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चक्रवाती हवाओं के बावजूद रेलवे ने पूर्वी राज्यों से एलएमओ की ढुलाई की

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Published : May 25, 2021, 10:58 PM IST

कोरोना काल में रेलवे देश के हर कोने में राहत पहुंचा रही है. चक्रवाती हवाओं के बावजूद रेलवे ने पूर्वी राज्यों से परिचालन बढ़ाया और ऑक्सीजन एक्सप्रेस 12 घंटे में 680 मीट्रिक टन एलएमओ लेकर अन्य राज्य पहुंची.

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नई दिल्ली : भारतीय रेलवे विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए कोविड संकट के बीच देश को राहत पहुंचाना जारी रखे हुए है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवात यास के बनने के कारण तेज चक्रवाती हवाओं के बावजूद, रेलवे ने पूर्वी राज्यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस के संचालन को बढ़ाया और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर अन्य राज्यों में पहुंची.

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले 12 घंटों में 8 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों से 680 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की ढुलाई की.

भारत मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार चक्रवात यास, जो 'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलते हुए, 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट पर दस्तक देगा.

दक्षिणी राज्यों में भारतीय रेलवे द्वारा तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में 1000 मीट्रिक टन से ज्यादा एलएमओ की डिलीवरी की जा चुकी है.

अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश को 17,239 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ वितरित किया.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4,820 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1,911 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1,421 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. वहीं, तमिलनाडु में 1,099 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 886 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1,029 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

पढ़ें :- ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने बनाया रिकॉर्ड, राज्यों में पहुंचाया 16 हजार टन से अधिक एलएमओ

राज्यों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंद्रा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर, अंगुल में स्थित ऑक्सीजन संयंत्रों से अपनी ट्रेनों को लोड कर रहा है और फिर इसे उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों में पहुंचा रहा है.

रेल मंत्रालय ने सूचित किया कि लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है. रेलवे इन ट्रेनों को उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर चला रहा है. विभिन्न वर्गों में क्रू परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है. यह सब इस तरह से किया जाता है कि अन्य माल ढुलाई की गति भी कम न हो.

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए कोविड संकट के बीच देश को राहत पहुंचाना जारी रखे हुए है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवात यास के बनने के कारण तेज चक्रवाती हवाओं के बावजूद, रेलवे ने पूर्वी राज्यों में ऑक्सीजन एक्सप्रेस के संचालन को बढ़ाया और लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन लेकर अन्य राज्यों में पहुंची.

रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि पिछले 12 घंटों में 8 ऑक्सीजन एक्सप्रेस ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्यों से 680 मीट्रिक टन तरल चिकित्सा ऑक्सीजन की ढुलाई की.

भारत मौसम विज्ञान विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार चक्रवात यास, जो 'बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान' में बदलते हुए, 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट पर दस्तक देगा.

दक्षिणी राज्यों में भारतीय रेलवे द्वारा तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में 1000 मीट्रिक टन से ज्यादा एलएमओ की डिलीवरी की जा चुकी है.

अब तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने देश को 17,239 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ वितरित किया.

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 614 मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3649 मीट्रिक टन, मध्य प्रदेश में 633 मीट्रिक टन, दिल्ली में 4,820 मीट्रिक टन, हरियाणा में 1,911 मीट्रिक टन, राजस्थान में 98 मीट्रिक टन, कर्नाटक में 1,421 मीट्रिक टन, उत्तराखंड में 320 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है. वहीं, तमिलनाडु में 1,099 मीट्रिक टन, आंध्र प्रदेश में 886 मीट्रिक टन, पंजाब में 225 मीट्रिक टन, केरल में 246 मीट्रिक टन, तेलंगाना में 1,029 मीट्रिक टन और असम में 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है.

पढ़ें :- ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने बनाया रिकॉर्ड, राज्यों में पहुंचाया 16 हजार टन से अधिक एलएमओ

राज्यों को ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए भारतीय रेलवे पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंद्रा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटानगर, अंगुल में स्थित ऑक्सीजन संयंत्रों से अपनी ट्रेनों को लोड कर रहा है और फिर इसे उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों में पहुंचा रहा है.

रेल मंत्रालय ने सूचित किया कि लंबी दूरी के ज्यादातर मामलों में इन महत्वपूर्ण मालगाड़ियों की औसत गति 55 से ऊपर है. रेलवे इन ट्रेनों को उच्च प्राथमिकता वाले ग्रीन कॉरिडोर पर चला रहा है. विभिन्न वर्गों में क्रू परिवर्तन के लिए तकनीकी ठहराव को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है. यह सब इस तरह से किया जाता है कि अन्य माल ढुलाई की गति भी कम न हो.

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