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जागो अन्ना अभियान: रालेगण सिद्धि में 1 जून को ढोल बजाएंगे NGO कार्यकर्ता

कई गैर सरकारी संगठनों (NGO) ने अब देश के गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन एनजीओ के कार्यकर्ताओं ने अब अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि में 'अन्ना जागो' और ढोल बजाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है.

Anna Jago' agitation at Hazare's village on June 1
Anna Jago' agitation at Hazare's village on June 1
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Published : May 19, 2022, 6:05 PM IST

पुणे : गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में जल्द ही नया आंदोलन शुरू होने वाला है. मगर इस बार आंदोलन अन्ना हजारे नहीं बल्कि दूसरे एनजीओ से जुड़े कार्यकर्ता करने वाले हैं. इन गैर सरकारी संगठनों ने अन्ना हजारे के खिलाफ रालेगण सिद्धि में 'अन्ना जागो' और ढोल बजाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है. इन संगठनों का आरोप है कि अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार की नीतियों और महंगाई पर चुप्पी साध रखी है, जबकि यूपीए के शासनकाल में वह राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन करते रहे. इसलिए एक जून को अन्ना के गांव में हजारों की संख्या में लोग अन्ना जागो अभियान चलाएंगे.

देश बचाओ जन आंदोलन के प्रेसिडेंट सोमनाथ काशिद ने कहा कि देश में पेट्रोल और कुकिंग गैस की कीमत आसमान पर पहुंच गई है. महंगाई के कारण लोगों की जिंदगी में दिक्कतें आ गई हैं मगर अन्ना इसकी अनदेखी करते हुए कुंभकरण के भाई की तरह शांति से सो रहे हैं. इसलिए रालेगण सिद्धि में अन्ना को जगाने के लिए ढोल बजाओ आंदोलन किया जाएगा. सोमनाथ का कहना है कि जब देश में यूपीए की सरकार थी, अन्ना हजारे लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहे. मगर जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है, लोग तमाम तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. मगर अन्ना कुछ कर नहीं रहे.

अन्ना के समर्थकों का कहना है कि अन्ना अब 84 साल के हो चुके हैं और अभी वह अस्वस्थ रहने लगे हैं. इसके जवाब में काशिद ने कहा कि पिछले हफ्ते कैसे अन्ना हजारे ने शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि लोग अब खुले तौर से अन्ना को बीजेपी का एजेंट कहने लगे हैं, जो चुन-चुनकर आंदोलन करते हैं. सोमनाथ काशिद ने दावा किया है कि कई राजनीतिक दलों ने उनके ढोल बजाओ, अन्ना जागो अभियान को समर्थन देने का वादा किया है. यह अभियान महाराष्ट्र से दिल्ली तक चलाया जाएगा.

पुणे : गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे के गांव रालेगण सिद्धि में जल्द ही नया आंदोलन शुरू होने वाला है. मगर इस बार आंदोलन अन्ना हजारे नहीं बल्कि दूसरे एनजीओ से जुड़े कार्यकर्ता करने वाले हैं. इन गैर सरकारी संगठनों ने अन्ना हजारे के खिलाफ रालेगण सिद्धि में 'अन्ना जागो' और ढोल बजाओ आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है. इन संगठनों का आरोप है कि अन्ना हजारे ने केंद्र सरकार की नीतियों और महंगाई पर चुप्पी साध रखी है, जबकि यूपीए के शासनकाल में वह राजनीतिक-सामाजिक मुद्दों पर आंदोलन करते रहे. इसलिए एक जून को अन्ना के गांव में हजारों की संख्या में लोग अन्ना जागो अभियान चलाएंगे.

देश बचाओ जन आंदोलन के प्रेसिडेंट सोमनाथ काशिद ने कहा कि देश में पेट्रोल और कुकिंग गैस की कीमत आसमान पर पहुंच गई है. महंगाई के कारण लोगों की जिंदगी में दिक्कतें आ गई हैं मगर अन्ना इसकी अनदेखी करते हुए कुंभकरण के भाई की तरह शांति से सो रहे हैं. इसलिए रालेगण सिद्धि में अन्ना को जगाने के लिए ढोल बजाओ आंदोलन किया जाएगा. सोमनाथ का कहना है कि जब देश में यूपीए की सरकार थी, अन्ना हजारे लगातार सरकार के खिलाफ आंदोलन करते रहे. मगर जब से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई है, लोग तमाम तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. मगर अन्ना कुछ कर नहीं रहे.

अन्ना के समर्थकों का कहना है कि अन्ना अब 84 साल के हो चुके हैं और अभी वह अस्वस्थ रहने लगे हैं. इसके जवाब में काशिद ने कहा कि पिछले हफ्ते कैसे अन्ना हजारे ने शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी. उन्होंने आरोप लगाया कि लोग अब खुले तौर से अन्ना को बीजेपी का एजेंट कहने लगे हैं, जो चुन-चुनकर आंदोलन करते हैं. सोमनाथ काशिद ने दावा किया है कि कई राजनीतिक दलों ने उनके ढोल बजाओ, अन्ना जागो अभियान को समर्थन देने का वादा किया है. यह अभियान महाराष्ट्र से दिल्ली तक चलाया जाएगा.

(आईएएनएस)

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