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दुबई से साइबर ठग दिखा रहे पैसा डबल करने का सपना, जानिए कैसे हो रही ठगी - पैसा डबल करने का सपना

देश में लगातार साइबर फ्राॅड के मामले सामने आ रहे हैं. जालसाज ठगी करने के लिए नये-नये तरीके खोज रहे हैं.

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Published : Jun 3, 2023, 7:27 PM IST

लखनऊ : मड़ियांव के रहने वाले फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले एक पीड़ित अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में साइबर जालसाजों के चक्कर में फंसे और 22 लाख रुपए गंवा बैठे. साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला जालसाजों ने 2500 किलोमीटर दूर बैठकर पीड़ित के साथ फ्रॉड किया. न सिर्फ विजय बल्कि राजधानी के महेंद्र, हेमंत और संदीप को भी 2500 किलोमीटर दूर बैठकर ही ठगा गया था!. ऐसे में अब पुलिस के सामने इस बात की चुनौती है कि लखनऊ में बैठकर कैसे इन जालसाजों पर लगाम लगाई जाए.

साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि 'साइबर फ्रॉड की रोजाना 50 से 60 शिकायतें आती हैं. हाल ही में जो सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं वह टेलीग्राम यूजर्स से जुड़ी होती हैं. जांच के दौरान सामने आया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दुबई से दिया जा रहा है. दुबई से ऑपरेट हो रहा ग्रुप देश के अलग-अलग शहरों में बैंक अकाउंट खुलवाता है. इसमें खासतौर पर बिहार, झारखंड, उड़ीसा, कोलकाता और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों के लोगों का अकाउंट शामिल है. ठगी कर पैसों को बैंक अकाउंट से राजस्थान और हरियाणा से निकाला जा रहा है, यही वजह है कि यह साइबर गैंग पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं.'

साइबर फ्राॅड के मामले
साइबर फ्राॅड के मामले

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि 'सोशल मीडिया नेटवर्क टेलीग्राम में कुछ ऐसे फीचर्स होते हैं, जिसमें व्यक्ति की प्रोफाइल फोटो शो नहीं होती है, सिर्फ उसका यूजर नेम ही दिखता है. टेलीग्राम में यूजर के न ही मोबाइल नम्बर होते हैं और न ही कोई आवश्यक जानकारी, जिस वजह से जालसाजों को पकड़ने में दिक्कत आ रही है.'


नये तरीके निकाल रहे जालसाज
नये तरीके निकाल रहे जालसाज


केस 1 : फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले पीड़ित विजय के मुताबिक, 'उन्हें 19 अप्रैल को व्हाट्सएप में मैसेज आया और उन्हें टास्क पूरा कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते हुए टेलीग्राम के एक ग्रुप में एड कराया गया. इसके बाद पांच टास्क में पहला टास्क पूरा करने पर उन्हें 3 हजार रुपए दिए गए. इसके बाद अगले टास्क पूरा करने के लिए उनसे 4 लाख 84 हजार रुपए इन्वेस्ट करवाए गए. विजय के मुताबिक, उन्होंने जब टास्क पूरे कर लिए तो अपने मुनाफे के पैसे मांगे, जिस पर जालसाजों ने उनसे टैक्स के लिए 276703 रुपए और जमा करवाए. इसी तरह अलग-अलग कारणों को बताते हुए विजय कुमार से जालसाजों ने कुल 2214670 रुपए जमा करवा लिए. बावजूद इसके जब उन्हें पैसा नहीं दिया गया और आगे भी अन्य टास्क करने के लिए कहा गया तो उन्हें खुद के साथ ठगी होने का एहसास हुआ.'

केस-2 : निशातगंज के रहने वाले एक हेमंत के मुताबिक, 'एक दिन अचानक अंजान नंबर से किसी ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा और एक टेलीग्राम ग्रुप पर जुड़ने को कहा गया. जब मैं टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ा तो वहां पैसा डबल करने का लालच दिया गया. 5 हजार जमा किया तो कुछ ही दिन में 15 हजार मिल गए. लालच बढ़ा तो उन्होंने ढाई लाख रुपए जमा कर दिए तो ग्रुप ही बंद हो गया.'


केस-3 : बालागंज के रहने वाले संदीप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट देखी. इसमें उन्हें वीडियो लाइक करने के एवज में कमाई करने का मौका दिखाया गया. उन्होंने उस पोस्ट पर कमेंट किया तो उन्हे कॉल आ गई. इसके बाद टेलीग्राम के ग्रुप पर लिंक भेजा गया और उसमें जुड़ने को कहा गया. इसमें पैसे भी जमा कराया, कई बार पैसे बढ़ाकर दिए भी गए, लेकिन 25 अप्रैल को जब बड़ा अमाउंट दिया तो ग्रुप ही गायब हो गया.

यह भी पढ़ें : मदरसों, खानकाओं में भाजपा मनाएगी योग दिवस, अल्पसंख्यक मोर्चा बना रहा रणनीति

लखनऊ : मड़ियांव के रहने वाले फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले एक पीड़ित अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में साइबर जालसाजों के चक्कर में फंसे और 22 लाख रुपए गंवा बैठे. साइबर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो पता चला जालसाजों ने 2500 किलोमीटर दूर बैठकर पीड़ित के साथ फ्रॉड किया. न सिर्फ विजय बल्कि राजधानी के महेंद्र, हेमंत और संदीप को भी 2500 किलोमीटर दूर बैठकर ही ठगा गया था!. ऐसे में अब पुलिस के सामने इस बात की चुनौती है कि लखनऊ में बैठकर कैसे इन जालसाजों पर लगाम लगाई जाए.

साइबर सेल लखनऊ के प्रभारी सतीश साहू बताते हैं कि 'साइबर फ्रॉड की रोजाना 50 से 60 शिकायतें आती हैं. हाल ही में जो सबसे अधिक शिकायतें आ रही हैं वह टेलीग्राम यूजर्स से जुड़ी होती हैं. जांच के दौरान सामने आया है कि सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक मुनाफा कमाने का लालच दुबई से दिया जा रहा है. दुबई से ऑपरेट हो रहा ग्रुप देश के अलग-अलग शहरों में बैंक अकाउंट खुलवाता है. इसमें खासतौर पर बिहार, झारखंड, उड़ीसा, कोलकाता और महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों के लोगों का अकाउंट शामिल है. ठगी कर पैसों को बैंक अकाउंट से राजस्थान और हरियाणा से निकाला जा रहा है, यही वजह है कि यह साइबर गैंग पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बने हुए हैं.'

साइबर फ्राॅड के मामले
साइबर फ्राॅड के मामले

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने बताया कि 'सोशल मीडिया नेटवर्क टेलीग्राम में कुछ ऐसे फीचर्स होते हैं, जिसमें व्यक्ति की प्रोफाइल फोटो शो नहीं होती है, सिर्फ उसका यूजर नेम ही दिखता है. टेलीग्राम में यूजर के न ही मोबाइल नम्बर होते हैं और न ही कोई आवश्यक जानकारी, जिस वजह से जालसाजों को पकड़ने में दिक्कत आ रही है.'


नये तरीके निकाल रहे जालसाज
नये तरीके निकाल रहे जालसाज


केस 1 : फाइनेंशियल कंपनी में काम करने वाले पीड़ित विजय के मुताबिक, 'उन्हें 19 अप्रैल को व्हाट्सएप में मैसेज आया और उन्हें टास्क पूरा कर अधिक मुनाफा कमाने का लालच देते हुए टेलीग्राम के एक ग्रुप में एड कराया गया. इसके बाद पांच टास्क में पहला टास्क पूरा करने पर उन्हें 3 हजार रुपए दिए गए. इसके बाद अगले टास्क पूरा करने के लिए उनसे 4 लाख 84 हजार रुपए इन्वेस्ट करवाए गए. विजय के मुताबिक, उन्होंने जब टास्क पूरे कर लिए तो अपने मुनाफे के पैसे मांगे, जिस पर जालसाजों ने उनसे टैक्स के लिए 276703 रुपए और जमा करवाए. इसी तरह अलग-अलग कारणों को बताते हुए विजय कुमार से जालसाजों ने कुल 2214670 रुपए जमा करवा लिए. बावजूद इसके जब उन्हें पैसा नहीं दिया गया और आगे भी अन्य टास्क करने के लिए कहा गया तो उन्हें खुद के साथ ठगी होने का एहसास हुआ.'

केस-2 : निशातगंज के रहने वाले एक हेमंत के मुताबिक, 'एक दिन अचानक अंजान नंबर से किसी ने व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा और एक टेलीग्राम ग्रुप पर जुड़ने को कहा गया. जब मैं टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ा तो वहां पैसा डबल करने का लालच दिया गया. 5 हजार जमा किया तो कुछ ही दिन में 15 हजार मिल गए. लालच बढ़ा तो उन्होंने ढाई लाख रुपए जमा कर दिए तो ग्रुप ही बंद हो गया.'


केस-3 : बालागंज के रहने वाले संदीप ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट देखी. इसमें उन्हें वीडियो लाइक करने के एवज में कमाई करने का मौका दिखाया गया. उन्होंने उस पोस्ट पर कमेंट किया तो उन्हे कॉल आ गई. इसके बाद टेलीग्राम के ग्रुप पर लिंक भेजा गया और उसमें जुड़ने को कहा गया. इसमें पैसे भी जमा कराया, कई बार पैसे बढ़ाकर दिए भी गए, लेकिन 25 अप्रैल को जब बड़ा अमाउंट दिया तो ग्रुप ही गायब हो गया.

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