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दिल्ली महिला आयोग ने मानव तस्करों के चंगुल से बचायी पांच लड़कियां

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Published : Oct 22, 2021, 7:50 PM IST

दिल्ली महिला आयोग काे सूचना मिलती है कि पांच लड़कियों को दुरंतो एक्सप्रेस के जरिए दिल्ली से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आयाेग की टीम ने मानव तस्कराें के चंगुल (human trafficking) से पांच लड़कियों को छुड़ाया. पूछताछ में लड़कियाें ने बताया कि कैसे उन्हें बहलाकर लाया गया फिर उनके साथ क्या-क्या हुआ.

पांच लड़कियां
पांच लड़कियां

नई दिल्ली : दिल्ली राज्य महिला आयोग ने दाे नाबालिगों सहित पांच लड़कियों को मानव तस्कराें के चंगुल से मुक्त कराया है. महिला आयोग को 19 अक्टूबर को NGO शक्ति वाहिनी के जरिए खबर मिली थी कि पांच लड़कियों को दुरंतो एक्सप्रेस से दिल्ली से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है. खबर पाकर महिला आयोग की सदस्य, चाइल्डलाइन और दिल्ली पुलिस टीम ने आनन-फानन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची. पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर 5 से पीड़ित लड़कियों को मुक्त कराकर मौके से एक आरोपी संजू हलधर को गिरफ्तार कर लिया.

पीड़ित लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर जैना नाम की एक महिला और लादेन नाम का एक शख्स दिल्ली लेकर आया था. मदनपुर खादर के एक मकान में इन लड़कियों को कई दिनों तक रखा गया था. पीड़ितों में एक लड़की ने किसी तरह अपने परिजनों से फोन करके आपबीती बताई. पीड़ित की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना जिले के धोलाहाट थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इसके बाद NGO और पुलिस के साथ ही महिला आयोग को सूचना मिल सकी. पीड़ित लड़कियों ने बताया कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ FIR दर्ज होने की सूचना मिल गई, जिसके बाद वे उन्हें लेकर दिल्ली से पश्चिम बंगाल जाने के लिए दुरंतो एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे.

पीड़ित लड़कियों ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें दिल्ली में बेचने की भी कोशिश की. एक लड़की ने सिसकते हुए आयोग की टीम को बताया कि उसके साथ एक व्यक्ति ने छेड़छाड़ की थी. 20 साल की एक अन्य लड़की ने बताया कि एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली में रखा गया है. उसने एक घर में घरेलू सहायिका के रूप में काम कराया गया, लेकिन इसके लिए उसे महज 1000 रुपये दिये गए. इसी तरह 19 साल की एक पीड़िता ने बताया कि एक व्यक्ति ने उसका यौन शोषण करने की कोशिश की. इसके बागद उसेआरोपी ने बेचने की भी कोशिश की. लाबालिग लड़की ने रोते हुए बताया कि उसके साथ बलात्कार किया गया.

मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने के बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम ने पीड़ित लड़कियों की काउंसिलिंग (counseling) की, उनमें हौसला जगाया और उनकी मेडिकल टेस्ट कराया. इसके बाद उन्हें शेल्टर होम (shelter home) में भेज दिया गया. 15 और 17 वर्ष आयु की दो नाबालिग लड़कियों को गुरुवार 21 अक्टूबर को CWC के सामने पेश किया गया. CWC ने पीड़ित लड़कियों को पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया. पश्चिम बंगाल पुलिस ने बताया कि सभी लड़कियों को उनके घर वापस भेज दिया जाएगा.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हम अक्सर मानव तस्करी के ऐसे कई मामले देखते हैं, जिसमें गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियों को नौकरी दिलाने के बहाने मानव तस्करी का शिकार बना दिया जाता है. इसके बाद वे यौन शोषण का शिकार होती हैं. यह बहुत जरूरी है, कि मानव तस्करी को पूरी तरह से रोका जाए और इसके लिए हमें मानव तस्करी निरोधक कानूनों को मजबूत बनाकर सख्ती से लागू करना होगा. आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान करके उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

नई दिल्ली : दिल्ली राज्य महिला आयोग ने दाे नाबालिगों सहित पांच लड़कियों को मानव तस्कराें के चंगुल से मुक्त कराया है. महिला आयोग को 19 अक्टूबर को NGO शक्ति वाहिनी के जरिए खबर मिली थी कि पांच लड़कियों को दुरंतो एक्सप्रेस से दिल्ली से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा है. खबर पाकर महिला आयोग की सदस्य, चाइल्डलाइन और दिल्ली पुलिस टीम ने आनन-फानन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंची. पुलिस ने प्लेटफॉर्म नंबर 5 से पीड़ित लड़कियों को मुक्त कराकर मौके से एक आरोपी संजू हलधर को गिरफ्तार कर लिया.

पीड़ित लड़कियों ने बताया कि उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देकर जैना नाम की एक महिला और लादेन नाम का एक शख्स दिल्ली लेकर आया था. मदनपुर खादर के एक मकान में इन लड़कियों को कई दिनों तक रखा गया था. पीड़ितों में एक लड़की ने किसी तरह अपने परिजनों से फोन करके आपबीती बताई. पीड़ित की शिकायत पर पश्चिम बंगाल के दक्षिणी 24 परगना जिले के धोलाहाट थाने में आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई. इसके बाद NGO और पुलिस के साथ ही महिला आयोग को सूचना मिल सकी. पीड़ित लड़कियों ने बताया कि आरोपियों को पश्चिम बंगाल में उनके खिलाफ FIR दर्ज होने की सूचना मिल गई, जिसके बाद वे उन्हें लेकर दिल्ली से पश्चिम बंगाल जाने के लिए दुरंतो एक्सप्रेस में सवार होने वाले थे.

पीड़ित लड़कियों ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें दिल्ली में बेचने की भी कोशिश की. एक लड़की ने सिसकते हुए आयोग की टीम को बताया कि उसके साथ एक व्यक्ति ने छेड़छाड़ की थी. 20 साल की एक अन्य लड़की ने बताया कि एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली में रखा गया है. उसने एक घर में घरेलू सहायिका के रूप में काम कराया गया, लेकिन इसके लिए उसे महज 1000 रुपये दिये गए. इसी तरह 19 साल की एक पीड़िता ने बताया कि एक व्यक्ति ने उसका यौन शोषण करने की कोशिश की. इसके बागद उसेआरोपी ने बेचने की भी कोशिश की. लाबालिग लड़की ने रोते हुए बताया कि उसके साथ बलात्कार किया गया.

मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराने के बाद दिल्ली महिला आयोग की टीम ने पीड़ित लड़कियों की काउंसिलिंग (counseling) की, उनमें हौसला जगाया और उनकी मेडिकल टेस्ट कराया. इसके बाद उन्हें शेल्टर होम (shelter home) में भेज दिया गया. 15 और 17 वर्ष आयु की दो नाबालिग लड़कियों को गुरुवार 21 अक्टूबर को CWC के सामने पेश किया गया. CWC ने पीड़ित लड़कियों को पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंप दिया. पश्चिम बंगाल पुलिस ने बताया कि सभी लड़कियों को उनके घर वापस भेज दिया जाएगा.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि हम अक्सर मानव तस्करी के ऐसे कई मामले देखते हैं, जिसमें गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियों को नौकरी दिलाने के बहाने मानव तस्करी का शिकार बना दिया जाता है. इसके बाद वे यौन शोषण का शिकार होती हैं. यह बहुत जरूरी है, कि मानव तस्करी को पूरी तरह से रोका जाए और इसके लिए हमें मानव तस्करी निरोधक कानूनों को मजबूत बनाकर सख्ती से लागू करना होगा. आरोपियों की जल्द से जल्द पहचान करके उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

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