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Global Investors Summit 2023 व जी20 से पहले डिफेंस कॉरिडोर का प्रचार लेकिन होर्डिंग से रक्षामंत्री की तस्वीर गायब

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Published : Feb 9, 2023, 12:23 PM IST

राजधानी में इन दिनों जी20 और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. लाइटिंग, साफ-सफाई के साथ साथ तमाम होर्डिंग भी लगाई गई हैं. होर्डिंग के माध्यम से ब्रह्मोस मिसाइल का प्रचार हो रहा है.

लखनऊ
लखनऊ
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर संवाददाता की स्पेशल रिपाेर्ट

लखनऊ : जी20 और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर का प्रचार करते हुए होर्डिंग लगाए गए हैं. ब्रह्मोस मिसाइल का प्रचार हो रहा है, लेकिन इन होर्डिंग में डिफेंस मिनिस्टर की तस्वीर गायब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर आ रहे हैं, लेकिन लखनऊ के सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कोई क्रेडिट नहीं दिया जा रहा है, वहीं पहले भी राजनाथ सिंह लखनऊ में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की धीमी गति को लेकर नाराज रहे हैं. जिसका प्रदर्शन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी किया है. इसके बावजूद स्थिति संभलती नजर नहीं आ रही है.



डिफेंस कॉरिडोर राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसमें बुंदेलखंड क्षेत्र में रक्षा उत्पादों की फैक्ट्रियां लगाई जानी है. जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को तेजी मिलने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट से सीधे लखनऊ-कानपुर को जोड़ा जा रहा है. जिसमें लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण भी किया जा रहा है. इसके साथ ही लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की फैक्ट्री भी निर्माणाधीन है. समय-समय पर राजनाथ सिंह अपनी उपलब्धियों में इन परियोजनाओं को गिनाते रहे हैं, जबकि लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और g20 समिट का आयोजन किया जा रहा है. उससे पहले बड़ी संख्या में डिफेंस कॉरिडोर का प्रचार करने वाली होर्डिंग लखनऊ में लगाई गई हैं. होर्डिंग में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही तस्वीरें लगाई गई हैं, जबकि रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद दोनों होने के बावजूद इन होर्डिंग से राजनाथ सिंह का गायब होना निश्चित तौर पर किसी बड़ी राजनीति की ओर इशारा कर रहा है.

लखनऊ में आउटर रिंग रोड जिसका शिलान्यास 2017 में हुआ था. उसकी कुल लंबाई 105 किलोमीटर है. मगर विभिन्न कारणों से अब तक 60 किलोमीटर का भी निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है, जबकि लगभग 6 साल बीत चुके हैं. करीब 6 महीने पहले लखनऊ में हुए एक आयोजन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'निश्चित तौर पर अफसर इसमें हीलाहवाली कर रहे हैं. उन्होंने अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी.' इसी तरह से लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का भी निर्माण बहुत धीमी गति से चल रहा है. जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस एक्सप्रेस वे का भी लोकार्पण लगभग असंभव है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे का इस बारे में कहना है कि 'निश्चित तौर पर राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री हैं और उनको डिफेंस कॉरिडोर के होर्डिंग में स्थान मिलना चाहिए था. देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में यह राजनीति किस ओर जाएगी.'

यह भी पढ़ें : PPP Model Gaushalas : निवेश करने पर 30 एकड़ जमीन और 5000 देशी गाय उपलब्ध कराएगी सरकार

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर संवाददाता की स्पेशल रिपाेर्ट

लखनऊ : जी20 और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले लखनऊ में डिफेंस कॉरिडोर का प्रचार करते हुए होर्डिंग लगाए गए हैं. ब्रह्मोस मिसाइल का प्रचार हो रहा है, लेकिन इन होर्डिंग में डिफेंस मिनिस्टर की तस्वीर गायब है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नजर आ रहे हैं, लेकिन लखनऊ के सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को कोई क्रेडिट नहीं दिया जा रहा है, वहीं पहले भी राजनाथ सिंह लखनऊ में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की धीमी गति को लेकर नाराज रहे हैं. जिसका प्रदर्शन उन्होंने सार्वजनिक तौर पर भी किया है. इसके बावजूद स्थिति संभलती नजर नहीं आ रही है.



डिफेंस कॉरिडोर राजनाथ सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट है. जिसमें बुंदेलखंड क्षेत्र में रक्षा उत्पादों की फैक्ट्रियां लगाई जानी है. जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास को तेजी मिलने की संभावना है. इस प्रोजेक्ट से सीधे लखनऊ-कानपुर को जोड़ा जा रहा है. जिसमें लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण भी किया जा रहा है. इसके साथ ही लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल की फैक्ट्री भी निर्माणाधीन है. समय-समय पर राजनाथ सिंह अपनी उपलब्धियों में इन परियोजनाओं को गिनाते रहे हैं, जबकि लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और g20 समिट का आयोजन किया जा रहा है. उससे पहले बड़ी संख्या में डिफेंस कॉरिडोर का प्रचार करने वाली होर्डिंग लखनऊ में लगाई गई हैं. होर्डिंग में केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ही तस्वीरें लगाई गई हैं, जबकि रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद दोनों होने के बावजूद इन होर्डिंग से राजनाथ सिंह का गायब होना निश्चित तौर पर किसी बड़ी राजनीति की ओर इशारा कर रहा है.

लखनऊ में आउटर रिंग रोड जिसका शिलान्यास 2017 में हुआ था. उसकी कुल लंबाई 105 किलोमीटर है. मगर विभिन्न कारणों से अब तक 60 किलोमीटर का भी निर्माण पूरा नहीं किया जा सका है, जबकि लगभग 6 साल बीत चुके हैं. करीब 6 महीने पहले लखनऊ में हुए एक आयोजन के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था कि 'निश्चित तौर पर अफसर इसमें हीलाहवाली कर रहे हैं. उन्होंने अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई थी.' इसी तरह से लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे का भी निर्माण बहुत धीमी गति से चल रहा है. जिससे 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस एक्सप्रेस वे का भी लोकार्पण लगभग असंभव है. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे का इस बारे में कहना है कि 'निश्चित तौर पर राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री हैं और उनको डिफेंस कॉरिडोर के होर्डिंग में स्थान मिलना चाहिए था. देखने वाली बात होगी कि आने वाले समय में यह राजनीति किस ओर जाएगी.'

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