नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को टेलीविजन चैनलों और अन्य सभी मीडिया संगठनों को श्रद्धा वाकर हत्या मामले में चार्जशीट की कॉपी को प्रदर्शित करने या प्रकाशित करने से रोक दिया. मामले में श्रद्धा का लिव-इन पार्टनर आफताब पूनावाला आरोपी है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि उसकी चार्जशीट में नार्को एनालिसिस के ऑडियो और सीसीटीवी फुटेज शामिल होंगे, जिन्हें मीडिया को भी नहीं दिखाना चाहिए.
न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक याचिका पर आदेश पारित किया है. कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट तक पहुंच रखने वाला कोई भी मीडिया चैनल या संगठन इसे अपने चैनल पर प्रदर्शित नहीं करेगा. कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी चैनल इस तरह की सामग्री प्रदर्शित न करें.
दिल्ली पुलिस पहुंची थी कोर्टः इस मामले में दिल्ली पुलिस ने सबसे पहले ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और चार्जशीट की सामग्री की रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया घरानों और चैनलों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने उन्हें इस तरह की राहत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा था. पूनावाला और वॉकर डेटिंग ऐप बम्बल पर मिले थे और लिव-इन रिलेशनशिप में आ गए थे. पिछले साल दिल्ली में शिफ्ट होने से पहले वे शुरुआत में मुंबई से बाहर थे.
18 मई को हुई थी हत्याः पुलिस के अनुसार, 18 मई 2022 को महरौली में एक किराए के फ्लैट में दोनों के बीच झगड़े के बाद पूनावाला ने श्रद्धा का गला घोंट दिया था. फिर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर उन्हें फ्रिज में रख दिया था. बाद में उन टुकड़ों को शहर के 18 हिस्सों में अलग-अलग फेंक दिया था. उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में हत्यारोपित पूनावाला के नार्कोएनालिसिस की अनुमति दी थी. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को 6,629 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था.