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हरिद्वार: सोमवती अमावस्या पर 40 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी, टूटे सारे रिकॉर्ड - सोमवती अमावस्या उपाय

हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मौके पर हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सोमवती अमावस्या के मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार में 40 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई.

somvati amavasya snan
सोमवती अमावस्या स्नान
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Published : May 31, 2022, 7:04 AM IST

Updated : May 31, 2022, 9:33 AM IST

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मौके पर हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सोमवती अमावस्या के मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार में 40 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है. सोमवती अमावस्या के महास्नान के मौके पर हरकी पैड़ी श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी रही. श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन कर दान-पुण्य किया, ब्राह्मणों को दक्षिणा दी और गरीबों को भोजना कराया.

ढाई साल बाद हरिद्वार में किसी स्नान पर्व पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं. सड़कों से लेकर गंगा घाट और फिर पौराणिक ब्रह्मकुंड तक हर जगह सिर्फ लोगों की भीड़ ही नजर आ रही थी. पौराणिक ब्रह्मकुंड पर रविवार रात 12 बजे से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा. ब्रह्म मुहूर्त तक गंगा घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया. हर किसी में गंगा में डुबकी लगाने की होड़ सी मची नजर आ रही है.

सोमवती अमावस्या पर 40 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

सोमवती अमावस्या स्नान का हिंदुओं में विशेष महत्व माना गया है. यही कारण है कि पहले तो सोमवती अमावस्या और फिर सोमवार को ही इसके पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. यही कारण है कि दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहते हैं. सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है.

सोमवती अमावस्या पर पुण्यः सोमवती अमावस्या पर गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर भीड़ लगती है. हरिद्वार में भी आज आधी रात से ही गंगा स्नान करने के लिए हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. ज्योतिष गणना के मुताबिक, जब सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो उस दिन सोमवती अमावस्या कहलाती है. ज्योतिषियों के मुताबिक आज सोमवती अमावस्या पर एक खास योग बन रहा है. इस दिन गंगा स्नान के साथ जप, तप और दान का खास महत्व बताया गया है.
ये भी पढ़ेंः 'भारत को 3 साल में बनाना है हिंदू राष्ट्र, देवभूमि में वर्जित हो गैर हिंदुओं का प्रवेश'

क्या है महत्व: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि जब भी कोई अमावस्या सोम युक्ता अर्थात सोमवार के दिन पड़ेगी तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या स्नान दान के लिए, पितरों के लिए बहुत ही पुण्य दाई होता है. इस दिन जो लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा अर्चना दान इत्यादि करते हैं, उनके पित्र तृप्त रहते हैं और उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है. आज के दिन वट सावित्री की पूजा का भी बहुत महत्व है. पति की लंबी आयु और घर में खुशहाली के लिए इस दिन महिलाएं वट की पूजा भी करती हैं. आज के दिन ही महिलाएं वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं.

सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. आज के दिन हर की पैड़ी पर गंगा स्नान कर जो व्यक्ति अपने पुरोहितों, ब्राह्मणों को दान इत्यादि करता है, वह उसके पितरों को तो प्राप्त होता ही है, साथ ही उसको भी उसका कई गुना फल मिलता है. यदि कोई आज के दिन गंगा स्नान करने आ नहीं सकता तो वह घर पर ही गंगा जी का ध्यान कर स्नान करें, तो उसे भी वही फल प्राप्त होता है, जो गंगा स्नान करके प्राप्त होता है.

हरिद्वारः धर्मनगरी हरिद्वार में सोमवती अमावस्या के मौके पर हरकी पैड़ी समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. सोमवती अमावस्या के मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार में 40 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है. सोमवती अमावस्या के महास्नान के मौके पर हरकी पैड़ी श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी रही. श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन कर दान-पुण्य किया, ब्राह्मणों को दक्षिणा दी और गरीबों को भोजना कराया.

ढाई साल बाद हरिद्वार में किसी स्नान पर्व पर इतनी अधिक संख्या में श्रद्धालु देखने को मिल रहे हैं. सड़कों से लेकर गंगा घाट और फिर पौराणिक ब्रह्मकुंड तक हर जगह सिर्फ लोगों की भीड़ ही नजर आ रही थी. पौराणिक ब्रह्मकुंड पर रविवार रात 12 बजे से ही गंगा में आस्था की डुबकी लगाने वालों का सैलाब उमड़ पड़ा. ब्रह्म मुहूर्त तक गंगा घाट श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया. हर किसी में गंगा में डुबकी लगाने की होड़ सी मची नजर आ रही है.

सोमवती अमावस्या पर 40 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई गंगा में डुबकी

सोमवती अमावस्या स्नान का हिंदुओं में विशेष महत्व माना गया है. यही कारण है कि पहले तो सोमवती अमावस्या और फिर सोमवार को ही इसके पड़ने से इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है. यही कारण है कि दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहते हैं. सोमवती अमावस्या के स्नान पर्व का विशेष महत्व माना जाता है.

सोमवती अमावस्या पर पुण्यः सोमवती अमावस्या पर गंगा में स्नान करने के लिए गंगा तटों पर भीड़ लगती है. हरिद्वार में भी आज आधी रात से ही गंगा स्नान करने के लिए हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. ज्योतिष गणना के मुताबिक, जब सोमवार के दिन अमावस्या पड़ती है तो उस दिन सोमवती अमावस्या कहलाती है. ज्योतिषियों के मुताबिक आज सोमवती अमावस्या पर एक खास योग बन रहा है. इस दिन गंगा स्नान के साथ जप, तप और दान का खास महत्व बताया गया है.
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क्या है महत्व: पंडित मनोज त्रिपाठी का कहना है कि जब भी कोई अमावस्या सोम युक्ता अर्थात सोमवार के दिन पड़ेगी तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. अमावस्या स्नान दान के लिए, पितरों के लिए बहुत ही पुण्य दाई होता है. इस दिन जो लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा अर्चना दान इत्यादि करते हैं, उनके पित्र तृप्त रहते हैं और उनका घर धन-धान्य से भरा रहता है. आज के दिन वट सावित्री की पूजा का भी बहुत महत्व है. पति की लंबी आयु और घर में खुशहाली के लिए इस दिन महिलाएं वट की पूजा भी करती हैं. आज के दिन ही महिलाएं वट सावित्री का व्रत भी रखती हैं.

सोमवती अमावस्या पर गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. आज के दिन हर की पैड़ी पर गंगा स्नान कर जो व्यक्ति अपने पुरोहितों, ब्राह्मणों को दान इत्यादि करता है, वह उसके पितरों को तो प्राप्त होता ही है, साथ ही उसको भी उसका कई गुना फल मिलता है. यदि कोई आज के दिन गंगा स्नान करने आ नहीं सकता तो वह घर पर ही गंगा जी का ध्यान कर स्नान करें, तो उसे भी वही फल प्राप्त होता है, जो गंगा स्नान करके प्राप्त होता है.

Last Updated : May 31, 2022, 9:33 AM IST
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