ETV Bharat / bharat

भारत को विश्व की शीर्ष नौसैन्य शक्तियों में शामिल होने का लक्ष्य रखना चाहिए : राजनाथ

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत यहां विकसित किया जा रहा नौसेना अड्डा एशिया में सबसे बड़ा होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसके लिए वह बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करेंगे. इससे पहले रक्षा मंत्री ने कारवार और कोच्चि (Karwar and Kochi) में भारत के प्रमुख नौसन्य अड्डों का बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरा शुरू किया.

author img

By

Published : Jun 24, 2021, 10:40 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 9:17 PM IST

राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह

कारवार (कर्नाटक) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत यहां विकसित किया जा रहा नौसेना अड्डा एशिया में सबसे बड़ा होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसके लिए वह बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य अगले 10-12 वर्षों में विश्व की तीन शीर्ष नौसेना में शामिल होने का रहना चाहिए.

इससे पहले रक्षा मंत्री ने कारवार और कोच्चि (Karwar and Kochi) में भारत के प्रमुख नौसन्य अड्डों का बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरा शुरू किया. सिंह ने कहा, 'प्रोजेक्ट सीबर्ड का दौरा करने से पहले इसे देखने और समझने की मुझे उत्सुकता थी...मैं कारवार को बहुत करीब से देख कर खुश हूं और कह सकता हूं कि इस नौसेना अड्डे ने मेरे विश्वास को बढ़ा दिया है.'

कारवार में होगा एशिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा : रक्षा मंत्री राजनाथ

उन्होंने नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के पूरी हो जाने पर न सिर्फ भारत की रक्षा तैयारियां मजबूत होंगी, बल्कि देश का व्यापार, अर्थव्यवस्था और उसके द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली मानवीय सहायता भी मजबूत होगी.

हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए

उन्होंने कहा, 'यह कहा जा रहा है कि यह भारत का सबसे बड़ा नौसना अड्डा होगा, लेकिन मैंने कहा है कि न सिर्फ भारत का, बल्कि हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए तथा मैं इसके लिए जरूरत पड़ने पर बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करूंगा.' नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ सिंह ने परियोजना क्षेत्र और स्थलों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद वह यहां आईएनएस कदम्ब हेलीपैड पहुंचे.

यह भी पढ़ें - अल्मोड़ा और श्रीनगर में भी NDA परीक्षा केंद्रों को मिली मंजूरी

रक्षा मंत्री ने परियोजना के हवाई सर्वेक्षण के दौरान कहा कि इस नौसेना अड्डे का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और इसका श्रेय अधिकारियों तथा नाविकों को जाता है. उन्होंने कहा, 'मैंने देश की प्रथम सीलिफ्ट सुविधा को भी देखा, जो पूर्व की तुलना में हमारे रखरखाव कार्य को बेहतर करेगा...इसलिए मेरा कहना है कि यह नौसेना अड्डा शेष से अलग है.'

सैन्य अफसरों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
सैन्य अफसरों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

अगले 10 या 12 वर्षों में शीर्ष तीन नौसैनिक शक्तियों में शामिल होने का लक्ष्य

सिंह ने भारत की शक्ति के बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा, 'भारत अब विश्व की पांच बड़ी नौसैनिक शक्तियों में शामिल हैं, हमें इसे अगले 10 या 12 वर्षों में शीर्ष तीन में पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय नौसेना का असीम योगदान है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ वह, बल्कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की जानकारी रखने वालों का भी विचार है कि नौसेना भविष्य में देश की सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

गोवा स्वतंत्रता व पाक से युद्ध में नौसेना की भूमिका को किया याद

उन्होंने गोवा की स्वतंत्रता और भारत-पाकिस्तान युद्धों में नौसेना द्वारा निभाई गई भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि राजनयिक संबंधों को बेहतर करने में नौसेना की भूमिका रही है. साथ ही, उन्होंने कोविड महामारी के दौरान इसके द्वारा दी गई सेवाओं को भी याद किया, जिसकी अन्य देशों ने भी सराहना की है.

उन्होंने कहा , 'कुछ देश आपके चलते ही हमारे करीब आए हैं.' उन्होंने कहा कि नौसेना ने देश के वैश्विक हितों की भी रक्षा की है. उन्होंने यह भी कहा, 'हमें भविष्य के लिए तैयार होना होगा, हमें अपनी ताकत और क्षमता बढ़ानी होगी.'

यह भी पढ़ें - अमेरिका सैन्य बजट : चीनी सेना की बराबरी के लिए रिकॉर्ड धन की मांग

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के विषय पर सिंह ने कहा कि पूंजीगत खरीद बजट का 64 प्रतिशत सिर्फ घरेलू खरीद के लिए होगा और रक्षा खरीद प्रक्रिया में कई बदलाव किये गये हैं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का निर्माण जल्द पूरा होने की उम्मीद है और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में इसे नौसेना बेड़े में शामिल किये जाने की संभावना है.

रक्षा मंत्री के स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण की प्रगति का जायजा लेने के लिए कोच्चि का दौरा करने का भी कार्यक्रम है.

कारवार (कर्नाटक) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बृहस्पतिवार को कहा कि 'प्रोजेक्ट सीबर्ड' के तहत यहां विकसित किया जा रहा नौसेना अड्डा एशिया में सबसे बड़ा होना चाहिए और जरूरत पड़ने पर इसके लिए वह बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि भारत का लक्ष्य अगले 10-12 वर्षों में विश्व की तीन शीर्ष नौसेना में शामिल होने का रहना चाहिए.

इससे पहले रक्षा मंत्री ने कारवार और कोच्चि (Karwar and Kochi) में भारत के प्रमुख नौसन्य अड्डों का बृहस्पतिवार को दो दिवसीय दौरा शुरू किया. सिंह ने कहा, 'प्रोजेक्ट सीबर्ड का दौरा करने से पहले इसे देखने और समझने की मुझे उत्सुकता थी...मैं कारवार को बहुत करीब से देख कर खुश हूं और कह सकता हूं कि इस नौसेना अड्डे ने मेरे विश्वास को बढ़ा दिया है.'

कारवार में होगा एशिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा : रक्षा मंत्री राजनाथ

उन्होंने नौसेना के अधिकारियों और नाविकों को संबोधित करते हुए कहा कि इस परियोजना के पूरी हो जाने पर न सिर्फ भारत की रक्षा तैयारियां मजबूत होंगी, बल्कि देश का व्यापार, अर्थव्यवस्था और उसके द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली मानवीय सहायता भी मजबूत होगी.

हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए

उन्होंने कहा, 'यह कहा जा रहा है कि यह भारत का सबसे बड़ा नौसना अड्डा होगा, लेकिन मैंने कहा है कि न सिर्फ भारत का, बल्कि हमारी इच्छा यह है कि इसे एशिया का सबसे बड़ा नौसेना अड्डा होना चाहिए तथा मैं इसके लिए जरूरत पड़ने पर बजट आवंटन बढ़ाने का प्रयास करूंगा.' नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह के साथ सिंह ने परियोजना क्षेत्र और स्थलों का हवाई सर्वेक्षण किया. इसके बाद वह यहां आईएनएस कदम्ब हेलीपैड पहुंचे.

यह भी पढ़ें - अल्मोड़ा और श्रीनगर में भी NDA परीक्षा केंद्रों को मिली मंजूरी

रक्षा मंत्री ने परियोजना के हवाई सर्वेक्षण के दौरान कहा कि इस नौसेना अड्डे का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और इसका श्रेय अधिकारियों तथा नाविकों को जाता है. उन्होंने कहा, 'मैंने देश की प्रथम सीलिफ्ट सुविधा को भी देखा, जो पूर्व की तुलना में हमारे रखरखाव कार्य को बेहतर करेगा...इसलिए मेरा कहना है कि यह नौसेना अड्डा शेष से अलग है.'

सैन्य अफसरों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
सैन्य अफसरों के साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

अगले 10 या 12 वर्षों में शीर्ष तीन नौसैनिक शक्तियों में शामिल होने का लक्ष्य

सिंह ने भारत की शक्ति के बढ़ने का जिक्र करते हुए कहा, 'भारत अब विश्व की पांच बड़ी नौसैनिक शक्तियों में शामिल हैं, हमें इसे अगले 10 या 12 वर्षों में शीर्ष तीन में पहुंचाने का लक्ष्य रखना चाहिए.'

उन्होंने कहा कि समुद्री और राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय नौसेना का असीम योगदान है. उन्होंने कहा कि न सिर्फ वह, बल्कि सुरक्षा से जुड़े मुद्दों की जानकारी रखने वालों का भी विचार है कि नौसेना भविष्य में देश की सुरक्षा में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

गोवा स्वतंत्रता व पाक से युद्ध में नौसेना की भूमिका को किया याद

उन्होंने गोवा की स्वतंत्रता और भारत-पाकिस्तान युद्धों में नौसेना द्वारा निभाई गई भूमिका का जिक्र करते हुए कहा कि राजनयिक संबंधों को बेहतर करने में नौसेना की भूमिका रही है. साथ ही, उन्होंने कोविड महामारी के दौरान इसके द्वारा दी गई सेवाओं को भी याद किया, जिसकी अन्य देशों ने भी सराहना की है.

उन्होंने कहा , 'कुछ देश आपके चलते ही हमारे करीब आए हैं.' उन्होंने कहा कि नौसेना ने देश के वैश्विक हितों की भी रक्षा की है. उन्होंने यह भी कहा, 'हमें भविष्य के लिए तैयार होना होगा, हमें अपनी ताकत और क्षमता बढ़ानी होगी.'

यह भी पढ़ें - अमेरिका सैन्य बजट : चीनी सेना की बराबरी के लिए रिकॉर्ड धन की मांग

रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के विषय पर सिंह ने कहा कि पूंजीगत खरीद बजट का 64 प्रतिशत सिर्फ घरेलू खरीद के लिए होगा और रक्षा खरीद प्रक्रिया में कई बदलाव किये गये हैं. उन्होंने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत का निर्माण जल्द पूरा होने की उम्मीद है और स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में इसे नौसेना बेड़े में शामिल किये जाने की संभावना है.

रक्षा मंत्री के स्वदेशी विमानवाहक पोत के निर्माण की प्रगति का जायजा लेने के लिए कोच्चि का दौरा करने का भी कार्यक्रम है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 9:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.