ETV Bharat / bharat

Gajendra Singh Shekhawat defamation case: CM गहलोत को आरोप मुक्त करने के प्रार्थना पत्र पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

Gajendra Singh Shekhawat defamation case: गजेंद्र सिंह शेखावत के मानहानि मामले में गुरुवार को दिल्ली की कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में CM अशोक गहलोत ने अपने को आरोप मुक्त करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 14, 2023, 4:27 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 256 का प्रार्थना पत्र देकर खुद को आरोप मुक्त करने की मांग की है. इस मामले पर गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अशोक गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. अब कोर्ट 19 सितंबर को दोपहर दो बजे फैसला सुनाएगी.

मामले की सुनवाई दोपहर दो बजे शुरू हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों के वकीलों में करीब सवा घंटे तक तीखी बहस हुई. शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए. माथुर ने दलील दी कि लगातार तीन तारीखों पर शिकायतकर्ता अगर पेश नहीं होता है तो कोर्ट आरोपित को आरोप मुक्त करने का अधिकार है. शिकायतकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत पहले ही लगातार तीन तारीखों पर अनुपस्थित रहे हैं. इसलिए अशोक गहलोत को मानहानि के मामले से आरोप मुक्त किया जाए.

शेखावत के वकील ने किया विरोधः गहलोत की दलील का विरोध करते हुए शेखावत के वकील विकास पाहवा ने अपनी दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि आरोपित होने के बावजूद गहलोत भी अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं, उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में 19 सितंबर को दोपहर दो बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली दंगे से जुड़े बड़ी साजिश के मामले में सुनवाई 18 सितंबर तक टली, शरजील इमाम समेत 20 लोगों पर लगे हैं आरोप

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में कोर्ट ने समन जारी कर सात अगस्त को पेश होने का भी आदेश दिया था. इसके बाद गहलोत ने सेशन कोर्ट में अपील की थी और व्यक्तिगत पेशी के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति मांगी थी. तभी से गहलोत लगातार वीसी से पेश हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Liquor Scam Case: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस, उपराज्यपाल ने दी अनुमति

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर मानहानि मामले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 256 का प्रार्थना पत्र देकर खुद को आरोप मुक्त करने की मांग की है. इस मामले पर गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अशोक गहलोत और गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हुए. एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया. अब कोर्ट 19 सितंबर को दोपहर दो बजे फैसला सुनाएगी.

मामले की सुनवाई दोपहर दो बजे शुरू हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों के वकीलों में करीब सवा घंटे तक तीखी बहस हुई. शेखावत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गहलोत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर पेश हुए. माथुर ने दलील दी कि लगातार तीन तारीखों पर शिकायतकर्ता अगर पेश नहीं होता है तो कोर्ट आरोपित को आरोप मुक्त करने का अधिकार है. शिकायतकर्ता गजेंद्र सिंह शेखावत पहले ही लगातार तीन तारीखों पर अनुपस्थित रहे हैं. इसलिए अशोक गहलोत को मानहानि के मामले से आरोप मुक्त किया जाए.

शेखावत के वकील ने किया विरोधः गहलोत की दलील का विरोध करते हुए शेखावत के वकील विकास पाहवा ने अपनी दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि आरोपित होने के बावजूद गहलोत भी अभी तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं, उन्हें भी कोर्ट में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाए. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले में 19 सितंबर को दोपहर दो बजे के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली दंगे से जुड़े बड़ी साजिश के मामले में सुनवाई 18 सितंबर तक टली, शरजील इमाम समेत 20 लोगों पर लगे हैं आरोप

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ दर्ज कराए गए आपराधिक मानहानि के मामले में कोर्ट ने समन जारी कर सात अगस्त को पेश होने का भी आदेश दिया था. इसके बाद गहलोत ने सेशन कोर्ट में अपील की थी और व्यक्तिगत पेशी के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेश होने की अनुमति मांगी थी. तभी से गहलोत लगातार वीसी से पेश हो रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः Liquor Scam Case: दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस, उपराज्यपाल ने दी अनुमति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.