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दाभोलकर हत्याकांड : 15 सितंबर को तय किए जाएंगे आरोप

पुणे की विशेष अदालत ने कहा है कि दाभोलकर हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ 15 सितंबर को आरोप तय किए जाएंगे. मंगलवार को सुनवाई के दौरान आरोपियों ने गुनाह कबूल करने या नहीं करने के लिए अदालत से और समय देने का अनुरोध किया था.

दाभोलकर हत्याकांड
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Published : Sep 7, 2021, 6:37 PM IST

पुणे : महाराष्ट्र के अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ 15 सितंबर को आरोप तय किए जाएंगे. पुणे की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में एक दक्षिणपंथी कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. आरोप तय होने के बाद आपराधिक मुकदमा शुरू होगा.

अदालत ने कहा कि वीरेंद्र सिंह तावडे, सचिन अंदुरे, शरद कालस्कर और विक्रम भावे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 34 (समान मंशा), शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं तथा विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम की धारा 16 के तहत आरोप तय किये जाएंगे. एक अन्य आरोपी संजीव पूनालेकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत आरोप तय किये जाएंगे.

अभियोजन पक्ष के सूत्रों ने कहा कि तावडे, अंदुरे और पूनालेकर ने वीडियो लिंक के माध्यम से सुनवाई में भाग लिया, वहीं भावे जेल में बंद है. का लस्कर तकनीकी कारणों से डिजिटल सुनवाई में शामिल नहीं हो सका.

न्यायाधीश ने जब आरोपियों से पूछा कि क्या वे अपना गुनाह कबूल करते हैं तो तावडे ने समय मांगते हुए कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाहता है. अंदुरे ने भी और समय मांगा.

यह भी पढ़ें- शबनम को NHRC से भी नहीं मिली राहत, यूएनओ जाने की तैयारी

न्यायाधीश ने कहा कि केवल गुनाह कबूल करने या नहीं करने के लिए समय देने की जरूरत नहीं है.

आरोपियों ने जब जोर दिया तो अदालत ने कार्यवाही 15 सितंबर तक स्थगित करने का आदेश सुनाया, लेकिन स्पष्ट किया कि इसके आगे तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी.

पुणे : महाराष्ट्र के अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ 15 सितंबर को आरोप तय किए जाएंगे. पुणे की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दाभोलकर की 20 अगस्त, 2013 को पुणे में एक दक्षिणपंथी कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों ने कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी थी. आरोप तय होने के बाद आपराधिक मुकदमा शुरू होगा.

अदालत ने कहा कि वीरेंद्र सिंह तावडे, सचिन अंदुरे, शरद कालस्कर और विक्रम भावे के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 120 (बी) (आपराधिक षड्यंत्र), 34 (समान मंशा), शस्त्र अधिनियम की संबंधित धाराओं तथा विधिविरुद्ध क्रियाकलाप रोकथाम अधिनियम की धारा 16 के तहत आरोप तय किये जाएंगे. एक अन्य आरोपी संजीव पूनालेकर के खिलाफ आईपीसी की धारा 201 के तहत आरोप तय किये जाएंगे.

अभियोजन पक्ष के सूत्रों ने कहा कि तावडे, अंदुरे और पूनालेकर ने वीडियो लिंक के माध्यम से सुनवाई में भाग लिया, वहीं भावे जेल में बंद है. का लस्कर तकनीकी कारणों से डिजिटल सुनवाई में शामिल नहीं हो सका.

न्यायाधीश ने जब आरोपियों से पूछा कि क्या वे अपना गुनाह कबूल करते हैं तो तावडे ने समय मांगते हुए कहा कि वह अपने परिवार के सदस्यों और वकीलों से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाहता है. अंदुरे ने भी और समय मांगा.

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न्यायाधीश ने कहा कि केवल गुनाह कबूल करने या नहीं करने के लिए समय देने की जरूरत नहीं है.

आरोपियों ने जब जोर दिया तो अदालत ने कार्यवाही 15 सितंबर तक स्थगित करने का आदेश सुनाया, लेकिन स्पष्ट किया कि इसके आगे तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी.

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