होने के बाद तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री हरीश राव ने डॉक्टरों को बधाई दी.

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