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गजब का पशु प्रेम: भक्तों ने हथिनी के लिए मंदिर में दान की 12 हजार की सैंडल

तमिलनाडु के मशहूर नैलायप्पर मंदिर में हथिनी के लिए भक्तों ने पशु प्रेम दिखाते हुए 12 हजार रुपये की सैंडल दान की हैं. बताया गया कि हथिनी घुटनों के दर्द से पीड़ित थी जिसके चलते भक्तों ने ऐसा अनोखा दान करने का निर्णय लिया.

Devotees donated sandals for elephant tirunelveli
भक्तों हथिनी मंदिर में दान की सैंडल तिरुनेलवेली
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Published : Jul 2, 2022, 10:12 PM IST

Updated : Jul 2, 2022, 10:59 PM IST

तिरुनेलवेली: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में भक्तों ने जानवरों के प्रति प्रेम का एक नया उदाहरण पेश किया है. यहां के मशहूर नैलायप्पर मंदिर में मौजूद हथिनी के लिए भक्तों ने 12 हजार रुपये की सैंडल बनवाकर मंदिर में दान की है. इस हथिनी का नाम गांधीमती बताया जा रहा है. भक्तों ने शनिवार को यह सैंडल मंदिर को दान की.

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गांधीमती के लिए तैयार कराई गई विशेष चप्पलें

बताया गया कि मंदिर में जब गांधीमती को लाया गया था तब उसकी उम्र 13 साल थी. अब वह 52 सालों की हो चुकी है. कुछ समय पहले मेडिकल टीम ने जांच में पाया कि उसका वजन लगभग 300 किलो बढ़ गया है जिसके बाद उन्होंने हथिनी का वजन कम करने के लिए उसकी देखरेख करने वालों को सलाह दी कि इसे रोजाना 5 किलोमीटर सैर कराइए.

भक्तों ने दान की 12 हजार की सैंडल

यह भी पढ़ें-गजब का प्रेम: इस व्यक्ति ने अपने कुत्ते की याद में बनाया मंदिर

इसके बाद मात्र 6 महीनों में गांधीमती का करीब 150 किलो वजन कम हो गया लेकिन साथ ही उसके जोड़ों और घुटने में दर्द की समस्या भी शुरू हो गई. इसी समस्या के हल के लिए भक्तों ने गांधीमती के लिए सैंडल बनावाकर दान किया जिससे हथिनी के घुटनों के दर्द में कमी आ सके. इस दान की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.

तिरुनेलवेली: तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में भक्तों ने जानवरों के प्रति प्रेम का एक नया उदाहरण पेश किया है. यहां के मशहूर नैलायप्पर मंदिर में मौजूद हथिनी के लिए भक्तों ने 12 हजार रुपये की सैंडल बनवाकर मंदिर में दान की है. इस हथिनी का नाम गांधीमती बताया जा रहा है. भक्तों ने शनिवार को यह सैंडल मंदिर को दान की.

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गांधीमती के लिए तैयार कराई गई विशेष चप्पलें

बताया गया कि मंदिर में जब गांधीमती को लाया गया था तब उसकी उम्र 13 साल थी. अब वह 52 सालों की हो चुकी है. कुछ समय पहले मेडिकल टीम ने जांच में पाया कि उसका वजन लगभग 300 किलो बढ़ गया है जिसके बाद उन्होंने हथिनी का वजन कम करने के लिए उसकी देखरेख करने वालों को सलाह दी कि इसे रोजाना 5 किलोमीटर सैर कराइए.

भक्तों ने दान की 12 हजार की सैंडल

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इसके बाद मात्र 6 महीनों में गांधीमती का करीब 150 किलो वजन कम हो गया लेकिन साथ ही उसके जोड़ों और घुटने में दर्द की समस्या भी शुरू हो गई. इसी समस्या के हल के लिए भक्तों ने गांधीमती के लिए सैंडल बनावाकर दान किया जिससे हथिनी के घुटनों के दर्द में कमी आ सके. इस दान की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.

Last Updated : Jul 2, 2022, 10:59 PM IST

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