गाजीपुर : जिले के विभिन्न घाटों पर लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है. इस मामले में ईटीवी भारत ने जब जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह से बात की और गंगा में उतराई लाशों के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने बताया कि गंगा में केवल एक लाश मिली है, जिसका विधि विधान से अंतिम संस्कार करवा दिया गया है. यूपी से लाशें बहकर बिहार में प्रवेश न कर सके, इसके लिए बक्सर के जिलाधिकारी के द्वारा अपने बॉर्डर पर गंगा नदी में जाल लगाने के बारे में सवाल पर गाजीपुर जिलाधिकारी ने कहा कि यह उनका आंतरिक मामला है. इसमें हम कुछ नहीं कह सकते हैं.
जिलाधिकारी से बात करने के बाद सेवराईं एसडीएम रमेश कुमार मौर्य ने ईटीवी भारत की खबरों का संज्ञान लेते हुए रात 11:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक गंगा में उतराई लाशों को निकलवाया. उन्होंने बताया कि तकरीबन 23 से 25 लाशों को गंगा से निकाला गया है.
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दोनों अधिकारियों के बयान एक-दूसरे से अलग
जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह कह रहे हैं कि एक लाश मिली, जिसका उन्होंने विधि विधान से अंतिम संस्कार करवा दिया, तो वहीं एसडीएम सेवराईं ने करीब 25 लाशों को गंगा से निकालने की बात कही है. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह झूठ बोल रहे हैं या फिर स्थानीय प्रशासन झूठ बोल रहा है, जो इस मामले की जानकारी को लेकर उनको अंधेरे में रखा है.
लाशों की बदबू से लोग परेशान
बता दें कि अभी कुछ अन्य जगहों से भी खबरें आ रही हैं कि गंगा किनारे वाले गांवों में दर्जनों की संख्या में लाशें मिलीं हैं. स्थानीय लोग इसे लेकर काफी परेशान हैं, क्योंकि गंगा में उतराती लाशों से बदबू आ रही है. लोगों को कोरोना संक्रमण फैलने का डर सता रहा है.