नई दिल्ली: पांच अन्य राज्यों के साथ असम में दो राज्यसभा सीटों के लिए 31 मार्च को मतदान होगा. असम में कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह ने 'ईटीवी भारत' से कहा 'हम राज्य सभा चुनाव के लिए सभी पार्टियों के बीच आम सहमति बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हालांकि, आम सहमति के लिए अभी उम्मीदवार तय किया जाना बाकी है.'
सिंह का ऐसा कहना महत्वपूर्ण है क्योंकि चुनाव आयोग पहले ही छह राज्यों के 13 राज्यसभा सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान की तारीख की घोषणा कर चुका है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रिपुन बोरा और रानी नारा का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा. चुनाव आयोग ने राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 21 मार्च घोषित की है.
कांग्रेस ने सभी विपक्ष को एकजुट करने के लिए उम्मीदवार की पहल की है, हालांकि अपने राज्यसभा उम्मीदवार पवन सिंह घाटोवर के लिए अन्य सभी दलों से समर्थन प्राप्त करना मुश्किल हो रहा था.
असम में विपक्ष के सहयोगी दल ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) ने अपना उम्मीदवार खड़ा करने की इच्छा व्यक्त की है. दूसरी ओर, भाजपा को राज्य में एकजुट विपक्ष के अभाव में दोनों सीटें मिलने का भरोसा है. 126 सदस्यीय असम विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 84 सीटें हैं. अकेले बीजेपी के 65 सदस्य हैं, ऐसे में पार्टी के लिए एक सीट सुनिश्चित है. कांग्रेस और अन्य विपक्ष के पास संयुक्त रूप से 42 सीटें हैं. अकेले कांग्रेस के पास 27 सीटें हैं.
भाजपा के सूत्रों ने इस संवाददाता को बताया कि पार्टी अपने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) को एक राज्यसभा सीट दे सकती है. बीपीएफ हाल ही में असम विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन का भागीदार बना है. इस संवाददाता से बात करते हुए केंद्रीय जलमार्ग और जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने विश्वास जताया है कि राज्य में बीजेपी को दोनों राज्यसभा सीटें मिलेंगी. सोनोवाल ने कहा, 'हां, मुझे विश्वास है कि बीजेपी को आगामी चुनाव में राज्यसभा की दोनों सीटें मिलेंगी.'
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