नई दिल्ली : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के अनुसार मंगलवार को सीबीआई उनके बैंक लॉकर को देखने आ रही है. इसकी सूचना उन्होंने स्वयं दी है. मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर बताया है कि कल CBI हमारा बैंक लॉकर देखने आ रही है. 19 अगस्त को मेरे घर पर 14 घंटे की रेड में कुछ नहीं मिला था. लॉकर में भी कुछ नहीं मिलेगा. CBI का स्वागत है. जांच में मेरा और मेरे परिवार का पूरा सहयोग रहेगा.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर 19 अगस्त की सुबह सीबीआई रेड करने पहुंची थी. उस दिन दिल्ली एनसीआर में 21 जगहों पर छापेमारी हुई थी. दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार मामले की सीबीआई जांच कर रही है. दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले महीने नई एक्साइज पॉलिसी को लागू करने में अनियमितता व भ्रष्टाचार मामले में सीबीआई से जांच की सिफारिश की थी.
दिल्ली में पहले शराब की बिक्री सरकारी दुकानों में होती थी. निर्धारित रेट पर ही चुनिंदा जगहों पर खुली हुई दुकानों में ही शराब बेची जाती थी. यह वर्षों पुरानी बनाई गई नीति के तहत शराब की बिक्री होती थी. केजरीवाल सरकार ने गत वर्ष नवंबर में शराब की बिक्री के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया. इसके तहत शराब की बिक्री की जिम्मेदारी निजी कंपनियों व दुकानदारों को दे दिया गया. सरकार का कहना था कि इससे कंपटीशन होगा और कम कीमत पर शराब खरीद सकेंगे. इसके अलावा दुकान पर देसी-विदेशी सभी ब्रांडों की शराब एक जगह मिलेगी. लेकिन नई आबकारी नीति के तहत नवंबर से दिल्ली में बिक रही शराब की दुकानों को अचानक बंद करने का सरकार ने फैसला लिया. इससे शराब की बिक्री को लेकर अफरा-तफरी मच गई.
नई आबकारी नीति पर सवाल क्यों
दिल्ली की नई आबकारी नीति 2021-2022 के तहत पूरी दिल्ली को 32 लिकर जोन में बांटा गया. 9 जोन ने पहले ही लाइसेंस सरेंडर कर दिया है. इसके तहत 849 दुकानें खुलीं. 31 जोन में 27 दुकानें मिली. एयरपोर्ट जोन को 10 दुकानें मिलीं. 639 दुकानें 9 मई को और 464 दुकानें 2 जून को खोली गईं. जबकि 17 नवंबर 2021 को लागू होने से पहले दिल्ली में शराब की कुल 864 दुकानें थी. 475 दुकानें सरकार चला रही थी, जबकि 389 दुकानें प्राइवेट थी. दिल्ली में नई आबकारी नीति को लागू करने के पीछे दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा तर्क शराब माफिया को खत्म करने और शराब के समान वितरण का था. साथ ही शराब पीने की उम्र 25 से घटाकर 21 साल कर दी गई. इसके साथ ही ड्राइ डे भी घट गए. इस नीति के लागू होने से दिल्ली पहली सरकार बनी जिसने शराब व्यवसाय से खुद को अलग कर लिया. पब्लिक प्लेस में स्टोर के आगे कोई शराब पीता है तो पुलिस नहीं बल्कि स्टोर वाला जिम्मेदार होगा. लोगों को स्टैंडर्ड लेवल की शराब पीने को मिलेगी.
नई आबकारी नीति को लेकर टकराव
दिल्ली में नई आबकारी नीति को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच तनातनी जारी है. आबकारी विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया है कि चुनिंदा दुकानदारों को फायदा पहुंचाने के इरादे से तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल ने नीति लागू होने से ठीक पहले नीति में बदलाव किया, इससे सरकार को रेवेन्यू का तगड़ा नुकसान हुआ. इसीलिए इस मामले की जांच सीबीआई करें.
वहीं अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस पॉलिसी को लागू करने में हुई चूक और कथित अनियमितताओं के मामले में अब कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर ए गोपी कृष्ण और डिप्टी कमिश्नर आनंद कुमार तिवारी समेत 11 लोगों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं.