लखनऊ/देहरादून : कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश में जमकर कहर बरपाया था. दूसरी लहर में वायरस का डेल्टा वैरियंट मिला था. वहीं अब राज्य में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus variant) का मामला भी सामने आया है. यूपी के अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक, प्रदेश में जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट कराए जा रहे हैं. करीब 600 से ज्यादा सैम्पल अब तक जीन सिक्वेंसिंग (gene sequencing test) के लिए दिल्ली भेजे जा चुके हैं. इनमें से कोरोना के दो मरीजों में डेल्टा प्लस वैरिएंट (delta plus variant) मिला है. राज्य में डेल्टा प्लस वैरिएंट का मामला सामने आने के बाद शासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कम्प मचा है.
डेल्टा प्लस अधिक घातक
वहीं उत्तराखंड में कोरोना का डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) का पहला केस सामने आया है. जिससे स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. संक्रमित व्यक्ति उधम सिंह नगर जिले का रहने वाला है. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा है कि ऐसे में बेवजह बाहर न निकलें. कोरोना वायरस का प्रकोप कम हुआ है, अभी समाप्त नहीं हुआ है. यह अपना स्वरूप भी बदल रहा है. डेल्टा प्लस अधिक घातक है.
मरीजों की नहीं है ट्रैवल हिस्ट्री
स्टेट कोविड नोडल ऑफिसर विकासेंदु ने कहा कि डेल्टा प्लस का पीड़ित एक मरीज गोरखपुर मेडिकल कॉलेज की छात्रा है और दूसरा मरीज देवरिया का है. दोनों का सैम्पल गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से ही भेजा गया था. दोनों में से किसी की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. इनके संपर्क में आये लोगों का भी जीन सिक्वेंसिंग टेस्ट कराया जाएगा. इसमें यह भी सवाल उठ रहा है कि जब मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है, तो वायरस का बदला स्वरूप उस तक कैसे पहुंचा.
स्वास्थ्य विभाग के माथे पर बल
उत्तराखंड में भी खतरनाक कोविड डेल्टा प्लस वेरिएंट मरीज सामने आने से स्वास्थ्य विभाग के माथे पर बल पड़ गया है. पहला मामला उधम सिंह नगर जिले के गदरपुर से सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, गदरपुर निवासी एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई थी. बीते 21 मई को मरीज का कोविड सैंपल लिया गया था. जिसकी रिपोर्ट 24 मई को पॉजिटिव आई. वहीं, रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मरीज होम आइसोलेशन में चला गया था, लेकिन लगातार तबीयत बिगड़ने पर उसके और अन्य 30 लोगों के सैंपल दिल्ली भेज गए थे. जिसकी रिपोर्ट आज आई. जिसमें डेल्टा प्लस वेरिएंट पाया गया है. इसकी पुष्टि उधम सिंह नगर सीएमओ ने की है.
अब तक 12 राज्यों में मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट
यूपी में डेल्टा प्लस के मामले अब तक 12 राज्यों में रिपोर्ट किए गए हैं. 51 से अधिक मरीजों में इसकी पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में एयरपोर्ट, बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन पर अलर्ट है. हेल्थ टीम इन मरीजों का कोरोना टेस्ट कर रही है. वहीं पॉजिटिव आये मरीजों का सैम्पल जीन सिक्वेंसिंग के लिए भी भेजा जा रहा है. यूपी में पहले 550 सैम्पल की जीन सिक्वेंसिंग कराई गई. इन सैम्पल की जांच आईजीआईबी दिल्ली में हुई. इसमें किसी में डेल्टा प्लस की पुष्टि नहीं हुई. हालांकि 80 फीसद केस डेल्टा वैरिएंट के मिले.
43 हजार 890 में हाईलेवल एन्टीबॉडी
यूपी में सीरो सर्वे भी कराया गया है. इसमें 62,500 सैंपल का टेस्ट कराया गया. जिसमें 43 हजार 890 लोगों में हाई लेवल एन्टीबॉडी मिली. इस सर्वे में सैम्पल का रेशियो मानकर चलें तो मार्च 2020 से 2021 तक प्रदेश में करीब 6 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हुए. इसके अलावा अप्रैल 2021 से 29 जून 2021 तक करीब 11 लाख संक्रमित हुए. इसमें से 70 फीसद में हाई लेवल एन्टीबॉडी मिली है. बुधवार को 24 घंटे में 2 लाख 57 हजार 897 के करीब टेस्ट किए गए. इस दौरान 120 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई. इस काल में कोरोना मरीजों की मौत की संख्या 11 रही. प्रदेश में 63 दिन से केस कम हो रहे हैं. एक दिन में 151 लोगों ने वायरस को हराने में सफलता पाई. वर्तमान में प्रदेश में 1945 एक्टिव केस रह गए हैं.
0.04 फीसद रही पॉजिटीविटी रेट
मरीजों की कुल पॉजिटीविटी रेट 3 फीसद घटकर 2.88 रह गई है. इसके अलावा 24 घण्टे में राज्य में पॉजिटीविटी रेट 0.04 फीसद है. प्रदेश में मृत्युदर अभी 1 फीसद पर बनी हुई है. जून में प्रदेश में संक्रमण दर का औसत 1 फीसद रहा. 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3,10,783 रहे. अब यह संख्या घटकर तीन हजार से नीचे आ गई है. रिकवरी रेट मार्च में जहां 98.2 फीसद थी जो अप्रैल में घटकर 76 फीसद तक पहुंच गई थी अब वर्तमान में फिर से रिकवरी रेट 98.6 फीसद हो गई है.
पढ़ेंः डेल्टा प्लस का खतरा: 3 हजार लोग रडार पर, 10 फीसद सैंपल का जीनोम सिक्वेंसिंग