नई दिल्ली: सनातन पर विवादित टिप्पणी को लेकर 262 शख्सियतों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया है. शख्सियतों ने कहा है कि घृणास्पद भाषण से समाज में वैमनस्य और सांप्रदायिक हिंसा का खतरा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इसमें कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिया गया बयान सांप्रदायिकता भड़का सकता है. इससे भारत के आम नागरिक और विशेषकर सनातन को मानसिक पीड़ा हुई है. पत्र में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से इस मामले में स्वतः संज्ञान लेने का अनुरोध किया गया है. मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया गया है कि वह इस मामले में एफआईआर दर्ज होने का इंतजार किए बगैर इस मामले पर संज्ञान लें. हस्तियों में कई पूर्व जज और नौकरशाह शामिल हैं. इसमें सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले शाहीन अब्दुल्ली बनाम भारत संघ का हवाला दिया गया है.
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान के बाद देशभर में हंगामा शुरू हो गया. इसकी चौतरफा निंदा की जा रही है. नेताओं की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया दी जा रही है. बीजेपी इसके खिलाफ हमलावर है. बीजेपी ने उदयनिधि स्टालिन की तुलना हिटलर से की. अधिकांश राजनीतिक दलों की ओर से उदयनिधि स्टालिन के बयानों की घोर निंदा की गई है.
हालांकि, अभी तक इसके खिलाफ केस दर्ज होने की बात सामने नहीं आई है. सनातन को मानने वाले धार्मिक नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के बयानों का विरोध करते हुए कड़ी टिप्पणी की है. उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना मलेरिया, डेंगू और कोरोना से की. और वह अपने बयानों पर कायम हैं.