नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी रिमांड, एफआईआर और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. अदालत ने 4 अक्टूबर को पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.
दोनों को इन आरोपों के बाद गिरफ्तार किया गया था कि न्यूज पोर्टल को चीन समर्थक प्रचार प्रसार के लिए पैसे दिए गए. न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मामले में दिल्ली पुलिस और न्यूजक्लिक की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया.
स्पेशल सेल की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं और बैठे लोगों के बीच हुए ईमेल का आदान-प्रदान गंभीर है. सॉलिसिटर जनरल ने स्पेशल सेल का पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि याचिकाकर्ताओं और चीन में बैठे लोगों के बीच ईमेल आदान-प्रदान में सबसे गंभीर आरोपों में से एक यह सामने आया है कि वह अरुणाचल प्रदेश को भारत की सीमा से बाहर दिखाते हुए नक्शा पेश करने की योजना बना रहे थे.
ये हैं आरोप
बीते दिनों दिल्ली पुलिस की स्पेशल ने आरोपितों के खिलाफ की कार्रवाई और एफआईआर कॉपी साझा की थी. एफआईआर में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को गुप्त जानकारी मिली है कि विदेश से करोड़ों रुपये की रकम अवैध रूप से भारत पहुंचाई गई है. आगे कहा गया है कि गौतम नवलखा जो कि पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में शेयरधारक हैं. वे भारत विरोधी एवं गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
उनके संबंध पाकिस्तान के आईएसआई एजेंट गुलाम नबी फई से भी हैं. प्रबीर, नेविल रॉय सिंघम और उनकी कंपनी से जुड़े कुछ कर्मचारियों के बीच ईमेल पर बातचीत हुई. जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि ये लोग अरुणाचल और कश्मीर को भारत के नक्शे से बाहर करने पर बात कर रहे थे.
पुलिस ने आरोपितों पर यह भी आरोप लगाया है कि न्यूजक्लिक के एडिटर इन चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और उनके साथी जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती, बप्पादित्या सिन्हा द्वारा गैर कानूनी रूप से धन का गबन किया गया था.
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