नई दिल्ली : लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने जिलों में सांसदों की अगुवाई वाली 'दिशा' समिति की बैठकों को अनिवार्य बनाने की मांग करते हुए कहा कि जिन राज्यों में ये बैठकें नहीं होती हैं वहां विकास कार्य से संबंधित निधि रोकी जाए.
सोमवार को अधीर रंजन चौधरी ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान जनजातीय कार्य मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछते हुए यह दावा भी किया कि पश्चिम बंगाल में पिछले कई वर्षों से 'दिशा' समिति की बैठकें नहीं हो रही हैं. उन्होंने दावा किया, 'पिछले 12-13 साल से मेरे यहां दिशा समिति की बैठक नहीं बुलाई गई है, जबकि मैं दिशा समिति का प्रमुख हूं. किसी भी मंत्रालय से जुड़े विषय पर दिशा समिति की बैठक नहीं बुलाई जाती है.'
पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से लोक सभा सदस्य चौधरी ने कहा, 'यह अनिवार्य कर दीजिए कि अगर दिशा समिति बैठक नहीं बुलाई जाती है तो फिर फंड रिलीज होना बंद कर दीजिए. हर राज्य को मजबूर किया जाए कि बैठक बुलाई जाए.'
बता दें कि साल 2016 में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry Of Rural Development) के सचिव की ओर से जारी पत्र के बाद जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (District Development Coordination and Monitoring Committee-DDCMC) को दिशा (DISHA) कमेटी के नाम से जाना जाता है. समिति का मकसद केंद्र सरकार की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना और समय सीमा के अधीन और विकास कार्यों का अधिक कुशल संयोजन करना है.
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बता दें कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले से अधीर रंजन चौधरी के अलावा तीन और सांसद जिला स्तरीय दिशा कमेटी में शामिल हैं. जिले की बहरामपुर से सांसद अधीर रंजन चौधरी समिति के अध्यक्ष हैं, जबकि तीन सह अध्यक्ष अबू हासेन खान चौधरी (Abu Hasem Khan Choudhury), अबू ताहिर खान (Abu Taher Khan) और खालिउर रहमान (Khalilur Rahaman) हैं. ताहिर और खालिउर ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं, जबकि अबू हासेन कांग्रेस सांसद हैं.