नई दिल्ली : आईएमए ने तीन वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति देने के भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (सीसीआईएम) के फैसले के खिलाफ देश भर में विरोध करने का आह्वान किया था. कुछ दिन पहले ही दिल्ली के AIIMS अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टर 'मिक्सोपैथी' के विरोध में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) के आह्वान पर देशभर में डॉक्टर हड़ताल पर रहे.
सोमवार को एम्स अस्पताल के करीब पांच हजार नर्स के स्टाफ ने अचानक से हड़ताल शुरू कर दी. इसकी वजह से AIIMS अस्पताल में कई सेवाएं बाधित हुईं. मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. अचानक हड़ताल करने की वजह से कई गभीर मरीजों के लिए काफी समस्या बढ़ गई है. उनकों समय पर दवाई या अन्य सुविधाएं नहीं दी रही है. इसकी वजह से अस्पताल प्रसाशन में भी खलबली मच गई है.
दिल्ली में अभी कोरोना की रफ्तार कम नहीं हुई है. अगर इस तरीके से अस्पताल प्रशासन और नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर आए दिन हड़ताल करते रहेंगे तो फिर दिल्ली में हालात बेकाबू हो सकते हैं.
16 दिसंबर को हड़ताल करना निश्चित था
वेतन विसंगतियों और नर्सिंग भर्ती में 80 और 20 फीसदी के अनुपात आरक्षण का विरोध समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर AIIMS नर्सिंग यूनियन ने 16 दिसंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल समय से 2 दिन पहले ही शुरू कर दी है. सभी सेवाएं बंद कर जवाहरलाल नेहरू ऑडिटोरियम के बाहर नर्सेज ने बाहर आकर प्रोटेस्ट करना शुरू कर दिया.
AIIMS नर्सेज यूनियन के अध्यक्ष हरीश कालरा ने बताया कि 16 दिसंबर को हड़ताल करना निश्चित था, लेकिन 14 दिसंबर से ये हड़ताल पर चले गए.
AIIMS के डायरेक्टर डॉ. गुलेरिया ने नर्सेज यूनियन से एक वीडियो जारी कर हड़ताल वापस लेने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान एम्स नर्सिंग स्टाफ समेत पूरे परिवार ने बेहतरीन काम किया है, लेकिन दुर्भाग्यवश AIIMS नर्सिंग यूनियन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चली गयी है.
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लगभग सभी मांगे पूरी कर ली गई हैं
डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि AIIMS नर्सिंग यूनियन ने उनके सामने अपनी मांगों की एक सूची दी थी. लगभग सभी मांगे पूरी कर ली गई हैं. इनमें से एक मांग वेतन विसंगति को लेकर है. छठे वेतन आयोग के मुताबिक नर्सों के शुरुआती वेतन निर्धारित कर दी गई है.