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शराब बनाने वाली महिलाओं की 'शहद' ने बदली जिंदगी, दीपोत्सव की बनीं 'चमक' - दीपोत्सव कार्यक्रम

बाराबंकी जिले के जीआईसी सभागार में शनिवार को दीपोत्सव का आयोजन किया गया. पुलिस विभाग की ओर से आयोजित इस समारोह में चैनपुरवा गांव की महिलाएं विशिष्ट अतिथि थीं. दीपोत्सव में इन महिलाओं द्वारा निर्मित मोम के दीये जलाए गए.

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दीपोत्सव कार्यक्रम
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Published : Nov 8, 2020, 5:38 PM IST

बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शनिवार की शाम पुलिस विभाग की तरफ से दीपोत्सव का आयोजन किया गया. दीपोत्सव में चैनपुरवा गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए मोम के दीये (दीप) जलाए गए.

खास बात यह है कि दीपोत्सव कार्यक्रम में चैनपुरवा गांव की महिलाएं विशिष्ट अतिथि थीं और उनके सम्मान में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

बाराबंकी के जीआईसी सभागार में आयोजित इस समारोह में जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और चैनपुरवा गांव की महिलाओं को प्रोत्साहित किया. साथ ही उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.

आपको बता दें कि रामनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चैनपुरवा गांव की अधिकांश महिलाएं अवैध कच्ची शराब बनाने के कार्य में संलिप्त थीं. सरयू नदी के किनारे गांव के बसे होने के कारण वह अन्य कोई दूसरा कार्य नहीं कर सकती थीं.

तकरीबन तीन महीने पहले पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने गांव का दौरा किया और सभी महिलाओं से बात की और उन्हें मधुमक्खी पालन करने का सुझाव दिया.

यह भी पढ़ें- आजमगढ़ में गोबर से बन रहे लक्ष्मी-गणेश, जानें इसके फायदे

महिलाओं की सहमति से, उन्हें मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया. एसपी की मदद से, अब यह महिलाएं सशक्त हो गई हैं. यह महिलाएं शहद के मोम से विभिन्न डिजाइन की मोमबत्तियां बना रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक में सुधार हो रहा है.

बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शनिवार की शाम पुलिस विभाग की तरफ से दीपोत्सव का आयोजन किया गया. दीपोत्सव में चैनपुरवा गांव की महिलाओं द्वारा बनाए गए मोम के दीये (दीप) जलाए गए.

खास बात यह है कि दीपोत्सव कार्यक्रम में चैनपुरवा गांव की महिलाएं विशिष्ट अतिथि थीं और उनके सम्मान में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

बाराबंकी के जीआईसी सभागार में आयोजित इस समारोह में जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और चैनपुरवा गांव की महिलाओं को प्रोत्साहित किया. साथ ही उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.

आपको बता दें कि रामनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत चैनपुरवा गांव की अधिकांश महिलाएं अवैध कच्ची शराब बनाने के कार्य में संलिप्त थीं. सरयू नदी के किनारे गांव के बसे होने के कारण वह अन्य कोई दूसरा कार्य नहीं कर सकती थीं.

तकरीबन तीन महीने पहले पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने गांव का दौरा किया और सभी महिलाओं से बात की और उन्हें मधुमक्खी पालन करने का सुझाव दिया.

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महिलाओं की सहमति से, उन्हें मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया. एसपी की मदद से, अब यह महिलाएं सशक्त हो गई हैं. यह महिलाएं शहद के मोम से विभिन्न डिजाइन की मोमबत्तियां बना रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक में सुधार हो रहा है.

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