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Rezang La Memorial : सन 1962 के युद्ध के जांबाज को रक्षा मंत्री ने कुछ इस अंदाज में दिया सम्मान

रेजांग ला की लड़ाई में भारत के 120 जवानों की वीरता एवं पराक्रम को आज भी याद किया जाता है. रेजांग ला में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक वॉर हीरो विशेष रूप से सम्मान दिया. उन्होंने 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जटार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए.

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Published : Nov 18, 2021, 6:12 PM IST

देहरादून : सैनिकों के सम्मान में गुरुवार को रेजान्ग ला स्मारक का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन के लिए लेह पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का इस दौरान एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. वह खुद 1962 के युद्ध के हीरो रहे 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जाटर को व्हीलचेयर पर लेकर जाते दिखे.

ब्रिगेडियर आरवी जाटर ने चीन की सेना से युद्ध लड़कर मिसाल पेश की थी. 1962 की रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर भारत को एक नया पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक मिलने जा रहा है. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की टुकड़ियों ने 1962 के युद्ध के दौरान चीनी सेना के कई सैनिकों को मार गिराया था.

रक्षा मंत्री 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जटार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जटार के सम्मान में लिखा,

मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे रेजांग ला की लड़ाई में बहादुरी से लड़े ब्रिगेडियर (रि) आरवी जटार से भेंट करने का अवसर मिला. वे उस समय कंपनी कमांडर थे. उनके प्रति सम्मान के भाव से मैं अभिभूत हूं. मैं उनके साहस को नमन करता हूं. ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखे और दीर्घायु करें.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया. यहीं पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था. आज ही रेजांग ला की लड़ाई को 59 साल पूरे हो रहे हैं. 1962 की रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर भारत को एक नया पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक मिलने जा रहा है.

शहीदों को दी श्रद्धांजली.
शहीदों को दी श्रद्धांजली.

बता दें कि सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख में रेजांग ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के हमले का जवाब दिया था. सेना की इस टुकड़ी में 120 सैनिक थे, जिनका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह ने किया था. इस लड़ाई में टुकड़ी के कुल सैनिकों में से 110 शहीद हो गए थे. चार्ली कंपनी के पराक्रम से न केवल चीन को आगे बढ़ने से रोका जा सका, बल्कि चुशुल हवाई अड्डे को भी बचाने में कामयाबी मिली. रेजांग ला पर कब्जा करने के प्रयास में चीन के कुल 1,300 सैनिक मारे गए थे.

लेह में सैनिकों से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
लेह में सैनिकों से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.

चीन ने शुरू की थी नापाक हरकत

1962 के युद्ध हिस्ट्री के अनुसार, चीन ने 18 नवंबर को तड़के 4 बजे भारतीय इलाके में हमला शुरू कर दिया था. चीन की सेना की मंशा लेह और चुशुल रोड लिंक को वाया दुंगती को ब्लॉक करने की थी. भारतीय जवानों ने चीन की इस हरकत का करारा जवाब दिया.

रेजांग ला भारत का गौरव

रेजांग ला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है. यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है. यहां से LAC की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है. आज ये इलाका भारत का गौरव है.

पढ़ेंः हमारे दिलों में जिंदा हैं रेजांग ला में बहादुरी से मुकाबला करने वाले जवान : राजनाथ सिंह

देहरादून : सैनिकों के सम्मान में गुरुवार को रेजान्ग ला स्मारक का उद्घाटन किया गया. उद्घाटन के लिए लेह पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का इस दौरान एक अलग ही अंदाज देखने को मिला. वह खुद 1962 के युद्ध के हीरो रहे 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जाटर को व्हीलचेयर पर लेकर जाते दिखे.

ब्रिगेडियर आरवी जाटर ने चीन की सेना से युद्ध लड़कर मिसाल पेश की थी. 1962 की रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर भारत को एक नया पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक मिलने जा रहा है. मेजर शैतान सिंह के नेतृत्व में 13 कुमाऊं की टुकड़ियों ने 1962 के युद्ध के दौरान चीनी सेना के कई सैनिकों को मार गिराया था.

रक्षा मंत्री 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जटार को व्हीलचेयर पर लेकर युद्ध स्मारक तक गए.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1962 की लड़ाई में चीन के खिलाफ बहादुरी के साथ लड़ने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट के ब्रिगेडियर (रिटायर्ड) आरवी जटार के सम्मान में लिखा,

मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे रेजांग ला की लड़ाई में बहादुरी से लड़े ब्रिगेडियर (रि) आरवी जटार से भेंट करने का अवसर मिला. वे उस समय कंपनी कमांडर थे. उनके प्रति सम्मान के भाव से मैं अभिभूत हूं. मैं उनके साहस को नमन करता हूं. ईश्वर उन्हें स्वस्थ रखे और दीर्घायु करें.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में नए सिरे से बने युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया. यहीं पर भारतीय सैनिकों ने 1962 में चीनी सेना का वीरता से मुकाबला किया था. आज ही रेजांग ला की लड़ाई को 59 साल पूरे हो रहे हैं. 1962 की रेजांग ला की लड़ाई की 59वीं वर्षगांठ पर भारत को एक नया पुनर्निर्मित युद्ध स्मारक मिलने जा रहा है.

शहीदों को दी श्रद्धांजली.
शहीदों को दी श्रद्धांजली.

बता दें कि सेना की 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी ने 18 नवंबर 1962 को लद्दाख में रेजांग ला दर्रे पर चीनी सैनिकों के हमले का जवाब दिया था. सेना की इस टुकड़ी में 120 सैनिक थे, जिनका नेतृत्व मेजर शैतान सिंह ने किया था. इस लड़ाई में टुकड़ी के कुल सैनिकों में से 110 शहीद हो गए थे. चार्ली कंपनी के पराक्रम से न केवल चीन को आगे बढ़ने से रोका जा सका, बल्कि चुशुल हवाई अड्डे को भी बचाने में कामयाबी मिली. रेजांग ला पर कब्जा करने के प्रयास में चीन के कुल 1,300 सैनिक मारे गए थे.

लेह में सैनिकों से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.
लेह में सैनिकों से मिले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह.

चीन ने शुरू की थी नापाक हरकत

1962 के युद्ध हिस्ट्री के अनुसार, चीन ने 18 नवंबर को तड़के 4 बजे भारतीय इलाके में हमला शुरू कर दिया था. चीन की सेना की मंशा लेह और चुशुल रोड लिंक को वाया दुंगती को ब्लॉक करने की थी. भारतीय जवानों ने चीन की इस हरकत का करारा जवाब दिया.

रेजांग ला भारत का गौरव

रेजांग ला को इस वक्त भारत की ताकत के तौर पर देखा जाता है. यह इलाका चीनी सीमा के काफी करीब है. यहां से LAC की दूसरी तरफ साफ-साफ देखा जा सकता है. आज ये इलाका भारत का गौरव है.

पढ़ेंः हमारे दिलों में जिंदा हैं रेजांग ला में बहादुरी से मुकाबला करने वाले जवान : राजनाथ सिंह

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