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Delhi Air Pollution: कृत्रिम बारिश से घटेगा दिल्ली का प्रदूषण, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मांगा आईआईटी कानपुर से प्रपोजल

आईआईटी कानपुर ने 'कृत्रिम बारिश' का उपयोग कर दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने के लिए संभावित समाधान का रास्ता दिखाया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कृत्रिम वर्षा करने को लेकर आईआईटी कानपुर से बात चल रही है.इस पर प्रपोजल मांगा गया है. Delhi Air Pollution

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 7:05 PM IST

Updated : Nov 7, 2023, 10:59 PM IST

दिल्ली के पॉल्यूशन को कम करने पर मंथन.

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली की हवा लगातार जहरीली हो रही है. इस जहरीली हवा से दिल्लीवासियों को राहत पहुंचाने के लिए आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने एक अनूठा उपाय सुझाव दिया है. आईआईटी कानपुर ने 'कृत्रिम बारिश' का उपयोग कर दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने की बातें कही है. अग्रवाल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हैं.

कैसे की जाएगी कृत्रिम बारिश: ETV भारत से बात करते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना को तैयार करने में कुल 5 वर्षों की मेहनत लगी है. उन्होंने बताया, "बादलों के नीचे विमान उड़ाने की व्यवस्था के माध्यम से बादलों में नमक के मिश्रण का छिड़काव किया जाता है और जब नमक का प्रत्येक कण बादल के अंदर चला जाता है, तब उससे संघनन होता है. जिसके बाद बारिश होती है."

विमान के पंखों में कुछ संशोधन किए गए थे (जो आईआईटी कानपुर के पास हैं और बादलों में नमक बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे). बादलों में उसे हमें अमेरिका से आयात करना पड़ा. उस बीच कोविड भी आ गया. इस परियोजना में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित कई अनुमोदन प्राप्त करना भी आवश्यक होता है. आईआईटी-कानपुर के पास एक विमान है और हमने इसके पंखों में कुछ संशोधन किए हैं ताकि बादलों में नमक का छिड़काव किया जा सके. विमान के पंखों में संशोधन के लिए डीजीसीए की मंजूरी की आवश्यकता होती है और हमें इसकी मंजूरी मिल गई है.

ये भी पढ़ें: Delhi pollution: दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा तो कराई जाएगी कृत्रिम वर्षा, विंटर एक्शन प्लान तैयार, जानें

दिल्ली सरकार से सक्रिय बातचीत: प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि उनके संस्थान से दिल्ली सरकार की बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, "हमारी उनके साथ बातचीत चल रही है. इस परियोजना में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भी शामिल है. वहीं जब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर से सक्रिय बातचीत चल रही है. हमने उन्हें अपना प्रोजेक्ट भेजने को कहा है. उनके प्रेजेंटेसन के बाद आगे क्या करना है, तय किया जाएगा. सितंबर में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि सरकार शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी शीतकालीन कार्य योजना के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयास करने की तैयारी कर रही है.

ये भी पढ़ें: Delhi Winter Action Plan: पर्यावरण मंत्री ने की उच्चस्तरीय बैठक, कहा- 9 सालों में घटा 46 फीसदी प्रदूषण

दिल्ली के पॉल्यूशन को कम करने पर मंथन.

नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. दिल्ली की हवा लगातार जहरीली हो रही है. इस जहरीली हवा से दिल्लीवासियों को राहत पहुंचाने के लिए आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने एक अनूठा उपाय सुझाव दिया है. आईआईटी कानपुर ने 'कृत्रिम बारिश' का उपयोग कर दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान करने की बातें कही है. अग्रवाल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर हैं.

कैसे की जाएगी कृत्रिम बारिश: ETV भारत से बात करते हुए प्रोफेसर अग्रवाल ने बताया कि इस परियोजना को तैयार करने में कुल 5 वर्षों की मेहनत लगी है. उन्होंने बताया, "बादलों के नीचे विमान उड़ाने की व्यवस्था के माध्यम से बादलों में नमक के मिश्रण का छिड़काव किया जाता है और जब नमक का प्रत्येक कण बादल के अंदर चला जाता है, तब उससे संघनन होता है. जिसके बाद बारिश होती है."

विमान के पंखों में कुछ संशोधन किए गए थे (जो आईआईटी कानपुर के पास हैं और बादलों में नमक बचाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे). बादलों में उसे हमें अमेरिका से आयात करना पड़ा. उस बीच कोविड भी आ गया. इस परियोजना में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) सहित कई अनुमोदन प्राप्त करना भी आवश्यक होता है. आईआईटी-कानपुर के पास एक विमान है और हमने इसके पंखों में कुछ संशोधन किए हैं ताकि बादलों में नमक का छिड़काव किया जा सके. विमान के पंखों में संशोधन के लिए डीजीसीए की मंजूरी की आवश्यकता होती है और हमें इसकी मंजूरी मिल गई है.

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दिल्ली सरकार से सक्रिय बातचीत: प्रोफेसर मणिंद्र अग्रवाल ने कहा कि उनके संस्थान से दिल्ली सरकार की बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा, "हमारी उनके साथ बातचीत चल रही है. इस परियोजना में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) भी शामिल है. वहीं जब दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि आईआईटी कानपुर से सक्रिय बातचीत चल रही है. हमने उन्हें अपना प्रोजेक्ट भेजने को कहा है. उनके प्रेजेंटेसन के बाद आगे क्या करना है, तय किया जाएगा. सितंबर में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि सरकार शहर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी शीतकालीन कार्य योजना के लिए क्लाउड सीडिंग का प्रयास करने की तैयारी कर रही है.

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Last Updated : Nov 7, 2023, 10:59 PM IST
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