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Devshayani Ekadashi special : देश में कई नामों से चर्चित है देवशयनी एकादशी, भगवान विष्णु के आराधकों के लिए है खास

देवशयनी एकादशी के कई नाम हैं, जो अलग अलग जगहों पर लिए जाते हैं, लेकिन सबका मतलब आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का ग्यारहवें दिन मनायी जाने वाली एकादशी से ही होता है, जिसमें भगवान पूर्ण मानसिक विश्राम के लिए योग निद्रा में चल जाते हैं ...

Devshayani Ekadashi special for the worshipers of Lord Vishnu
देवशयनी एकादशी 2023
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Published : Jun 27, 2023, 11:36 AM IST

देवशयनी एकादशी को आषाढ़ी एकादशी के साथ-साथ महा एकादशी, पद्मनाभा एकादशी, तोली एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी एकादशी जैसे नामों से अलग-अलग तरीके से जाना जाता है. लेकिन हर जगह ये एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का ग्यारहवें दिन मनायी जाती है. अबकी बार देवशयनी एकादशी 2023 जून माह के आखिर में पड़ रही है. इस दिन से भगवान विष्णु पूर्ण मानसिक विश्राम के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे.

देवशयनी एकादशी 2023 का दिन भगवान विष्णु के आराधकों व अनुयायियों के लिए खास महत्व वाला होता है. वैष्णव समुदाय से जुड़े लोग इसे विधि विधान से मनाते हुए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करके उनको योग निद्रा में चले जाने का पर्व मनाते हैं.

Devshayani Ekadashi special for the worshipers of Lord Vishnu
देवशयनी एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का ग्यारहवें दिन सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश करने से इसकी शुरूआत होती है. इसके साथ-साथ आषाढ़ और कार्तिक महीने के बीच चतुर्मास की शुरुआत होती है. कहा जाता है कि यह चार महीने की एक पवित्र समयावधि है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा वर्जित रहती है, क्योंकि इस दौरान श्रीहरि विष्णु पूर्ण मानसिक विश्राम के लिए योग निद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव किया करते हैं.

ओम नमो भगवते वासुदेवाय का करें जाप
इसीलिए एकादशी के दिन एकादशी पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र का विशेष तौर पर जाप किया जाता है. सामान्य तौर पर 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' के जाप के साथ-साथ विष्णु के सहस्रनाम के पाठ को काफी उपयोगी माना जाता है.

विष्णु सहस्रनाम का करें पाठ
विष्णु सहस्रनाम के बारे में कहा जाता है कि विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के प्रत्येक नाम के लगभग एक सौ अर्थ होते हैं. इसलिए इसे बहुत प्रभावी व शक्तिशाली मंत्र कहा जाता है. यदि आपको सभी नामों का अर्थ न भी मालूम हो तो भी आप देवशयनी एकादशी पर विष्णु सहस्रनाम का जाप करें तो यह लाभकारी हो सकता है.

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देवशयनी एकादशी को आषाढ़ी एकादशी के साथ-साथ महा एकादशी, पद्मनाभा एकादशी, तोली एकादशी, आषाढ़ी एकादशी, हरिशयनी एकादशी जैसे नामों से अलग-अलग तरीके से जाना जाता है. लेकिन हर जगह ये एकादशी आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का ग्यारहवें दिन मनायी जाती है. अबकी बार देवशयनी एकादशी 2023 जून माह के आखिर में पड़ रही है. इस दिन से भगवान विष्णु पूर्ण मानसिक विश्राम के लिए योग निद्रा में चले जाएंगे.

देवशयनी एकादशी 2023 का दिन भगवान विष्णु के आराधकों व अनुयायियों के लिए खास महत्व वाला होता है. वैष्णव समुदाय से जुड़े लोग इसे विधि विधान से मनाते हुए भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करके उनको योग निद्रा में चले जाने का पर्व मनाते हैं.

Devshayani Ekadashi special for the worshipers of Lord Vishnu
देवशयनी एकादशी

हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष का ग्यारहवें दिन सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश करने से इसकी शुरूआत होती है. इसके साथ-साथ आषाढ़ और कार्तिक महीने के बीच चतुर्मास की शुरुआत होती है. कहा जाता है कि यह चार महीने की एक पवित्र समयावधि है, जिसमें भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा वर्जित रहती है, क्योंकि इस दौरान श्रीहरि विष्णु पूर्ण मानसिक विश्राम के लिए योग निद्रा में रहते हैं और सृष्टि का संचालन भगवान शिव किया करते हैं.

ओम नमो भगवते वासुदेवाय का करें जाप
इसीलिए एकादशी के दिन एकादशी पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्र का विशेष तौर पर जाप किया जाता है. सामान्य तौर पर 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' के जाप के साथ-साथ विष्णु के सहस्रनाम के पाठ को काफी उपयोगी माना जाता है.

विष्णु सहस्रनाम का करें पाठ
विष्णु सहस्रनाम के बारे में कहा जाता है कि विष्णु सहस्रनाम में भगवान विष्णु के प्रत्येक नाम के लगभग एक सौ अर्थ होते हैं. इसलिए इसे बहुत प्रभावी व शक्तिशाली मंत्र कहा जाता है. यदि आपको सभी नामों का अर्थ न भी मालूम हो तो भी आप देवशयनी एकादशी पर विष्णु सहस्रनाम का जाप करें तो यह लाभकारी हो सकता है.

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