नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) में तीन साल बाद छात्र संघ के चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गए. शनिवार को डीयू के आर्ट्स फैकल्टी में वोटिंग की गिनती सुबह 8.30 बजे से शुरू हो गई, जिसका परिणाम भी सामने आ गया है. एबीवीपी ने चार में से तीन सीट पर कब्जा कर लिया है, जबिक NSUI के हाथ एक सीट आई.
एबीवीपी ने अध्यक्ष, सचिव और सह सचिव पद पर दमदार जीत हासिल की है. उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई के अभी दहिया ने एबीवीपी के सुशांत धनखड़ को बराबर की कड़ी टक्कर दी और चुनाव जीत लिया. इस सीट को छोड़कर एनएसयूआई हर सीट पर काफी पिछड़ी दिखाई दी. चार सीट जीतने का सपना लिए मैदान में आई एनएसयूआई के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है. उन्हें सिर्फ एक सीट से ही संतोष करना पड़ा.
किसको कितना वोट मिला...
ABVP- अध्यक्ष- तुषार डेढा
ABVP - 23470 वोट
NSUI- 20435 वोट
NSUI-उपाध्यक्ष- अभी दहिया
NSUI - 22331 वोट
ABVP- 20502 वोट
ABVP- सचिव - अपराजिता
ABVP- 24534 वोट
NSUI - 11597 वोट
ABVP- संयुक्त सचिव - सचिन बैंसला
ABVP- 24955 वोट
NSUI - 14960 वोट
एक नजर इन आंकड़ों पर भी
- साल 2010.11 में तीन सीट एबीवीपी और एक सीट पर एनएसयूआई जीती.
- साल 2011.12 में एनएसयूआई ने अध्यक्ष पद और बाकी तीन पर एबीवीपी की जीत.
- 2012.13 तीन सीट एनएसयूआई ने जीती और एक एबीवीपी ने
- 2013.14 में एबीवीपी ने तीन एक सीट एनएसयूआई ने जीती
- 2014.15 में एबीवीपी ने चारों सीट जीती
- 2015.16 में एबीवीपी ने फिर चारों सीट जीती
- 2016.17 में एबीवीपी ने तीन एनएसयूआई ने एक सीट जीती
- 2017.18 में दो सीट एनएसयूआई और दो एबीवीपी ने जीती
- 2018.19 में एबीवीपी ने तीन एनएसयूआई ने एक सीट जीती
- 2019.20 में एबीवीपी ने तीन एक एनएसयूआई ने सीट जीती
- 2023.24 में एबीवीपी ने तीन एनएसयूआई ने एक सीट जीती.
वहीं. अभाविप विजयी प्रत्याशी अपराजिता ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वुमेन कैंडिडेट के रूप में मुझे सबसे ज्यादा अंतर से जीत प्राप्त हुई है. यह दर्शाता है कि एबीवीपी महिला संबंधी मुद्दों को मुखरता से उठा रही है. अभाविप आगे भी छात्राओं के मुद्दों पर प्रमुखता से कार्य करेगी. उनके अलावा संयुक्त-सचिव पद पर जीते प्रत्याशी सचिन बैसला ने कहा कि संयुक्त-सचिव के पद पर मुझे भारी अंतर से जीत प्राप्त हुई है. हम मनोवैज्ञानिक समस्याओं के निदान हेतु माइंडफुलनेस सेंटर की स्थापना, नए हॉस्टलों का निर्माण और अन्य मुद्दों पर जल्द काम करेंगे. यह जीत आम छात्रों की जीत है. मैं उनके लिए कार्य करने को हमेशा समर्पित रहूंगा.
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