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'गुलाब' के बाद अब अरब सागर में बन रहा चक्रवाती तूफान 'शाहीन' - अरब सागर में चक्रवात शाहीन

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, अरब सागर में चक्रवात 'शाहीन' बन रहा है, जिसका प्रभाव महाराष्ट्र में हो सकता है. हालांकि, चक्रवाती तूफान भारत के पश्चिमी तट से नहीं टकराएगा, इसलिए इसका सीधा असर राज्य पर नहीं होगा.

चक्रवात 'शाहीन'
चक्रवात 'शाहीन'
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Published : Sep 30, 2021, 6:55 AM IST

मुंबई : मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि 'गुलाब' के बाद अरब सागर में एक निम्न वायु दाब क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है, जिसका प्रभाव महाराष्ट्र में हो सकता है. यह तूफान ओमान के तट के पास से उठा है और इसका नाम 'शाहीन' रखा गया है. अरब सागर में बन रहे इस चक्रवात पर मौसम विभाग कड़ी नजर रख रहा है.

मौसम विभाग के मुताबिक, इस चक्रवात को देखते हुए अगले दो-तीन दिन काफी अहम होने वाले हैं. हालांकि, चक्रवात भारत के पश्चिमी तट से नहीं टकराएगा, इसलिए इसका सीधा असर महाराष्ट्र पर नहीं पड़ेगा.

चक्रवात के 30 सितंबर तक अरब सागर से उठने की उम्मीद है और एक अक्टूबर को यह महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से मुंबई की ओर बढ़ेगा. चक्रवात के कारण मौसम विभाग ने महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया है, क्योंकि यह तटीय इलाकों से गुजरेगा.

वहीं, चक्रवात गुलाब के असर से मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश को देखते हुए बुधवार को आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह विरल मामला है और मौसम प्रणाली एक और चक्रवाती तूफान को जन्म दे सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम केंद्र के प्रमुख डॉ. जयंत सरकार ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अक्सर नहीं होतीं, हालांकि मौसम विज्ञानियों को इसकी जानकारी होती है. उन्होंने कहा, इससे महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश हुई और कोंकण, मध्य महाराष्ट्र तथा मराठवाड़ा क्षेत्र अधिक बारिश वाली श्रेणी में आ गए.

चक्रवात 'कम दबाव के क्षेत्र' से शुरू होता है और चक्रवात प्रणाली के तट से टकराते ही इसकी तीव्रता कम हो जाती है क्योंकि नमी की मात्रा कम हो जाती है.

सरकार ने कहा कि चक्रवात गुलाब पूर्वी तट पर श्रीकाकुलम और विशाखापत्तनम के बीच तट से टकराया और पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में पिछले तीन दिनों में इसके कारण भारी बारिश हुई.

यह भी पढ़ें- चक्रवाती तूफान 'गुलाब' ने मचाई तबाही, तेलंगाना और आंध्र में भारी बारिश

उन्होंने कहा, मौसम प्रणाली में कुछ नमी आई और यह अरब सागर की तरफ बढ़ गई और यह सौराष्ट्र क्षेत्र से वापस लौट सकती है. ज्यादा नमी होने से यह कम दबाव से गहरे दबाव और फिर चक्रवात में तब्दील हो सकती है.

मुंबई : मौसम विभाग ने पूर्वानुमान लगाया है कि 'गुलाब' के बाद अरब सागर में एक निम्न वायु दाब क्षेत्र के चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है, जिसका प्रभाव महाराष्ट्र में हो सकता है. यह तूफान ओमान के तट के पास से उठा है और इसका नाम 'शाहीन' रखा गया है. अरब सागर में बन रहे इस चक्रवात पर मौसम विभाग कड़ी नजर रख रहा है.

मौसम विभाग के मुताबिक, इस चक्रवात को देखते हुए अगले दो-तीन दिन काफी अहम होने वाले हैं. हालांकि, चक्रवात भारत के पश्चिमी तट से नहीं टकराएगा, इसलिए इसका सीधा असर महाराष्ट्र पर नहीं पड़ेगा.

चक्रवात के 30 सितंबर तक अरब सागर से उठने की उम्मीद है और एक अक्टूबर को यह महाराष्ट्र और गुजरात के तटों से मुंबई की ओर बढ़ेगा. चक्रवात के कारण मौसम विभाग ने महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में भारी बारिश का अनुमान जताया है, क्योंकि यह तटीय इलाकों से गुजरेगा.

वहीं, चक्रवात गुलाब के असर से मध्य महाराष्ट्र में भारी बारिश को देखते हुए बुधवार को आईएमडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह विरल मामला है और मौसम प्रणाली एक और चक्रवाती तूफान को जन्म दे सकती है.

भारत मौसम विज्ञान विभाग के क्षेत्रीय मौसम केंद्र के प्रमुख डॉ. जयंत सरकार ने कहा कि इस तरह की घटनाएं अक्सर नहीं होतीं, हालांकि मौसम विज्ञानियों को इसकी जानकारी होती है. उन्होंने कहा, इससे महाराष्ट्र में अत्यधिक बारिश हुई और कोंकण, मध्य महाराष्ट्र तथा मराठवाड़ा क्षेत्र अधिक बारिश वाली श्रेणी में आ गए.

चक्रवात 'कम दबाव के क्षेत्र' से शुरू होता है और चक्रवात प्रणाली के तट से टकराते ही इसकी तीव्रता कम हो जाती है क्योंकि नमी की मात्रा कम हो जाती है.

सरकार ने कहा कि चक्रवात गुलाब पूर्वी तट पर श्रीकाकुलम और विशाखापत्तनम के बीच तट से टकराया और पश्चिम की तरफ बढ़ते हुए महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात में पिछले तीन दिनों में इसके कारण भारी बारिश हुई.

यह भी पढ़ें- चक्रवाती तूफान 'गुलाब' ने मचाई तबाही, तेलंगाना और आंध्र में भारी बारिश

उन्होंने कहा, मौसम प्रणाली में कुछ नमी आई और यह अरब सागर की तरफ बढ़ गई और यह सौराष्ट्र क्षेत्र से वापस लौट सकती है. ज्यादा नमी होने से यह कम दबाव से गहरे दबाव और फिर चक्रवात में तब्दील हो सकती है.

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