नई दिल्लीः पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को एयर इंडिया की फ्लाइट में बुजुर्ग महिला यात्री पर पेशाब करने के आरोपी शंकर मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. आरोपी को दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया था. पुलिस ने आरोपी की 3 दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि इस स्थिति में आरोपी की भौतिक उपस्थिति अनिवार्य नहीं है. इसलिए आरोपी को पुलिस रिमांड में नहीं भेजा जा रहा है. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अनामिका ने कहा कि तथ्य यह है कि जनता का दबाव मामले की जांच को प्रभावित नहीं करना चाहिए और मिश्रा की पुलिस हिरासत की आवश्यकता नहीं होगी, इसलिए कोर्ट ने मिश्रा को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. (Delhi Court sends accused Shankar Mishra to judicial custody)
वहीं शंकर मिश्रा के पिता श्याम नवल मिश्रा ने बताया कि यह केस झूठा है. इस केस के बाद शंकर मिश्रा और परिवार को जबरदस्त धक्का पहुंचा है. मेरा बेटा ऐसा कुछ कर ही नही सकता. महिला ने उससे पैसे की डिमांड की थी, उसे दिया भी गया था, लेकिन शायद उसकी जो डिमांड थी, वो पूरी नही हुई, इसलिए उसने ऐसा आरोप लगा दिया. हम भी अपने बेटे से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं. वो कहां है हमे पता नहीं.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अदालत किराए में अन्य गवाहों से पूछताछ करने के लिए अभियुक्त की उपस्थिति अनिवार्य नहीं है. यहां तक की धारा 164 सीआरपीसी का बयान भी उसे बिना पुलिस हिरासत में लिए बिना दर्ज किया जा सकता है. मिश्रा को दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार रात बेंगलुरू में एयर इंडिया के विमान में नवंबर में नशे की हालत में एक 70 वर्षीय महिला पर पेशाब करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. यह मामला तब सामने आया जब टाटा समूह की चेयरपर्सन को महिला का पत्र मीडिया में आया. अमेरिकी कंपनी वेल्स फार्गो में काम करने वाले मिश्रा को कंपनी ने यह कहने के बाद नौकरी से जाने दिया कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप बेहद शर्मनाक थे.
मिश्रा की कल बेंगलुरु से गिरफ्तारी के बाद उसे दिल्ली लाया गया. लोक अभियोजक (पीपी) ने प्रस्तुत किया कि मिश्रा ने जांच में सहयोग नहीं किया. पीपी ने कहा, "हमने उसे बेंगलुरु से गिरफ्तार किया. जांच अभी जारी है. हमें बहुत से लोगों से पूछताछ करने की जरूरत है." हालांकि, जज ने कहा कि चालक दल के सदस्यों और अन्य गवाहों से पूछताछ के लिए मिश्रा की हिरासत की जरूरत नहीं होगी. न्यायाधीश ने पूछा, "आप कह रहे हैं कि चालक दल के सदस्यों की जांच की जानी है. आपको इसके लिए उनकी (मिश्रा) आवश्यकता क्यों है? उन्हें न्यायिक हिरासत में क्यों नहीं भेजा जा सकता है."
मिश्रा के वकील एडवोकेट मनु शर्मा ने कहा कि मिश्रा के खिलाफ लगाए गए अपराधों में से केवल एक ही गैर जमानती है. पीड़िता के वकील ने कहा कि जिस फ्लाइट में यह घटना हुई, उसके चालक दल के सदस्य भी जिम्मेदार हैं. जज ने जवाब दिया, "सिर्फ इसलिए कि जनता का दबाव बन गया है, ऐसा मत करो." अदालत ने पक्षों को सुनने के बाद पुलिस हिरासत के लिए दिल्ली पुलिस की याचिका को खारिज कर दिया और मिश्रा को 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. मिश्रा ने भी अलग से जमानत याचिका दायर की जिस पर कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. जमानत याचिका पर 11 जनवरी को सुनवाई होगी.
क्या है मामलाः दरअसल, 26 नवंबर को न्यूयार्क से दिल्ली आ रहे एयर इंडिया के एक विमान में एक बुजुर्ग महिला पर एक शख्स ने पेशाब कर दिया था. पेशाब करने वाले शख्स की पहचान एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करनेवाले युवक शंकर मिश्रा के तौर पर हुई. उसके खिलाफ दिल्ली पुलिस के कहने पर आव्रजन ब्यूरो ने लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया था. बताया गया कि वह मुंबई का निवासी है.
अब आरोपी के वकील ने दावा किया है कि महिला ने यह कथित हरकत माफ कर दी थी और शिकायत दर्ज कराने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. साथ ही उन्होंने कहा कि मुआवजे के तौर पर 15 हजार रुपये का भुगातन भी किया गया था. इस बीच शंकर मिश्रा के पिता ने शुक्रवार को दावा किया कि उनके बेटे पर लगे आरोप 'पूरी तरह झूठे' हैं.