नई दिल्ली : भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने एक नई कोविड रोधी दवा के आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है. ये दवा डीआरडीओ ने विकसित की है.
रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि मुंह के जरिये ली जाने वाली इस दवा को कोरोना वायरस के मध्यम से गंभीर लक्षण मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है.
मंत्रालय ने बताया कि चिकित्सकीय परीक्षण में सामने आया कि 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) दवा अस्पताल में भर्ती मरीजों के जल्द ठीक होने में मदद करने के साथ-साथ अतिरिक्त ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है.
इस दवा को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रतिष्ठित प्रयोगशाला नामिकीय औषिध तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (आईएनएमएएस) ने हैदराबाद के डॉ.रेड्डी लेबोरेटरी के साथ मिलकर विकसित किया है.
मंत्रालय ने बताया कि 2-डीजी दवा पाउडर के रूप में पैकेट में आती है, इसे पानी में घोल कर पीना होता है.
मंत्रालय ने बयान में कहा, 'एक मई को डीसीजीआई ने इस दवा को कोविड-19 के मध्यम एवं गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए सहायक पद्धति के रूप में आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी. सामान्य अणु और ग्लूकोज के अनुरूप होने की वजह से इसे भारी मात्रा में देश में ही तैयार किया जा सकता है.'
मंत्रालय ने कहा, 'डीआरडीओ की 2-डीजी दवा वायरस से संक्रमित कोशिका में जमा हो जाती है और वायरस की वृद्धि को रोकती है. वायरस से संक्रमित कोशिका पर चुनिंदा तरीके से काम करना इस दवा को खास बनाता है.'
न्यूक्लियर मेडिसिन एंड एलाइड साइंसेज (INMAS-DRDO) के वैज्ञानिक डॉ. सुधीर चांदना ने बताया कि हमने अप्रैल 2020 में कोविड 19 ड्रग को लेकर एक महत्वपूर्ण काम शुरू किया था. हमने सीसीएमबी हैदराबाद में पहला एक्सपेरीमेंट किया जिसमें वायरस पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) के असर का पता किया. इसमें काफी अच्छे परिणाम सामने आए.
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वैज्ञानिक डॉ. अनंत नारायण ने बताया कि डीसीजीआई ने हमें तीसरे चरण के ट्रायल की इजाजत दी थी, जिसमें ये मरीजों पर काफी कारगर पाया गया. ये दवा कोविड के वेरिंयट में भी कारगर है. . प्रयास किए जा रहे हैं कि जल्द से जल्द ये दवा बाजार में उपलब्ध हो और मरीजों तक पहुंचे.