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सेंथिल बालाजी मामले पर गवर्नर टीएन रवि को घेरने पर विचार कर रही द्रमुक

राज्य में सेंथिल बालाजी को लेकर राजनीति गर्मा गई है. स्टालिन सरकार लगातार गवर्नर टीएन रवि पर हमलावर है. देखना होगा कि राज्य की सियासत में गुल खिलता है.

DMK planning to corner Governor TN Ravi
गवर्नर टीएन रवि को घेरने पर विचार कर रही द्रमुक
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Published : Jun 30, 2023, 11:32 AM IST

Updated : Jun 30, 2023, 2:59 PM IST

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) तमिलनाडु मंत्रिमंडल से मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के फैसले को वापस लेने के राज्यपाल टी एन रवि के कदम के बीच सभी राजनीतिक विकल्पों और कानूनी पहलुओं पर विचार कर सकती है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. उन्होंने बताया कि द्रमुक आलाकमान इस मामले में कानूनी एवं राजनीतिक रणनीति तैयार करने के लिए अपने नेताओं और पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर सकता है.

  • #WATCH | Tamil Nadu: DMK supporters stick posters near Anna Arivalayam, DMK headquarters in Chennai, raising questions to Governor RN Ravi against Union Ministers who are still in the cabinet with several cases registered against them. pic.twitter.com/M7xKqTrpzg

    — ANI (@ANI) June 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

द्रमुक के एक पदाधिकारी ने कहा, 'राज्यपाल अपने फैसले से पीछे हट गए हैं और उनका पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है.' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रमुक को निशाना बनाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हर चाल उल्टी पड़ रही है. सूत्रों ने कहा कि मामले में कानूनी पहलुओं या अन्य कदमों (मसलन, निलंबन को लेकर राजनीतिक हितों की संभावना और इसे विफल करने की जवाबी रणनीति) पर 'तत्काल' विचार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि फैसले पर अब रोक लगा दी गई है.

बृहस्पतिवार को बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के कुछ घंटों बाद राज्यपाल रवि ने बाद अपना फैसला स्थगित कर दिया था. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि द्रमुक राज्यपाल की कथित ज्यादतियों के लिए उन्हें घेरने और सही समय पर तथा जरूरत पड़ने पर भाजपा से राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है. बालाजी की गिनती कोंगु क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है. कुछ साल पहले द्रमुक में शामिल होने से पहले वह ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) का हिस्सा थे.

द्रमुक ने शुक्रवार को दावा किया कि राज भवन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का फैसला कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया. द्रमुक से जुड़े अखबार 'मुरासोली' में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि 'केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बर्खास्तगी आदेश पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई.' पूरे घटनाक्रमों के बारे में बताते हुए खबर में कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी नेताओं द्वारा फैसले के संबंध में की गई 'कड़ी निंदा' को रेखांकित किया गया.

खबर के अनुसार, आधी रात को 'सूचना' आई कि मामले पर अटॉर्नी जनरल की राय जानने के लिए बर्खास्तगी आदेश को स्थगित किया जा रहा है. इसमें कहा गया है, 'यह ध्यान देने योग्य है कि राज्यपाल के फैसले पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई.' राज्यपाल ने बृहस्पतिवार देर शाम मुख्यमंत्री को भेजे संचार में कहा था कि वह फैसले पर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनकी कानूनी राय जानेंगे. उन्होंने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के फैसले के पीछे की वजहों के बारे में भी बताया था.

ये भी पढ़ें:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले घूस मामले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था. वह तभी से अस्पताल में हैं. राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी के आदेश पर अमल पर अगली सूचना तक रोक लगा दी है. इस बीच, चेन्नई की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनके जरिये सवाल किया गया है कि 'क्या गिंडी कुछ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ लंबित मामलों और मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर दिल्ली को पत्र लिखेगा?' चेन्नई स्थित गिंडी का स्पष्ट संदर्भ राजभवन से माना जा रहा है.

(अतिरिक्त इनपुट - एजेंसी)

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) तमिलनाडु मंत्रिमंडल से मंत्री सेंथिल बालाजी को बर्खास्त करने के फैसले को वापस लेने के राज्यपाल टी एन रवि के कदम के बीच सभी राजनीतिक विकल्पों और कानूनी पहलुओं पर विचार कर सकती है. सूत्रों ने शुक्रवार को यह बात कही. उन्होंने बताया कि द्रमुक आलाकमान इस मामले में कानूनी एवं राजनीतिक रणनीति तैयार करने के लिए अपने नेताओं और पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर सकता है.

  • #WATCH | Tamil Nadu: DMK supporters stick posters near Anna Arivalayam, DMK headquarters in Chennai, raising questions to Governor RN Ravi against Union Ministers who are still in the cabinet with several cases registered against them. pic.twitter.com/M7xKqTrpzg

    — ANI (@ANI) June 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

द्रमुक के एक पदाधिकारी ने कहा, 'राज्यपाल अपने फैसले से पीछे हट गए हैं और उनका पूरी तरह से पर्दाफाश हो गया है.' उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में द्रमुक को निशाना बनाने की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हर चाल उल्टी पड़ रही है. सूत्रों ने कहा कि मामले में कानूनी पहलुओं या अन्य कदमों (मसलन, निलंबन को लेकर राजनीतिक हितों की संभावना और इसे विफल करने की जवाबी रणनीति) पर 'तत्काल' विचार करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि फैसले पर अब रोक लगा दी गई है.

बृहस्पतिवार को बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के कुछ घंटों बाद राज्यपाल रवि ने बाद अपना फैसला स्थगित कर दिया था. हालांकि, सूत्रों ने कहा कि द्रमुक राज्यपाल की कथित ज्यादतियों के लिए उन्हें घेरने और सही समय पर तथा जरूरत पड़ने पर भाजपा से राजनीतिक रूप से लड़ने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है. बालाजी की गिनती कोंगु क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में होती है. कुछ साल पहले द्रमुक में शामिल होने से पहले वह ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) का हिस्सा थे.

द्रमुक ने शुक्रवार को दावा किया कि राज भवन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का फैसला कुछ ही घंटों बाद वापस ले लिया. द्रमुक से जुड़े अखबार 'मुरासोली' में प्रकाशित खबर में कहा गया है कि 'केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बर्खास्तगी आदेश पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई.' पूरे घटनाक्रमों के बारे में बताते हुए खबर में कानूनी विशेषज्ञों और पार्टी नेताओं द्वारा फैसले के संबंध में की गई 'कड़ी निंदा' को रेखांकित किया गया.

खबर के अनुसार, आधी रात को 'सूचना' आई कि मामले पर अटॉर्नी जनरल की राय जानने के लिए बर्खास्तगी आदेश को स्थगित किया जा रहा है. इसमें कहा गया है, 'यह ध्यान देने योग्य है कि राज्यपाल के फैसले पर पांच घंटे के भीतर रोक लगा दी गई.' राज्यपाल ने बृहस्पतिवार देर शाम मुख्यमंत्री को भेजे संचार में कहा था कि वह फैसले पर अटॉर्नी जनरल से विचार-विमर्श करेंगे और उनकी कानूनी राय जानेंगे. उन्होंने बालाजी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने के फैसले के पीछे की वजहों के बारे में भी बताया था.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नौकरी के बदले घूस मामले में बालाजी को 14 जून को गिरफ्तार किया था. वह तभी से अस्पताल में हैं. राज्यपाल ने मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी के आदेश पर अमल पर अगली सूचना तक रोक लगा दी है. इस बीच, चेन्नई की सड़कों पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनके जरिये सवाल किया गया है कि 'क्या गिंडी कुछ केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ लंबित मामलों और मंत्रिमंडल से उनकी बर्खास्तगी की मांग को लेकर दिल्ली को पत्र लिखेगा?' चेन्नई स्थित गिंडी का स्पष्ट संदर्भ राजभवन से माना जा रहा है.

(अतिरिक्त इनपुट - एजेंसी)

Last Updated : Jun 30, 2023, 2:59 PM IST
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