नई दिल्ली : मंगलवार सुबह आयोजित होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड को लेकर दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर लिए हैं. आतंकी हमलों के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए पहले से भी ज्यादा चाक-चौबंद सुरक्षा की गई है. इस बार की परेड भले ही छोटी रखी गई है, लेकिन इसकी सुरक्षा एक बड़ी चुनौती है. परेड पर एक तरफ जहां आतंकी हमले का साया है, तो वहीं दूसरी तरफ किसान रिंग रोड रैली पर ट्रैक्टर रैली निकालने की जिद पर अड़े हुए हैं.
जानकारी के अनुसार दिल्ली पुलिस ने विजय चौक से लेकर नेशनल स्टेडियम तक निकलने वाली परेड के दौरान चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं. यहां पर लगभग 6,000 से ज्यादा जवानों की तैनाती रहेगी. इसके अलावा प्रत्येक क्षेत्र को छोटे-छोटे सेक्टर में बांटा गया है, जिसकी जिम्मेदारी एक डीपीसी को सौंपी गई है. इसके अलावा यहां पर बेहतरीन क्वालिटी के कैमरे लगाए गए हैं और उनमें संदिग्ध आतंकियों के रिकॉर्ड भी डाले गए हैं. अगर कोई भी संदिग्ध कैमरे के सामने आएगा, तो तुरंत इसकी जानकारी कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मियों को मिलेगी और उसको तुरंत पकड़ा जा सकेगा.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बार सुरक्षा में सबसे बड़ा खतरा खालिस्तानी आतंकी हैं, जिनके द्वारा लगातार लोगों को कॉल कर हिंसा के लिए भड़काया जा रहा है. किसान आंदोलनकारियों के बीच भी उनके छिपे होने की संभावना है. विदेश में बैठे खालिस्तानी आतंकी लोगों को कॉल कर यह बोल रहे हैं कि 26 जनवरी पर हमला हो सकता है. इसलिए दिल्ली पुलिस ज्यादा अलर्ट है. उन्होंने खालिस्तानी और अलकायदा के आतंकियों की तस्वीरें जगह-जगह लगाई हैं, ताकि इन्हें देखते ही लोग पहचान कर इसकी जानकारी पुलिस को दें.
हवाई हमले से भी निपटने के बंदोबस्त
पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस बार खुफिया एजेंसियों द्वारा यहां पर हवाई हमले का अलर्ट भी दिया गया है. इससे निपटने के लिए भी पूरी तरीके से इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली पुलिस की तरफ से पहले ही पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने यहां पर धारा 144 लगाई हुई है. इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की उड़ने वाली वस्तु पर आगामी 15 फरवरी तक रोक है. अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया जाएगा.
किसानों की ट्रैक्टर रैली भी चुनौती
इस गणतंत्र दिवस पर दिल्ली पुलिस के लिए न केवल परेड की सुरक्षा करना बड़ी चुनौती है, बल्कि किसानों द्वारा निकाली जाने वाली ट्रैक्टर रैली भी बड़ी चुनौती है. रविवार को हुई बैठक के बाद किसानों और पुलिस के बीच ट्रैक्टर परेड के रूट को लेकर सहमति बन गई थी. लेकिन सोमवार को एक बार फिर कुछ किसानों की तरफ से रिंग रोड पर ट्रैक्टर परेड निकालने की बात कही गई है. इसे लेकर एक बार फिर माहौल गरमा गया है. पुलिस की यह कोशिश है किसान ट्रैक्टर परेड तय किए गए रूट पर ही निकालें. ऐसे में एक बार फिर किसान संगठनों के साथ पुलिस की बातचीत चल रही है.