नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने एक प्रमुख निजी अस्पताल (leading private hospital ) को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (economically weaker section) के मरीजों के इलाज के लिए निर्धारित कुछ नियमों के कथित उल्लंघन को लेकर कारण बताओ नोटिस (show-cause notice) जारी किया है. इस बात की जानकारी सूत्रों दी.
हालांकि, सर गंगा राम अस्पताल (Sir Ganga Ram Hospital ) के अधिकारियों ने कहा कि नोटिस में लगाए गए आरोप सही नहीं हैं.
अधिकारियों ने कहा, 'अस्पताल के अधिकारी उठाए गए मुद्दों का जवाब दे रहे हैं, और उम्मीद करते हैं कि गलतफहमी, यदि कोई हो तो, उसको जल्द ही सुलझा लिया जाना चाहिए.' सर गंगा राम अस्पताल 675 बेड वाला एक प्रमुख निजी अस्पताल है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (Directorate General Of Health Services) ने दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण (संशोधन) नियम (Delhi Nursing Homes Registration), 2011 की विभिन्न धाराओं के कथित उल्लंघन के लिए सर गंगा राम अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
उन्होंने कहा कि हाल ही में भेजा गया नोटिस इस शिकायत के बाद जारी किया गया था कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS ) की श्रेणी के मरीजों को कथित तौर पर मध्य दिल्ली के प्रसिद्ध अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा था, जबकि आरक्षित बिस्तर खाली पड़े थे.
कारण बताओ नोटिस उस समय जारी किया गया जब डीजीएचएस ने कथित तौर पर पाया कि अस्पताल ने उनके सवालों के जवाब संतोषजनक नहीं दिए. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली डीजीएचएस ने दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण (संशोधन) नियम, 2011 के नियम 14 से जुड़ी अनुसूची के खंड 14.1 को लागू किया.
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इस बीच, करोल बाग के आप विधायक (AAP MLA from Karol Bagh) विशेष रवि (Vishesh Ravi) ने एक बयान में दावा किया कि वह लंबे समय से दिल्ली DGHSके साथ इस मामले को उठा रहे थे. उन्होंने जो आरोप लगाया वह अस्पताल द्वारा EWS मानदंडों का उल्लंघन था.
उन्होंने दावा किया कि इसमें EWS रोगियों का गैर-प्रवेश भी शामिल है. यह उल्लंघन उस वक्त हुआ, जब EWS -श्रेणी के रोगियों के लिए आरक्षित बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े थे. अस्पताल ने कोविड की स्थिति को बहाना बताते हुए ऐसे रोगियों को इलाज से इनकार कर दिया था.
(भाषा)