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CSIR ने विकसित की नई तकनीक, देहरादून की लैब पूरा करेगी ऑक्‍सीजन की कमी

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Published : Apr 16, 2021, 7:41 PM IST

देश में जब से कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई है, तब से ऑक्सीजन की खपत बढ़ी है. फर्मों से जुड़े व्यक्तियों की मानें तो, अगर इसी तरह से मरीजों की संख्या बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में निश्चित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है. ऐसे समय में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने राहत देने वाली खबर सुनाई है.

CSIR
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दिल्ली : देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी के साथ ही ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ने लगी है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने भी एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने कहा, हमारी देहरादून लैब लगभग 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट तैयार कर सकती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

कोरोना सांस की बीमारी है, जिसमें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ 'जंग' में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

पढ़ें- आरटी-पीसीआर टेस्ट वायरस डिटेक्ट करने में 20 फीसदी नाकाम

सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे ने कहा, हमारी देहरादून की प्रयोगशाला ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है, जिसके ज़रिए हवा से ऑक्सीजन लेकर उसको एनरिच किया जा सकता है. सिलेंडर वाली तकनीक से ऑन साइट ऑक्सीजन बनाने में मानव संसाधन (ह्यूमन रिसोर्सेज) कम लगेगा. यह प्रकिया आसान है. देहरादून लैब लगभग 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट तैयार कर सकती है. हम ऑक्सीजन ऑनसाइट उत्पन्न कर सकते हैं.

दिल्ली : देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं. इसी के साथ ही ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ने लगी है. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने भी एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मांडे ने कहा, हमारी देहरादून लैब लगभग 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट तैयार कर सकती है, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

कोरोना सांस की बीमारी है, जिसमें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है. ऐसे में कोरोना के खिलाफ 'जंग' में काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने ऐसी तकनीक विकसित की है, जिससे ऑक्सीजन की कमी को पूरा किया जा सकता है.

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सीएसआईआर के महानिदेशक डॉक्टर शेखर मांडे ने कहा, हमारी देहरादून की प्रयोगशाला ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है, जिसके ज़रिए हवा से ऑक्सीजन लेकर उसको एनरिच किया जा सकता है. सिलेंडर वाली तकनीक से ऑन साइट ऑक्सीजन बनाने में मानव संसाधन (ह्यूमन रिसोर्सेज) कम लगेगा. यह प्रकिया आसान है. देहरादून लैब लगभग 500 लीटर ऑक्सीजन प्रति मिनट तैयार कर सकती है. हम ऑक्सीजन ऑनसाइट उत्पन्न कर सकते हैं.

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