सोनीपत/नई दिल्ली : किसानों की घर वापसी के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर को खोलना (delhi police removed barricades at singhu border) शुरू कर दिया है. उम्मीद लगाई जा रही है मंगलवार तक हरियाणा और दिल्ली की सीमा से वाहनों की आवाजाही सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी. बता दें कि आज से किसानों ने हरियाणा के कई टोल प्लाजा को सुचारू कर दिया है. आज से बसताड़ा टोल प्लाजा करनाल शुरू (Bastara toll plaza started) हो गया है. किसान आंदोलन की वजह से बंद बसताड़ा टोल प्लाजा को किसानों ने आज रिबन काटकर शुरू करवाया. वहीं गाजीपुर बॉर्डर से 70 फीसदी किसान अपने घर चले गए हैं, लेकिन बाकी किसानों को राकेश टिकैत के आने का इंतजार है. किसान नेता राकेश टिकैत मंगलवार शाम को ग़ाज़ीपुर बार्डर पहुंचेंगे. इसी प्रकार दिल्ली-हरियाणा का टिकरी बॉर्डर खाली हो गया है. दोनों तरफ से आसानी से गाड़ियां आ जा रही हैं. आसपास की दुकानें भी खुल गई हैं, जो एक साल से बंद पड़ी थीं.
आंदोलन की वजह से बसताड़ा टोल प्लाजा 350 दिनों से बंद था. जिसे फिर से शुरू (toll tax at bastara toll plaza) कर दिया गया है. खबर है कि बसताड़ा टोल प्लाजा बंद रहने से सरकार को 300 करोड़ से ज्यादा के राजस्व का नुकसान हो चुका है. बीते साल 25 दिसंबर को किसानों के विरोध के बाद से बसताड़ा टोल प्लाजा करनाल फ्री हो गया था. अब बसताड़ा टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली (Tax collection at Bastara toll plaza) की जाएगी.
टोल प्लाजा पर लोगों की सुविधा के लिए टोल कंपनियों ने फास्टैग काउंटर भी लगा दिए हैं. जिन वाहन चालकों ने अभी तक फास्टैग नहीं बनवाए हैं, वो टोल पर फास्टैग बनवा सकते हैं. दिल्ली की ओर से आने वाले किसानों को आज बिना टोल टैक्स लिए ही निकाला जाएगा. कैश के लिए केवल एक लेन ही चलेगी.
ये भी पढ़ें - किसान नेता बोले- 15 जनवरी को फिर से बैठक करेंगे किसान, मांगों की करेंगे समीक्षा
इसी प्रकार गाजीपुर बॉर्डर पर नेशनल हाईवे के हिस्से पर करीब एक किलोमीटर की दूरी तक किसानों के टेंट लगे हुए थे. जिनमें अधिकतर तराई क्षेत्र के किसान ठहरे हुए थे. कल सुबह तराई क्षेत्र का किसानों का जत्था गाजीपुर बॉर्डर से गांवों के लिए रवाना हो चुका है. ऐसे में हाईवे पर अब चंद्र टेंट लगे हुए नजर आ रहे हैं जिनको भी अब किसानों द्वारा हटाने की कवायद की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन के युवा दिल्ली एनसीआर अध्यक्ष प्रवीण मलिक ने बताया कि गाजीपुर बॉर्डर से 70 फीसदी टेंट हट चुके हैं. किसानों के घर लौटने का सिलसिला लगातार जारी है. उनका कहना है कि किसानों के जाने से पहले गाजीपुर बॉर्डर को पूरी तरह से साफ करा दिया जाए.
किसान आंदोलन स्थगित होने की वजह से दिल्ली-हरियाणा का टिकरी बॉर्डर खाली हो गया है. किसानों का आंदोलन खत्म होने और उनके वापस चले गए हैं, जिससे एक बार फिर पहले की तरह पुरानी तस्वीर सामने आ रही है. दोनों तरफ से आसानी से गाड़ियां आ जा रही हैं. आसपास की दुकानें भी खुल गई हैं, जो एक साल से बंद पड़ी थीं. पेट्रोल पंप भी खुल गया है जो किसान आंदोलन के चलते बंद था. आस-पास की फैक्ट्रियों में काम करने वाले जो लोग एक स्टेशन पहले उतरकर करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर फैक्ट्री में ड्यूटी करने जाते थे. उन्हें अब राहत मिल गई है, क्योंकि वह अब बॉर्डर के पास के मेट्रो स्टेशन पर उतरकर अपने काम तक पहुंच रहे हैं. बॉर्डर पर मेडिकल स्टोर्स चलाने वाले दुकानदार किसानों की घर वापसी से बेहद खुश हैं. उनका कहना है कि किसानों के घर वापसी से उन्हें अब दुकान तक पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं हो रही है. हालांकि उन्होंने किसानों के आंदोलन के चलते दुकान की कमाई पर काफी असर पड़ा था अब उसके बढ़ने की उम्मीद जता रहे हैं.